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कोरोना वैक्सीन 'हलाल या हराम', जानिए देवबंद की राय

सहारनपुर में देवबंद के दारुल उलूम के प्रेस प्रवक्ता अशरफ उस्मानी ने स्पष्ट किया कि वैक्सीन के हलाल या हराम होने के संबंध में दारुल उलूम ने कोई भी फतवा या बयान जारी नहीं किया है.

कोरोना वैक्सीन 'हलाल या हराम'
कोरोना वैक्सीन 'हलाल या हराम'
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Published : Dec 28, 2020, 4:56 PM IST

सहारनपुर: देवबंद दारुल उलूम के प्रेस प्रवक्ता अशरफ उस्मानी ने कहा कि "कुछ लोग कोरोना वैक्सीन को लेकर उल्टी-सीधी बयानबाजी कर रहे हैं और वैक्सीन को गलत बता रहे हैं. देवबंद दारुल उलूम से अभी तक इस संबंध में कोई फतवा जारी हुआ है और न ही इसको जायज और नाजायज बताया गया है.

दारुल उलूम के प्रेस प्रवक्ता अशरफ उस्मानी ने जारी किया बयान
दारुल उलूम के प्रेस प्रवक्ता अशरफ उस्मानी ने स्पष्ट किया कि वैक्सीन के हलाल या हराम होने के संबंध में दारुल उलूम ने कोई भी फतवा या बयान जारी नहीं किया है, दारुल उलूम के नाम से सोशल मीडिया पर कोरोना वैक्सीन के इस्तेमाल को हराम बताए जाने संबंधी फर्जी फतवे पर दारुल उलूम ने रोष जताया है. अशरफ उस्मानी ने जारी ने कहा कि "कोरोना वायरस के खात्मे के लिए जिस वैक्सीन के ईजाद और इस्तेमाल की खबरें विदेशों से आ रही है, वह वैक्सीन अभी हमारे देश में आम तौर पर उपलब्ध भी नहीं है, वैक्सीन बनाने में किन चीजों का प्रयोग किया गया है. इस संबंध में भी कोई विश्वसनीय साक्ष्य सामने नहीं आए हैं, इसलिए इसके खिलाफ कोई बयान या फतवा देना बेईमानी है.

'हलाल या हराम'

कोरोना वैक्सीन को लेकर मुसलिम समुदाय में असमंजस की स्थिति है. क्योंकि मेडिकल एक्सपर्ट्स का कहना है कि टीकों में आम तौर पर सूअर की चर्बी का इस्तेमाल किया जाता है और इस्लाम में सूअर को हराम करार दिया गया है. इसलिए मुसलमानों की फिक्र बढ़ गई है कि वो वैक्सीन का टीका लगवाएं या नहीं. वहीं लखनऊ के मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने मुस्लिम समाज से किसी भी तरह के बहकावे में आने की बजाए कोरोना वैक्सीन लगावाने की बात कही है. उनका कहना है कि जान की हिफाजत जरूरी है इसलिए सभी लोग वैक्सीन लगवाएं.

सहारनपुर: देवबंद दारुल उलूम के प्रेस प्रवक्ता अशरफ उस्मानी ने कहा कि "कुछ लोग कोरोना वैक्सीन को लेकर उल्टी-सीधी बयानबाजी कर रहे हैं और वैक्सीन को गलत बता रहे हैं. देवबंद दारुल उलूम से अभी तक इस संबंध में कोई फतवा जारी हुआ है और न ही इसको जायज और नाजायज बताया गया है.

दारुल उलूम के प्रेस प्रवक्ता अशरफ उस्मानी ने जारी किया बयान
दारुल उलूम के प्रेस प्रवक्ता अशरफ उस्मानी ने स्पष्ट किया कि वैक्सीन के हलाल या हराम होने के संबंध में दारुल उलूम ने कोई भी फतवा या बयान जारी नहीं किया है, दारुल उलूम के नाम से सोशल मीडिया पर कोरोना वैक्सीन के इस्तेमाल को हराम बताए जाने संबंधी फर्जी फतवे पर दारुल उलूम ने रोष जताया है. अशरफ उस्मानी ने जारी ने कहा कि "कोरोना वायरस के खात्मे के लिए जिस वैक्सीन के ईजाद और इस्तेमाल की खबरें विदेशों से आ रही है, वह वैक्सीन अभी हमारे देश में आम तौर पर उपलब्ध भी नहीं है, वैक्सीन बनाने में किन चीजों का प्रयोग किया गया है. इस संबंध में भी कोई विश्वसनीय साक्ष्य सामने नहीं आए हैं, इसलिए इसके खिलाफ कोई बयान या फतवा देना बेईमानी है.

'हलाल या हराम'

कोरोना वैक्सीन को लेकर मुसलिम समुदाय में असमंजस की स्थिति है. क्योंकि मेडिकल एक्सपर्ट्स का कहना है कि टीकों में आम तौर पर सूअर की चर्बी का इस्तेमाल किया जाता है और इस्लाम में सूअर को हराम करार दिया गया है. इसलिए मुसलमानों की फिक्र बढ़ गई है कि वो वैक्सीन का टीका लगवाएं या नहीं. वहीं लखनऊ के मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने मुस्लिम समाज से किसी भी तरह के बहकावे में आने की बजाए कोरोना वैक्सीन लगावाने की बात कही है. उनका कहना है कि जान की हिफाजत जरूरी है इसलिए सभी लोग वैक्सीन लगवाएं.

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