सहारनपुर: देवबंद दारुल उलूम के प्रेस प्रवक्ता अशरफ उस्मानी ने कहा कि "कुछ लोग कोरोना वैक्सीन को लेकर उल्टी-सीधी बयानबाजी कर रहे हैं और वैक्सीन को गलत बता रहे हैं. देवबंद दारुल उलूम से अभी तक इस संबंध में कोई फतवा जारी हुआ है और न ही इसको जायज और नाजायज बताया गया है.
'हलाल या हराम'
कोरोना वैक्सीन को लेकर मुसलिम समुदाय में असमंजस की स्थिति है. क्योंकि मेडिकल एक्सपर्ट्स का कहना है कि टीकों में आम तौर पर सूअर की चर्बी का इस्तेमाल किया जाता है और इस्लाम में सूअर को हराम करार दिया गया है. इसलिए मुसलमानों की फिक्र बढ़ गई है कि वो वैक्सीन का टीका लगवाएं या नहीं. वहीं लखनऊ के मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने मुस्लिम समाज से किसी भी तरह के बहकावे में आने की बजाए कोरोना वैक्सीन लगावाने की बात कही है. उनका कहना है कि जान की हिफाजत जरूरी है इसलिए सभी लोग वैक्सीन लगवाएं.