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सावधान ! पंजाब के मुख्यमंत्री की पत्नी भी हो गईं ठगी का शिकार, आरोपी गिरफ्तार - नोएडा अपराध समाचार

नोएडा पुलिस ने एक ऐसे ठग को गिरफ्तार किया है, जिसने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी के साथ 23 लाख रुपये की ऑनलाइन धोखाधड़ी की थी. पुलिस ने आरोपी का बैंक अकाउंट फ्रीज करा दिया है, जिसमें एक करोड़ से ज्यादा रुपये थे.

ऑनलाइन धोखाधड़ी (प्रतीकात्मक फोटो)
ऑनलाइन धोखाधड़ी (प्रतीकात्मक फोटो)
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Published : Aug 3, 2021, 7:58 PM IST

नोएडा: राजनेता से लेकर सरकारी कर्मचारी और अधिकारी तक साइबर अपराध से नहीं बच पा रहे हैं तो आप समझ सकते हैं कि पब्लिक साइबर अपराध से कहां तक सुरक्षित है. साइबर अपराध का जीता जागता उदाहरण तब देखने को मिला, जब पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी के साथ ऑनलाइन धोखाधड़ी की गई. नोएडा के साइबर क्राइम थाना सेक्टर 36 की पुलिस ने आरोपी को सहारनपुर से गिरफ्तार किया है, जो पहले भी जेल जा चुका है.

बता दें कि दसवीं पास नूर अली अंतरराज्यीय गिरोह का सदस्य है, जो बिहार के भागलपुर का रहने वाला है. पूछताछ में उसने बताया कि फर्जी ट्रेजरी ऑफिसर बनकर वह सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ ठगी की वारदात को अंजाम देता था. उनकी पेंशन और फंड के रुपये ऑनलाइन अपने अकाउंट में ट्रांसफर कर लेता था. अलग-अलग बैंकों में उसके करीब 80 अकाउंट थे, जिसे पुलिस ने फ्रीज करा दिया है. इन खातों में करीब डेढ़ करोड़ रुपये था. आरोपी नूर अली का भाई अफसर अली जामताड़ा जेल में बंद है.

जानकारी देते संवाददाता.

साइबर क्राइम के एसपी डॉक्टर त्रिवेणी सिंह ने बताया कि इस गिरोह ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी और सासंद परनीत कौर से 23 लाख रुपये की ठगी की थी. पूछताछ में आरोपी ने बताया कि मेरे भाई अफसर अली, सहयोगी सफरूद्दीन अंसारी, कलीम अंसारी, अहमद अंसारी, अंकित कुमार और छोटन मंडल जो झारखंड के रहने वाले हैं, लोगों को डाटा अपडेट करने के नाम पर फोन करते थे. उसके बाद बैंक खाते से संबंधित जानकारी हासिल कर ओटीपी के जरिए योनो एप और पीएनबी वन एप पर नेट बैंकिंग एक्टिव कर लेते थे. पैसे खाते में ट्रांसफर करने के बाद बिजली बिल और अमेजॉन कूपन खरीद कर पैसे को कैश करवाते थे, उसके बाद कमीशन बांटते थे.

आरोपी गिरफ्तार.
आरोपी गिरफ्तार.

ये भी पढ़ें: चीन में बैठकर भारतीयों से ठगे 150 करोड़, 5 लाख लोग बने शिकार

एसीपी क्राइम ने बताया कि अब तक ये बात जानकारी में आई है कि इस धोखाधड़ी में करीब 120 बैंक खाते और वॉलेट का इस्तेमाल किया गया है. सभी आरोपियों के खाते में पैसा एटीएम मशीन के जरिए डिपोजिट किया जाता था. इस गैंग ने अब तक करीब 4 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई. इस गिरोह के पास से 800 सिम कार्ड, 200 बैंक खाते और 18 लाख रुपये बरामद किए गए थे.

नोएडा: राजनेता से लेकर सरकारी कर्मचारी और अधिकारी तक साइबर अपराध से नहीं बच पा रहे हैं तो आप समझ सकते हैं कि पब्लिक साइबर अपराध से कहां तक सुरक्षित है. साइबर अपराध का जीता जागता उदाहरण तब देखने को मिला, जब पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी के साथ ऑनलाइन धोखाधड़ी की गई. नोएडा के साइबर क्राइम थाना सेक्टर 36 की पुलिस ने आरोपी को सहारनपुर से गिरफ्तार किया है, जो पहले भी जेल जा चुका है.

बता दें कि दसवीं पास नूर अली अंतरराज्यीय गिरोह का सदस्य है, जो बिहार के भागलपुर का रहने वाला है. पूछताछ में उसने बताया कि फर्जी ट्रेजरी ऑफिसर बनकर वह सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ ठगी की वारदात को अंजाम देता था. उनकी पेंशन और फंड के रुपये ऑनलाइन अपने अकाउंट में ट्रांसफर कर लेता था. अलग-अलग बैंकों में उसके करीब 80 अकाउंट थे, जिसे पुलिस ने फ्रीज करा दिया है. इन खातों में करीब डेढ़ करोड़ रुपये था. आरोपी नूर अली का भाई अफसर अली जामताड़ा जेल में बंद है.

जानकारी देते संवाददाता.

साइबर क्राइम के एसपी डॉक्टर त्रिवेणी सिंह ने बताया कि इस गिरोह ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी और सासंद परनीत कौर से 23 लाख रुपये की ठगी की थी. पूछताछ में आरोपी ने बताया कि मेरे भाई अफसर अली, सहयोगी सफरूद्दीन अंसारी, कलीम अंसारी, अहमद अंसारी, अंकित कुमार और छोटन मंडल जो झारखंड के रहने वाले हैं, लोगों को डाटा अपडेट करने के नाम पर फोन करते थे. उसके बाद बैंक खाते से संबंधित जानकारी हासिल कर ओटीपी के जरिए योनो एप और पीएनबी वन एप पर नेट बैंकिंग एक्टिव कर लेते थे. पैसे खाते में ट्रांसफर करने के बाद बिजली बिल और अमेजॉन कूपन खरीद कर पैसे को कैश करवाते थे, उसके बाद कमीशन बांटते थे.

आरोपी गिरफ्तार.
आरोपी गिरफ्तार.

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एसीपी क्राइम ने बताया कि अब तक ये बात जानकारी में आई है कि इस धोखाधड़ी में करीब 120 बैंक खाते और वॉलेट का इस्तेमाल किया गया है. सभी आरोपियों के खाते में पैसा एटीएम मशीन के जरिए डिपोजिट किया जाता था. इस गैंग ने अब तक करीब 4 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई. इस गिरोह के पास से 800 सिम कार्ड, 200 बैंक खाते और 18 लाख रुपये बरामद किए गए थे.

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