सहारनपुर : जनपद में यमुना नदी का जल स्तर (Yamuna river water level) बढ़ने से रेलवे ट्रैक जमीन में धंस गया है. जिससे हरियाणा जाने वाला रूट पूरी तरह बंद हो गया है. इस दौरान कई रेल धंसी हुई ट्रैक से गुजरी. लेकिन कोई हादसा नहीं हुआ. हालांकि बाढ़ के पानी ने किसानो की हजारों बीघा खड़ी गन्ने, ज्वार, बाजरे, धान समेत कई फसलों को अपनी चपेट में ले लिया है.
बता दें कि उत्तराखंड और शिवालिक की पहाड़ियों समेत मैदानी इलाकों में लगातार बारिश हो रही है. हथिनीकुंड बैराज (Hathnikund Barrage) से यमुना नदी में 2.57 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. बारिश और पानी छोड़े जाने से यमुना नदी का जलस्तर भी बढ़ गया है. यमुना नदी का जल स्तर बढ़ने से तटीय इलाकों में बाढ़ के हालात बने हुए हैं. यमुना के तटीय यूपी और हरियाणा इलाके के खेतों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं.
रेलवे ट्रैक धंसा जमीन में
यमुना नदी में जल स्तर बढ़ने से सहारनपुर-अंबाला रेलवे ट्रैक जमीन में धंस गया है. जहां रेल यातायात प्रभावित हो गया है. रेलवे ट्रैक के धंसने से रेल यातायात पूरी तरह से बंद हो गया है. रेलवे ट्रैक जमीन में धंसने से कई ट्रेनें गुजर गई, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया. सूचना पर आनन फानन में रेल अधिकारियों ने अमृतसर एक्सप्रेस समेत कई ट्रेनों को रोक दिया है.
यमुना नदी का जल स्तर बढ़ने से थाना सरसावा (Thana Sarsawa) इलाके में शाहजहांपुर रेलवे फाटक (Shahjahanpur Railway Gate) संख्या 96-C तक यमुना नदी का पानी पहुंच गया. जिससे रेलवे ट्रैक जमीन में धंस गया है. रेलवे ट्रैक धंसने की जानकारी मिलते ही गेटमैन कृष्ण कुमार और रामराज ने हरियाणा के कलानौर एवं सहारनपुर रेलवे अधिकारियों को सूचना दी. रेलवे लाइन धंस जाने की सूचना मिलते ही रेलवे अधिकारियों ने आनन फानन में अमृतसर से सहरसा जा रही गाड़ी संख्या 4618 को रेलवे फाटक से पहले ही रोक लिया. जिससे एक बड़ा हादसा होने से टल गया.
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रेलवे ट्रेक धंसने की खबर मिलते ही डीआरएम अंबाला (DRM Ambala) सड़क मार्ग से मौके पर पहुंचे. उन्होंने मौके का मुआयना किया. इसके बाद अपने अधीनस्थ अधिकारियों को जल्द से जल्द ट्रैक को दुरुस्त करने के निर्देश दिया है.