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Darul Uloom Deoband : इस्लाम में दाढ़ी रखना अनिवार्य, बिना दाढ़ी नहीं मिलेगा दाखिला

दारुल उलूम देवबंंद ने मदरसे में पढ़ने वाले छात्रों के लिए एक फरमान जारी किया है. इसमें कहा गया है कि छात्रों के लिए दाढ़ी रखना अनिवार्य है.

Darul Uloom Deoband
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Published : Feb 22, 2023, 10:33 AM IST

दारुल उलूम देवबंंद का फरमान

सहारनपुर: इन दिनों फतवों की नगरी एवं इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम देवबंद ने मदरसे में पढ़ने वाले छात्रों के लिए अनोखा फरमान जारी किया है. दारुल उलूम के शिक्षा विभाग ने छात्रों के लिए दाढ़ी रखना न सिर्फ अनिवार्य बताया है, बल्कि बिना दाढ़ी के मदरसे में दाखिला नहीं देने का एलान किया है. दारुल उलूम के इस एलान के बाद से तलबा (मदरसा छात्रों) में हड़कंप मचा हुआ है. वहीं, उलेमाओं ने दारुल उलूम के इस फरमान को जायज करार दिया है.

इस्लामिक स्कॉलर कारी इशहाक गोरा ने बताया कि इस्लाम में दाढ़ी रखना जायज माना जाता है. मुठीभर दाढ़ी होने पर ही कटवाई जा सकती है. उन्होंने बताया कि पेगंबर साहब दाढ़ी रखते थे. उन्होंने अपनी दाढ़ी को कभी नहीं कटवाया. इसलिए हर मुसलमान को उनके बताए रास्ते पर चलते हुए दाढ़ी रखना जरूरी है.

बता दें कि विश्वविख्यात इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम में न सिर्फ दुनिया भर के मुस्लिम छात्र इस्लामिक तालीम ले रहे हैं, बल्कि दारुल उलूम का फैसला दुनिया भर के मुसलमानों के लिए अहम माना जाता है. यही वजह है कि दारुल उलूम देवबंद को फतवों की नगरी कहा जाता है. दारुल उलूम प्रबंधन मदरसे में पढ़ने वाले तमाम छात्रों के लिए बड़ा एलान किया है. उलेमाओं ने छात्रों के लिए दाढ़ी रखना अनिवार्य कर दिया है. इसके लिए बाकायदा नोटिस चस्पा किया गया है.

शिक्षा विभाग के प्रभारी मौलाना हुसैन अहमद हरिद्वारी की ओर से चस्पा नोटिस में छात्रों को अनुशासन में रखने के लिए नसीहत दी गई है. विशेषकर दाढ़ी कटवाने वाले छात्रों को सख्त चेतावनी दी है. नोटिस में स्पष्ट कहा गया है कि यदि कोई पुराना छात्र दाढ़ी कटवाता है, तो उसके विरुद्ध सीधे निष्कासन की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. जबकि, दाढ़ी कटवाकर संस्था में प्रवेश के लिए आने वाले किसी भी छात्र को दाखिला नहीं दिया जाएगा.

इस्लामिक धर्म गुरु एवं स्कॉलर कारी इशहाक गोरा ने बताया कि पेगंबर मोहमद अजरत ने जिस तरह जिंदगी गुजारी है. ऐसी जिंदगी गुजारना सुन्नत है. ठीक उसी तरह दाढ़ी रखना भी सुन्नत है. उन्होंने कहा कि मुट्ठी भर से ज्यादा दाढ़ी को कटवाया जा सकता है. लेकिन, पूरी दाढ़ी कटवाना इस्लाम में जायज नही हैं. दाढ़ी मुसलमान की पहचान ही नहीं, बल्कि मोहम्मद पैंगबर हजरत साहब की जिंदगी से जुड़ी परम्परा है, जिसे कायम रखना हर मुसलमान का फर्ज है. इसलिए हर मुसलामन को चाहिए कि मोहम्मद पैंगबर सहाब की तरह जिंदगी गुजारे.

यह भी पढ़ें: Prayagraj News : महंत राजू दास बोले- स्वामी प्रसाद मौर्य सामाजिक आतंकवादी, रामचरित मानस को लेकर सियासत जारी


दारुल उलूम देवबंंद का फरमान

सहारनपुर: इन दिनों फतवों की नगरी एवं इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम देवबंद ने मदरसे में पढ़ने वाले छात्रों के लिए अनोखा फरमान जारी किया है. दारुल उलूम के शिक्षा विभाग ने छात्रों के लिए दाढ़ी रखना न सिर्फ अनिवार्य बताया है, बल्कि बिना दाढ़ी के मदरसे में दाखिला नहीं देने का एलान किया है. दारुल उलूम के इस एलान के बाद से तलबा (मदरसा छात्रों) में हड़कंप मचा हुआ है. वहीं, उलेमाओं ने दारुल उलूम के इस फरमान को जायज करार दिया है.

इस्लामिक स्कॉलर कारी इशहाक गोरा ने बताया कि इस्लाम में दाढ़ी रखना जायज माना जाता है. मुठीभर दाढ़ी होने पर ही कटवाई जा सकती है. उन्होंने बताया कि पेगंबर साहब दाढ़ी रखते थे. उन्होंने अपनी दाढ़ी को कभी नहीं कटवाया. इसलिए हर मुसलमान को उनके बताए रास्ते पर चलते हुए दाढ़ी रखना जरूरी है.

बता दें कि विश्वविख्यात इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम में न सिर्फ दुनिया भर के मुस्लिम छात्र इस्लामिक तालीम ले रहे हैं, बल्कि दारुल उलूम का फैसला दुनिया भर के मुसलमानों के लिए अहम माना जाता है. यही वजह है कि दारुल उलूम देवबंद को फतवों की नगरी कहा जाता है. दारुल उलूम प्रबंधन मदरसे में पढ़ने वाले तमाम छात्रों के लिए बड़ा एलान किया है. उलेमाओं ने छात्रों के लिए दाढ़ी रखना अनिवार्य कर दिया है. इसके लिए बाकायदा नोटिस चस्पा किया गया है.

शिक्षा विभाग के प्रभारी मौलाना हुसैन अहमद हरिद्वारी की ओर से चस्पा नोटिस में छात्रों को अनुशासन में रखने के लिए नसीहत दी गई है. विशेषकर दाढ़ी कटवाने वाले छात्रों को सख्त चेतावनी दी है. नोटिस में स्पष्ट कहा गया है कि यदि कोई पुराना छात्र दाढ़ी कटवाता है, तो उसके विरुद्ध सीधे निष्कासन की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. जबकि, दाढ़ी कटवाकर संस्था में प्रवेश के लिए आने वाले किसी भी छात्र को दाखिला नहीं दिया जाएगा.

इस्लामिक धर्म गुरु एवं स्कॉलर कारी इशहाक गोरा ने बताया कि पेगंबर मोहमद अजरत ने जिस तरह जिंदगी गुजारी है. ऐसी जिंदगी गुजारना सुन्नत है. ठीक उसी तरह दाढ़ी रखना भी सुन्नत है. उन्होंने कहा कि मुट्ठी भर से ज्यादा दाढ़ी को कटवाया जा सकता है. लेकिन, पूरी दाढ़ी कटवाना इस्लाम में जायज नही हैं. दाढ़ी मुसलमान की पहचान ही नहीं, बल्कि मोहम्मद पैंगबर हजरत साहब की जिंदगी से जुड़ी परम्परा है, जिसे कायम रखना हर मुसलमान का फर्ज है. इसलिए हर मुसलामन को चाहिए कि मोहम्मद पैंगबर सहाब की तरह जिंदगी गुजारे.

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