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रिव्यू पिटीशन पर सवाल उठाना सही नहीं: मुफ्ती अरशद फारूकी - मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का रिव्यू पिटीशन

यूपी के सहारनपुर में देवबंदी उलेमा और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मुफ्ती अरशद फारूकी ने कहा कि कोर्ट के किसी भी फैसले पर रिव्यू पिटीशन हो सकता है. इस पर सवाल उठाना सही नहीं है.

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मुफ्ती अरशद फारूकी.
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Published : Nov 28, 2019, 2:31 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST

सहारनपुर: अयोध्या मामले में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के रिव्यू पिटीशन दाखिल किए जाने को लेकर जिले के देवबन्दी उलेमा और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मुफ्ती अरशद फारूकी ने कहा कि कोर्ट के किसी भी फैसले पर रिव्यू पिटीशन हो सकता है. इस पर सवाल उठाना सही नहीं है. वहीं, इससे देश में अमन-चैन और भाइचारे पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा.

देवबंदी उलेमा मुफ्ती अरशद फारूकी ने कहा रिव्यू पिटीशन पर सवाल उठाना सही नहीं.

मुफ्ती अरशद फारूकी ने कहा कि 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया. पूरे मुल्क में अमन चैन कायम रहा. जितना हक कानून को फैसला लेने का है उतना ही हक किसी भी फैसले पर रिव्यू पिटीशन देने का है. अरशद फारूकी ने कहा कि ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कानूनी कार्यवाही को आगे बढ़ाते हुये रिव्यू पिटीशन दाखिल करने का फैसला लिया. इससे देश में अमन-चैन और भाइचारे पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. वहीं, फारूकी ने बाबरी मस्पजिद के पक्षकार इकबाल अंसारी की ओर इशारा करते हुए कहा कि इस पर सवाल उठाना सही नहीं है. ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड सिर्फ कानूनी कार्यवाही कर रहा है.

यह भी पढ़ें: जर्जर हालत में है हरिवंश राय बच्चन का मकान, यहां खेला करते थे अमिताभ

बता दें कि अयोध्या मामले मे मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के रिव्यू पिटीशन दाखिल किये जाने पर राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने कहा है कि अयोध्या मसले पर पुनर्विचार याचिका दायर करना मुसलमानों के हित में नहीं होगा. आयोग के अध्यक्ष गेयरुल हसन रिजवी ने रविवार को कहा था कि इससे हिंदू-मुस्लिम एकता को नुकसान पहुंचेगा, जिसके बाद मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने एतराज जताया है.

सहारनपुर: अयोध्या मामले में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के रिव्यू पिटीशन दाखिल किए जाने को लेकर जिले के देवबन्दी उलेमा और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मुफ्ती अरशद फारूकी ने कहा कि कोर्ट के किसी भी फैसले पर रिव्यू पिटीशन हो सकता है. इस पर सवाल उठाना सही नहीं है. वहीं, इससे देश में अमन-चैन और भाइचारे पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा.

देवबंदी उलेमा मुफ्ती अरशद फारूकी ने कहा रिव्यू पिटीशन पर सवाल उठाना सही नहीं.

मुफ्ती अरशद फारूकी ने कहा कि 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया. पूरे मुल्क में अमन चैन कायम रहा. जितना हक कानून को फैसला लेने का है उतना ही हक किसी भी फैसले पर रिव्यू पिटीशन देने का है. अरशद फारूकी ने कहा कि ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कानूनी कार्यवाही को आगे बढ़ाते हुये रिव्यू पिटीशन दाखिल करने का फैसला लिया. इससे देश में अमन-चैन और भाइचारे पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. वहीं, फारूकी ने बाबरी मस्पजिद के पक्षकार इकबाल अंसारी की ओर इशारा करते हुए कहा कि इस पर सवाल उठाना सही नहीं है. ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड सिर्फ कानूनी कार्यवाही कर रहा है.

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बता दें कि अयोध्या मामले मे मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के रिव्यू पिटीशन दाखिल किये जाने पर राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने कहा है कि अयोध्या मसले पर पुनर्विचार याचिका दायर करना मुसलमानों के हित में नहीं होगा. आयोग के अध्यक्ष गेयरुल हसन रिजवी ने रविवार को कहा था कि इससे हिंदू-मुस्लिम एकता को नुकसान पहुंचेगा, जिसके बाद मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने एतराज जताया है.

Intro:सहारनपुर : अयोध्या मामले मे ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड द्वारा रिपिटीशन दाखिल किये जाने पर राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने कहा है कि अयोध्या मसले पर पुनर्विचार याचिका दायर करना मुसलमानों के हित में नहीं होगा। आयोग के अध्यक्ष गेयरुल हसन रिजवी ने रविवार को कहा कि इससे हिंदू-मुस्लिम एकता को नुकसान पहुंचेगा। जिसके बाद मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने न सिर्फ एतराज जताया है बल्कि पुनर्याचिका दाखिल करने का फैसला लिया है। Body:VO 1 - देवबन्दी उलेमा एवं सदस्य पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मुफ्ती अरशद फारूकी ने कहा कि 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया और बाबरी मस्जिद की पूरी जमीन मंदिर के लिए दे दी गई। पूरे मुल्क में अमनोचैन कायम रहा। अदालत ने जो भी फैसला सुनाना था सुना दिया। जितना हक कानून को है उतना एक हक ये भी है कि किसी फैसले पर रिपीटीशन हो सकता है। मुफ़्ती अरशद फारूकी ने कहा कि ऑल इण्डिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने कानूनी कार्रवाई में आगे बढते हुये रिपिटीशन दाखिल करने का फैसला लिया। इससे देश अमनो चैन भाइचारे पर कोई फर्क नही पडता। ये एक अदालती कानूनी कार्यवाही है जिसमे मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने पहल की है। इसलिए मुखतलिफ शब्दों से सवाल उठाना सही नही है। चाहे पक्षकार इकबाल अंसारी की ओर से उठाया गया सवाल हो या फिर अन्य किसी तरफ से। ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड सिर्फ कानूनी कार्यवाही कर रहा है और हर हिन्दुस्तानी ये चाहता है कि हिन्दुस्तान तरक्की करें।

बाइट - मुफ्ती अरशद फारूकी ( सदस्य ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड )Conclusion:रोशन लाल सैनी
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Last Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST
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