सहारनपुर: खनन माफिया व पूर्व MLC हाजी इकबाल के खिलाफ कोर्ट ने गैर जमानती वारंट (NBW) जारी किया है. पॉक्सो एक्ट और अवैध रुप से जमीन कब्जा करने के मामले में वह फरार है. SSP डॉ.विपिन टाडा के मुताबिक 25 हजार के इनामी हाजी इकबाल और उनके सहयोगियों के कोर्ट से गैर जमानती वारंट जारी कराए गए हैं. हाजी इकबाल की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम गठित की गई है.
पूर्व MLC हाजी इकबाल के खिलाफ सहारनपुर में 12 से ज्यादा मामले दर्ज है. महिला थाने में हाजी के खिलाफ महिला को बंधक बनाकर रेप करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था. पुलिस ने पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल की गिरफ्तारी पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है. हालांकि हाजी के भाई पूर्व MLC महमूद अली और तीन बेटों को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है.
हाईकोर्ट ने खारिज की अग्रिम जमानत
हाजी इकबाल ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका डाली थी. हाईकोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया था. महिला थाने में दर्ज मुकदमे में कोर्ट से गैर जमानती वारंट जारी कराए है। वहीं हाजी इकबाल के बहनोई दिलशाद के खिलाफ भी गैर जमानती वारंट जारी किए गए है.
हाजी इकबाल के खिलाफ जिले के कई थानों में धोखाधड़ी, मारपीट, जमीन कब्जाने, सामूहिक दुष्कर्म और गैंस्टर समेत दर्जनों मुकदमे दर्ज हैं. जिसके चलते खनन माफिया हाजी इकबाल पर पुलिस ने 25 हजार का इनाम भी घोषित किया हुआ है. यही वजह है कि इकबाल पिछले कई महीनों से फरार चल रहा है.
थाना मिर्जापुर पोल इलाके की एक महिला ने सहारनपुर महिला थाने में हाजी इकबाल, उसके भाई और बेटों के खिलाफ तहरीर देकर बंधक बनाकर सामूहिक दुष्कर्म करने और उसकी नाबालिग बेटी के साथ अश्लील हरकत करने का आरोप लगाया था. पुलिस ने पीड़िता की तहरीर पर दुष्कर्म और पॉस्को एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया था. हाजी इकबाल के बसपा से MLC रहे भाई महमूद अली और बेटों को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. हाजी इकबाल हाईकोर्ट इलाहाबाद में अग्रिम जमानत याचिका दायर कर अंडरग्राउंड हो गया, लेकिन महिला थाने की पैरवी पर हाईकोर्ट ने हाजी इकबाल की याचिका खारिज कर दी. जहां अदालत ने खनन माफिया इकबाल के खिलाफ NBW वारंट जारी किया है.
एसएसपी विपिन टाडा ने बताया कि हाईकोर्ट इलाहाबाद ने इकबाल के खिलाफ NBW जारी किया है. इकबाल और उसके साथियों के खिलाफ हिस्ट्रीशीटर और गैंगस्टर की धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं. जिसके चलते हाजी इकबाल पर 25 हजार का इनाम घोषित है. जहां हाजी इकबाल की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं. SOG, सर्विलांस की टीम के अलावा थाना मिर्जापुर पोल पुलिस इकबाल की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है. जल्द ही बसपा के पूर्व एमएलसी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
गौरतलब है कि मामूली परचून की दुकान चलाने वाला हाजी इकबाल बसपा सरकार में न सिर्फ उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा खनन माफिया बन गया था बल्कि अवैध खनन को अंजाम देकर हजारों करोड़ की अकूत संपत्ति का बेताब बादशाह बन गया. धनबल से हाजी इकबाल तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती का चहेता बन गया और 2010 में मायावती ने उसको MLC बना दिया. जिसके बाद हाजी इकबाल के इशारे पर उसके गुर्गों ने थाना मिर्जापुर पोल इलाके में ग्रामीणों पर अत्याचार शुरू कर दिया. उनकी खेती की जमीनों पर जबरन कब्जे करने शुरू कर दिए. विरोध करने पर न सिर्फ उनके साथ मारपीट की गई बल्कि उनके खिलाफ झूठे मुकदमे करा दिए गए.
बसपा के बाद 2012 में सपा की अखिलेश सरकार में भी हाजी इकबाल का रसूख कम नहीं हुआ. शासन-प्रशासन से सांठगांठ कर गरीब किसानों पर जुल्म करता रहा. हजारों बीघा जमीन कब्जा कर अपने नौकरों, मुंशी और रिश्तेदारों के नाम करवा दी. 2017 में योगी सरकार आने पर पीड़ितों को न्याय की उम्मीद जगी तो उन्होंने पुलिस अधिकारियों को आपबीती सुनाई और मुकदमे दर्ज कराए. पुलिस ने पीड़ितों की शिकायत पर मुकदमे दर्ज कर जांच पड़ताल की तो हाजी इकबाल के एक के एक काले कारनामों का खुलासा होता चला गया.
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