सहारनपुर : यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) की तिथियों की घोषणा होते ही पश्चमी उत्तर प्रदेश की राजनीति में उथल-पुथल मच गयी है. कांग्रेस राष्ट्रीय सचिव इमरान मसूद और सहारनपुर देहात से विधायक मसूद अख्तर जहां सपा की साइकिल पर सवार हो गये हैं. वहीं, बेहट विधायक नरेश सैनी कांग्रेस का साथ छोड़ बीजेपी के रथ पर सवार हो गये हैं.
नरेश सैनी ने साथियों के साथ दिल्ली में बीजेपी प्रदेश अध्य्क्ष स्वतंत्र देव सिंह और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की मौजूदगी में बीजेपी के हो गये. प्रदेश अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री ने उनका भाजपा में स्वागत किया. सैनी के बीजेपी में शामिल होने पर समर्थकों में एक अलग उत्साह देखा जा रहा है. उधर इमरान मसूद खेमे को बड़ा झटका लगा है.
पश्चमी उत्तर प्रदेश में इन दिनों राजनीतिक गलियारों में काफी हलचल देखी जा रही है. एक के बाद एक कांग्रेस को जोर का झटका धीरे से लग रहा है. मुस्लिम कद्दावर नेता इमरान मसूद के बाद अब बेहट विधायक नरेश सैनी ने कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका दिया है.
इसे भी पढ़ेंः सहारनपुर: बेरोजगारी को लेकर विधायक नरेश सैनी ने साधा सरकार पर निशाना
लखनऊ स्थित कांग्रेस पार्टी मुख्यालय से विधायक नरेश सैनी के बोर्ड को हटा दिया गया है. नरेश सैनी उत्तर प्रदेश कांग्रेस पिछड़ा वर्ग के कार्यकारी अध्यक्ष थे. पिछड़ा वर्ग के प्रदेश अध्यक्ष मनोज कुमार यादव ने कहा कि नरेश सैनी के पार्टी छोड़ने से पार्टी पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
'ईटीवी भारत' से बात करते हुए मनोज यादव ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने सैकड़ों साल देश की सेवा करते हुए, हजारों नेता पैदा किए हैं. कांग्रेस निरंतर प्रगति की तरफ बढ़ रही है. सैनी के पार्टी छोड़ने से कांग्रेस पार्टी पर किसी तरह का कोई फर्क नहीं पड़ेगा. हां, यह जरूर है कि कांग्रेस छोड़ने से नरेश सैनी पर फर्क जरूर पड़ सकता है.
जानिए कौन है नरेश सैनी
नरेश सैनी का ईंट-भट्ठों का कारोबार है. नरेश सैनी पिछले 20 सालों से राजनीति में हैं. नरेश सैनी को इमरान मसूद का दायां हाथ माना जाता था. लेकिन 2022 में नरेश सैनी ने इमरान मसूद का साथ छोड़कर सभी को चौंका दिया है. नरेश सैनी ने जिला पंचायत सदस्य के चुनाव से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी.
तीन बार जिला पंचायत सदस्य चुने जाने के बाद 2011 में जिला पंचायत अध्यक्ष की दावेदारी की, लेकिन बसपा प्रत्याशी से पराजित हो गए थे. इसके बाद 2012 में सैनी कांग्रेस के टिकट पर बेहट विधानसभा से चुनाव लड़े, जहां महज 500 वोटों के अंतराल पर उन्हें हार का मुहं देखना पड़ा था. कांग्रेस ने 2017 के चुनाव में नरेश सैनी पर एक बार फिर भरोसा जताया और एक बार फिर उन्हें प्रत्याशी बनाकर बेहट भेजा. बसपा के हाजी इकबाल को करीब 25 हजार वोटों से मात देकर विधायक चुने गए. 2022 में हो रही उठा पटक के बीच नरेश सैनी ने बीजेपी में आस्था दिखाते हुए कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप