सहारनपुर: हाथरस में दलित युवती के साथ दुष्कर्म और हत्या के खिलाफ सर्व समाज लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया. साथ ही लोगों ने इस मामले के आरोपियों को फांसी की सजा देने के साथ दोषी अधिकारियों पर भी कार्रवाई की मांग की. उन्होंने कहा कि प्रशासन ने पीड़िता के जीवित रहने पर ही नहीं, बल्कि मरने के बाद का भी संवैधानिक उसका अधिकार छीन लिया.
सहारनपुर जनपद के बेहट तहसील में शनिवार को सर्व समाज की महिला एवं पुरुष भारी संख्या में वाल्मीकि मंदिर में एकत्र हुए. यहां उन लोगों ने हाथरस में दलित युवती के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या के विरोध में नारेबाजी कर प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने हाथों में तख्तियां लेकर पीड़िता को इंसाफ दिलाए जाने की मांग को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने सरकार विरोधी नारे भी लगाए और मोदी और योगी से इस्तीफा देने की मांग की.
प्रदर्शनकारी दिल्ली-यमुनोत्री हाइवे पर प्रदर्शन करते हुए तहसील मुख्यालय पहुंचे और राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन उप जिलाधिकारी को सौंपा. जिसमें उन्होंने सभी आरोपियों को जल्द से जल्द फांसी दिए जाने की मांग की. प्रदर्शनकारियों का कहना था इस घटना में दोषी पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए. जिन्होंने उस लड़की से उसके मरने के बाद के संवैधानिक अधिकार भी छीन लिए. उन्होंने कहा कि पहले कभी ऐसा नहीं देखा गया कि बिना परिवार और समाज के किसी का अंतिम संस्कार कर दिया गया हो. लेकिन इस सरकार के कार्यकाल में पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों ने इस कृत्य को भी अंजाम दिया है.
प्रदर्शनकारी काफी समय तक तहसील मुख्यालय के मुख्य द्वार पर धरने पर बैठे रहे. उसके बाद एसडीएम दीप्ती देव उनके बीच पहुंचे और उनसे राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन लिया. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि पहली बार ऐसा है जब हिंदू रीति रिवाज से होने वाले अंतिम संस्कार को भी नहीं किया गया. हिंदू धार्मिक नीतियों के अनुरूप रात को कभी अंतिम संस्कार नहीं किया जाता. लेकिन पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों ने खुद ही अंतिम संस्कार कर दिया. इस दौरान मृतका के परिजन तक भी वहां मौजूद नहीं थे. प्रदर्शनकारियों में फुल चंद नेता, राजकुमार बिरला, दीपक कांगड़ा, राजू बिरला, गुलशन भारती, बबलू बिरला, रणबीर सिंह, अब्दुल रहमान, चैयरमैन नईम काला, सभासद फ़राज़ अहमद, नोशाद मलिक कामरेड शौकत आदि लोग मौजूद रहे.