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सहारनपुर: वन गुर्जरों को डेरे से हटाने पर हुई पंचायत, सपा विधायक ने डीएम-एसडीएम को दी धमकी - शिवालिक जंगल

यूपी के सहारनपुर में शिवालिक जंगलों में टाइगर रिजर्व पार्क बनाने की प्रक्रिया तेज हो गई है. प्रशासन वन गुर्जरों पर जंगल खानी करने का दबाव बना रहा है, लेकिन वन गुर्जर जंगल खाली करने को तैयार नहीं हैं.

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पंचायत.
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Published : Oct 18, 2020, 5:22 PM IST

सहारनपुर: शिवालिक जंगलों में टाइगर रिजर्व पार्क बनाने की प्रक्रिया तेज हो गई है. वहीं जंगल में रह रहे वन गुर्जरों ने न सिर्फ इसका विरोध शुरू कर दिया है, बल्कि जंगल खाली कर दूसरे स्थान पर जान से इनकार कर दिया है. इसके लिए बाकायदा शुक्रवार को पंचायत आयोजित कर शासन-प्रशासन के साथ आर-पार की लड़ाई का एलान कर दिया गया है.

सपा विधायक नाहिद हसन ने वन गुर्जरों का किया समर्थन.

पंचायत में पहुंचे कैराना से सपा विधायक नाहिद हसन ने वन गुर्जरों का समर्थन किया. उन्होंने बीजेपी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. वहीं डीएम-एसडीएम को आड़े हाथ लेते हुए मुकदमा दर्ज कराने की धमकी दी है. उन्होंने कहा कि बिना कागजी कार्रवाई के वन गुर्जरों को जंगल से नहीं निकाला जा सकता.

तहसील बेहट इलाके के शिवालिक रेंज के जंगल में पिछले कई दशकों से वन गुर्जर डेरा बनाकर रहते आ रहे हैं. वन गुर्जरों ने जंगल में ही अपने घर बनाए हुए हैं, जहां वे मवेशियों को भी साथ रखते हैं. हाल ही में शिवालिक जंगल को टाइगर रिजर्व पार्क प्रस्तावित कर दिया गया है. इसके बाद प्रशासन ने इन वन गुर्जरों के परिवारों को दूसरी जगह शिफ्ट होने के निर्देश दिए हैं.

आजादी के बाद से जंगलों में रह रहे वन गुर्जर
ये वन गुर्जर आजादी के बाद से ही शिवालिक पहाड़ियों के बीच जंगलों में रहते आ रहे हैं. अचानक प्रशासन की ओर से आये फरमान से वन गुर्जरों में हड़कंप की स्तिथि बनी हुई है. वन गुर्जरों ने प्रशासन के जंगल खाली करो के फरमान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उनका कहना है कि वे लोग लंबे समय से यहां रह रहे हैं. अब जंगल को खाली नहीं करेंगे. वहीं एसडीएम बेहट लगातार मुकदमे दर्ज करने की धमकी देकर वन गुर्जरों पर दबाव बना रहे हैं.

प्रशासन के खिलाफ हुई महापंचायत
प्रशासन की कार्रवाई के खिलाफ वन गुर्जरों ने शुक्रवार को महापंचायत आयोजित कर आर-पार की लड़ाई का एलान कर दिया है. गांव बंजारों वाली कोठरी में पंचायत की गई. पंचायत में बसपा सांसद हाजी फजलुर्रहमान और कैराना से सपा विधायक नाहिद हसन भी शामिल हुए. पंचायत में आए वन गुर्जरों ने डेरा खाली कराने के फरमान पर पलटवार करते हुए कहा कि वे अपने डेरों को किसी भी सूरत में खाली नहीं करेंगे. जानकारी के मुताबिक, साल 2006 में भी जिला प्रशासन ने सशर्त वन गुर्जरों के डेरों को खाली करने के निर्देश दिए थे. उस दौरान डेरे खाली करने पर एक परिवार को 12 बीघा खेती की जमीन और पक्का मकान देने की बात कही गई थी, लेकिन प्रशासन की हीलाहवाली के चलते डेरों को खाली नहीं कराया गया.

वन विभाग एक जिला प्रशासन के प्रस्ताव पर शासन स्तर से शिवालिक रेंज के जंगल को टाइगर रिजर्व पार्क घोषित किया जाना है. इससे पहले वन गुर्जरों के डेरों को खाली कराना जरूरी है. इसके चलते प्रशासन ने वन गुर्जरों की सुरक्षा की दृष्टि से डेरों को खाली कराने का फरमान जारी किया है. जंगल में रहकर अपनी गुजर-बसर कर रहे वन गुर्जरों को सरकार केवल तीन एकड़ जमीन देकर जंगल से बाहर निकालना चाहती है. वहीं उत्तराखण्ड सरकार जंगल खाली कराने के लिए वन गुर्जरों को यूपी से ज्यादा जमीन दे रही है.

सपा विधायक ने डीएम-एसडीएम को दी धमकी
कोठरी गांव की पंचायत में पहुंचे सपा विधायक ने एसडीम के खिलाफ़ मुकदमा कराने की धमकी दी है. कैराना से सपा विधायक नाहिद हसन ने अधिकारियों पर गुंडागर्दी करने तक के आरोप लगाते हुए कहा कि पहले वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत उनकी पुनर्वास की प्रक्रिया पूरी की जाए. प्रशासन किन शर्तों पर पहले पुनर्वास करा रही है, वह सब लिखित में दिया जाए.

बिना लिखित के अगर डेरे खाली कराने का दबाव बनाया जाएगा तो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि डीएम और एसडीएम में इतनी हिम्मत नहीं है कि कानून से बाहर जाकर डेरा खाली करवा दें. डीएम और एसडीएम के खिलाफ मुकदमा करा दिया गया तो अक्ल ठिकाने आ जाएगी. वन गुर्जर अकेले नहीं हैं. 36 बिरादरी उनके साथ खड़ी है. कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक का गुर्जर समाज वन गुर्जरों के साथ है. उन्होंने कहा कि विदेशों से यहां रहने वालों के लिए डिटेंशन सेंटर बना रहे हैं. वन गुर्जरों को भी उनका हक दिया जाए.

सहारनपुर: शिवालिक जंगलों में टाइगर रिजर्व पार्क बनाने की प्रक्रिया तेज हो गई है. वहीं जंगल में रह रहे वन गुर्जरों ने न सिर्फ इसका विरोध शुरू कर दिया है, बल्कि जंगल खाली कर दूसरे स्थान पर जान से इनकार कर दिया है. इसके लिए बाकायदा शुक्रवार को पंचायत आयोजित कर शासन-प्रशासन के साथ आर-पार की लड़ाई का एलान कर दिया गया है.

सपा विधायक नाहिद हसन ने वन गुर्जरों का किया समर्थन.

पंचायत में पहुंचे कैराना से सपा विधायक नाहिद हसन ने वन गुर्जरों का समर्थन किया. उन्होंने बीजेपी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. वहीं डीएम-एसडीएम को आड़े हाथ लेते हुए मुकदमा दर्ज कराने की धमकी दी है. उन्होंने कहा कि बिना कागजी कार्रवाई के वन गुर्जरों को जंगल से नहीं निकाला जा सकता.

तहसील बेहट इलाके के शिवालिक रेंज के जंगल में पिछले कई दशकों से वन गुर्जर डेरा बनाकर रहते आ रहे हैं. वन गुर्जरों ने जंगल में ही अपने घर बनाए हुए हैं, जहां वे मवेशियों को भी साथ रखते हैं. हाल ही में शिवालिक जंगल को टाइगर रिजर्व पार्क प्रस्तावित कर दिया गया है. इसके बाद प्रशासन ने इन वन गुर्जरों के परिवारों को दूसरी जगह शिफ्ट होने के निर्देश दिए हैं.

आजादी के बाद से जंगलों में रह रहे वन गुर्जर
ये वन गुर्जर आजादी के बाद से ही शिवालिक पहाड़ियों के बीच जंगलों में रहते आ रहे हैं. अचानक प्रशासन की ओर से आये फरमान से वन गुर्जरों में हड़कंप की स्तिथि बनी हुई है. वन गुर्जरों ने प्रशासन के जंगल खाली करो के फरमान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उनका कहना है कि वे लोग लंबे समय से यहां रह रहे हैं. अब जंगल को खाली नहीं करेंगे. वहीं एसडीएम बेहट लगातार मुकदमे दर्ज करने की धमकी देकर वन गुर्जरों पर दबाव बना रहे हैं.

प्रशासन के खिलाफ हुई महापंचायत
प्रशासन की कार्रवाई के खिलाफ वन गुर्जरों ने शुक्रवार को महापंचायत आयोजित कर आर-पार की लड़ाई का एलान कर दिया है. गांव बंजारों वाली कोठरी में पंचायत की गई. पंचायत में बसपा सांसद हाजी फजलुर्रहमान और कैराना से सपा विधायक नाहिद हसन भी शामिल हुए. पंचायत में आए वन गुर्जरों ने डेरा खाली कराने के फरमान पर पलटवार करते हुए कहा कि वे अपने डेरों को किसी भी सूरत में खाली नहीं करेंगे. जानकारी के मुताबिक, साल 2006 में भी जिला प्रशासन ने सशर्त वन गुर्जरों के डेरों को खाली करने के निर्देश दिए थे. उस दौरान डेरे खाली करने पर एक परिवार को 12 बीघा खेती की जमीन और पक्का मकान देने की बात कही गई थी, लेकिन प्रशासन की हीलाहवाली के चलते डेरों को खाली नहीं कराया गया.

वन विभाग एक जिला प्रशासन के प्रस्ताव पर शासन स्तर से शिवालिक रेंज के जंगल को टाइगर रिजर्व पार्क घोषित किया जाना है. इससे पहले वन गुर्जरों के डेरों को खाली कराना जरूरी है. इसके चलते प्रशासन ने वन गुर्जरों की सुरक्षा की दृष्टि से डेरों को खाली कराने का फरमान जारी किया है. जंगल में रहकर अपनी गुजर-बसर कर रहे वन गुर्जरों को सरकार केवल तीन एकड़ जमीन देकर जंगल से बाहर निकालना चाहती है. वहीं उत्तराखण्ड सरकार जंगल खाली कराने के लिए वन गुर्जरों को यूपी से ज्यादा जमीन दे रही है.

सपा विधायक ने डीएम-एसडीएम को दी धमकी
कोठरी गांव की पंचायत में पहुंचे सपा विधायक ने एसडीम के खिलाफ़ मुकदमा कराने की धमकी दी है. कैराना से सपा विधायक नाहिद हसन ने अधिकारियों पर गुंडागर्दी करने तक के आरोप लगाते हुए कहा कि पहले वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत उनकी पुनर्वास की प्रक्रिया पूरी की जाए. प्रशासन किन शर्तों पर पहले पुनर्वास करा रही है, वह सब लिखित में दिया जाए.

बिना लिखित के अगर डेरे खाली कराने का दबाव बनाया जाएगा तो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि डीएम और एसडीएम में इतनी हिम्मत नहीं है कि कानून से बाहर जाकर डेरा खाली करवा दें. डीएम और एसडीएम के खिलाफ मुकदमा करा दिया गया तो अक्ल ठिकाने आ जाएगी. वन गुर्जर अकेले नहीं हैं. 36 बिरादरी उनके साथ खड़ी है. कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक का गुर्जर समाज वन गुर्जरों के साथ है. उन्होंने कहा कि विदेशों से यहां रहने वालों के लिए डिटेंशन सेंटर बना रहे हैं. वन गुर्जरों को भी उनका हक दिया जाए.

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