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देवबंद में सजी सद्धभावना संसद, हिन्दू-मुस्लिम भाईचारे का दिया संदेश - सद्भावना संसद

सद्भावना संसद में शामिल धर्मगुरुओं ने कहा कि जल्द ही देवबंद में एक मार्च निकाला जाएगा. इसमें सर्वधर्म के लोग शामिल होंगे ताकि पूरी दुनिया में एकता और भाईचारे का संदेश दिया जा सके.

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Published : Oct 29, 2022, 9:57 PM IST

सहारनपुर: फतवों की नगरी देवबंद में जमीयत उलमा-ए-हिंद की ओर से सद्भावना संसद कार्यक्रम आयोजित किया गया, जहां आपसी भाईचारे और एकता का नजारा देखने को मिला. सद्भावना संसद सर्वधर्म के धर्म गुरुओं ने "नफरत मिटाओ, मोहब्बत लाओ" का नारा दिया. सम्मेलन को संबोधित करते हुए धर्मगुरुओं ने कहा कि हिंदू और मुसलमान दोनों की व्यवस्थाओं के आपसी मेलजोल से भारत का समाज बना है. इसको अभी और मजबूत करने की जरूरत है. इसके लिए दिशा में जमीयत-उलेमा-ए-हिन्द का यह सराहनीय कदम है. इस दौरान सभी धर्मों के स्थानीय धर्म गुरु शामिल हुए.

जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी के निर्देश पर जमीयत देश भर में 1000 सद्भावना कार्यक्रम किये जा रहे हैं. शनिवार को फतवो की नगरी देवबंद के महमूद हॉल में सद्भावना संसद आयोजित की गई. सद्भावना संसद में हिन्दू-मुस्लिम दोनों समुदायों के धर्म गुरुओं ने शिरकत की. पश्चिम बंगाल सरकार में कैबिनेट मंत्री मौलाना सिद्दीकउल्लाह चौधरी ने कहा कि डॉक्टर मरीज से उसका धर्म पूछकर इलाज नहीं करते. स्कूल-कॉलेजों में टीचर भी धर्म देखकर बच्चों को दाखिला नही दिया जाता. उनके लिए सब बराबर होते हैं. वर्तमान में हमें डॉक्टर और टीचर वाली सोच बनाने की आवश्यकता है. हमारा देश हिंदुस्तान विभिन्न प्रकार के फूलों का गुलदस्ता हैं. जिसे यहां रहने वाले अलग अलग धर्मों के लोगों ने सजाया हुआ है.

इस अवसर पर श्री त्रिपुर मां बाला सुंदरी देवी मंदिर सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष पंडित सतेंद्र शर्मा ने जमीयत की इस पहल की खूब प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि भविष्य में भी इस प्रकार के आयोजन होते रहने चाहिए. जिससे आपसी सौहार्द और भाईचारा बढ़ता है. जमीयत उलेमा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि देवबंद नगर हिंदू मुस्लिम एकता की मिसाल से दुनिया भर में जाना जाता है. आपसी भाईचारे की यह मिसाल आगे भी बनी रहेगी. यहां से उठने वाली आवाज पूरी दुनिया तक जाती है. उम्मीद है कि जमीयत की इस पहल के भविष्य में अच्छे परिणाम आएंगे.

जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी ने कहा कि सद्भावना संसद में दोनों समुदाय के लोग बराबर बराबर साथ रहे जिसकी बेहद खुशी है. हिंदुस्तान को इसी मजबूत साथ की जरुरत है. जल्द ही देवबंद में एक मार्च निकाला जाएगा. जिसमें सर्वधर्म के लोग शामिल होंगे ताकि पूरी दुनिया में एकता और भाईचारे का संदेश दिया जा सके.

ये भी पढ़ेंः सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क बोले, नोटों पर गणेश-लक्ष्मी की फोटो होने से बिगड़ेगा देश का माहौल

सहारनपुर: फतवों की नगरी देवबंद में जमीयत उलमा-ए-हिंद की ओर से सद्भावना संसद कार्यक्रम आयोजित किया गया, जहां आपसी भाईचारे और एकता का नजारा देखने को मिला. सद्भावना संसद सर्वधर्म के धर्म गुरुओं ने "नफरत मिटाओ, मोहब्बत लाओ" का नारा दिया. सम्मेलन को संबोधित करते हुए धर्मगुरुओं ने कहा कि हिंदू और मुसलमान दोनों की व्यवस्थाओं के आपसी मेलजोल से भारत का समाज बना है. इसको अभी और मजबूत करने की जरूरत है. इसके लिए दिशा में जमीयत-उलेमा-ए-हिन्द का यह सराहनीय कदम है. इस दौरान सभी धर्मों के स्थानीय धर्म गुरु शामिल हुए.

जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी के निर्देश पर जमीयत देश भर में 1000 सद्भावना कार्यक्रम किये जा रहे हैं. शनिवार को फतवो की नगरी देवबंद के महमूद हॉल में सद्भावना संसद आयोजित की गई. सद्भावना संसद में हिन्दू-मुस्लिम दोनों समुदायों के धर्म गुरुओं ने शिरकत की. पश्चिम बंगाल सरकार में कैबिनेट मंत्री मौलाना सिद्दीकउल्लाह चौधरी ने कहा कि डॉक्टर मरीज से उसका धर्म पूछकर इलाज नहीं करते. स्कूल-कॉलेजों में टीचर भी धर्म देखकर बच्चों को दाखिला नही दिया जाता. उनके लिए सब बराबर होते हैं. वर्तमान में हमें डॉक्टर और टीचर वाली सोच बनाने की आवश्यकता है. हमारा देश हिंदुस्तान विभिन्न प्रकार के फूलों का गुलदस्ता हैं. जिसे यहां रहने वाले अलग अलग धर्मों के लोगों ने सजाया हुआ है.

इस अवसर पर श्री त्रिपुर मां बाला सुंदरी देवी मंदिर सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष पंडित सतेंद्र शर्मा ने जमीयत की इस पहल की खूब प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि भविष्य में भी इस प्रकार के आयोजन होते रहने चाहिए. जिससे आपसी सौहार्द और भाईचारा बढ़ता है. जमीयत उलेमा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि देवबंद नगर हिंदू मुस्लिम एकता की मिसाल से दुनिया भर में जाना जाता है. आपसी भाईचारे की यह मिसाल आगे भी बनी रहेगी. यहां से उठने वाली आवाज पूरी दुनिया तक जाती है. उम्मीद है कि जमीयत की इस पहल के भविष्य में अच्छे परिणाम आएंगे.

जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी ने कहा कि सद्भावना संसद में दोनों समुदाय के लोग बराबर बराबर साथ रहे जिसकी बेहद खुशी है. हिंदुस्तान को इसी मजबूत साथ की जरुरत है. जल्द ही देवबंद में एक मार्च निकाला जाएगा. जिसमें सर्वधर्म के लोग शामिल होंगे ताकि पूरी दुनिया में एकता और भाईचारे का संदेश दिया जा सके.

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