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बिना कोचिंग पास की NEET, जानिए कैसे यूट्यूब, टेलीग्राम और इंस्टाग्राम ने बनाया डॉक्टर

सहारनपुर के पुलक जैन ने नीट (NEET) पास कर देश में 970वीं रैंक हासिल की. वहीं, जिले में उसकी दूसरी रैंक रही. सबसे बड़ी बात यह है कि पुलक ने बिना कोचिंग यह परीक्षा पास की.

सहारनपुर पुलक जैन
सहारनपुर पुलक जैन
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Published : Jun 15, 2023, 12:56 PM IST

सहारनपुर के पुलक जैन ने पास की नीट

सहारनपुर: एक ओर जहां इंटरनेट की दुनिया में आज का युवा रील बनाने में व्यस्त है. वहीं, सहारनपुर के पुलक जैन ने इसी इंटरनेट के जरिए NEET परीक्षा पास कर न सिर्फ अपने माता-पिता का नाम रोशन किया है, बल्कि रील बनाने में व्यस्त युवाओं के लिए एक मिशाल पेश की है. पुलक जैन ने यूट्यूब, टेलीग्राम और इंस्टाग्राम को अपनी कामयाबी का ऐसा जरिया बनाया कि सबको हैरान कर दिया. बिना कोचिंग के 686 अंक प्राप्त कर देश में 970वीं रैंक और जिले में दूसरी रैंक हासिल की. बेटे की इस उपलब्धि से परिवार में जश्न का माहौल है. वहीं, उनके घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है. पुलक जैन अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपने माता-पिता को देते हैं और डॉक्टरी की पढ़ाई करने के बाद कॉर्डियोलॉजिस्ट बनने का सपना संजोए हुए हैं.

बता दें कि मंगलवार शाम को NEET 2023 का रिजल्ट आउट हुआ था. इस परीक्षा में देश भर के 20 लाख से ज्यादा छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया था. इनमें से करीब 11 लाख से ज्यादा छात्र-छात्राओं ने NEET की परीक्षा पास की. खास बात ये है कि सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश के 1 लाख 39 हजार 961 छात्र-छात्राएं MBBS और BDS मेडिकल कोर्स के लिए दाखिला ले पाएंगे. इन्हीं में पुलक जैन नाम का एक छात्र जनपद सहारनपुर से भी है. इसने 720 में से 686 अंक प्राप्त कर देश भर में 970वीं रैंक हासिल की है. वैसे तो पुलक जैन पहले भी NEET की परीक्षा क्वालीफाई कर चुके हैं. लेकिन, उस दौरान रैंक कम होने की वजह से अच्छा कॉलेज नहीं मिल पाया था. बावजूद इसके पुलक जैन का हौसला कम नहीं हुआ. उसने डॉक्टर बनने का प्रयास जारी रखा. यही वजह है कि पुलक जैन ने अपनी पढ़ाई जारी रखी और 2023 की NEET परीक्षा दी थी.

यूट्यूब से लिए मेडिकल परीक्षा के टिप्स

खास बात ये है कि पुलक जैन ने बिना किसी कोचिंग के सेल्फ स्टडी कर इस मुकाम को हासिल किया. पुलक जैन ने बताया कि उसने घर में रहकर ही 12 से 15 घंटे पढ़ाई की. जहां उनकी उम्र के बच्चे मोबाइल में रील बनाने में व्यस्त हैं. वहीं, उसने इंटरनेट को अपनी पढ़ाई का जरिया बनाकर डॉक्टर बनने का सपना साकार किया. पुलक जैन के मुताबिक, उसने घर में रहकर यूट्यूब, टेलीग्राम और इंस्टाग्राम पर NEET परीक्षा से जुड़े लेक्चर देखे. यूट्यूब पर अलग-अलग डॉक्टरों, रिसर्चर्स और मोटिवेशन के वीडियो देखकर मेडिकल की तैयारी की. हालांकि, इस दौरान वह अपने लक्ष्य से भटका जरूर. लेकिन, उसने डॉक्टरी के सपने को टूटने नहीं दिया. दिन-रात मेहनत कर बिना किसी कोचिंग के NEET की परीक्षा पास कर यह साबित कर दिया कि मोबाइल फोन इंसान के लिए बना है, इंसान मोबाइल फोन के लिए नहीं.

पुलक पढ़ाई में शुरू से ही था होशियार

बेटे की इस उपलब्धि पर मां मोनिका जैन का कहना है कि आज उनके बेटे ने मेडिकल की पहली परीक्षा पास कर उनका सपना साकार कर दिया है. उनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं है. वहीं, पिता गिरीश जैन ने बताया कि उनका बेटा पुलक पढ़ाई में शुरू से ही होशियार रहा है. 10वीं व 12वीं में अच्छे अंक प्राप्त किए. उन्होंने बताया कि 4 साल पहले वे पुलक को अच्छे कोचिंग सेंटर से कोचिंग करना चाहते थे. लेकिन, पुलक ने कोरोना की वजह से कोचिंग जाने से मना कर दिया. उसने घर पर रहकर ही सेल्फ स्टडी करनी शुरू कर दी. उसने रात के 1 बजे तक यूट्यूब और टेलीग्राम पर NEET की तैयारी की. जबकि, मोबाइल फोन पर स्टडी करना उसके लिए बहुत चुनौती भरा था. लेकिन, उसने कभी कोचिंग जाने या लैपटॉप की मांग नहीं की. रात में जब भी उनकी आंख खुलती तो पुलक अपने कमरे में पढ़ाई करता हुआ मिलता था. उसी का परिणाम है कि आज उनका बेटा डॉक्टर बनने की पहली पायदान को पार कर चुका है.

यह भी पढ़ें: नीट में मेरठ के शिवम पटेल की देशभर में 29वीं रैंक, कोरोना काल में डॉक्टर बनने का लिया था संकल्प

सहारनपुर के पुलक जैन ने पास की नीट

सहारनपुर: एक ओर जहां इंटरनेट की दुनिया में आज का युवा रील बनाने में व्यस्त है. वहीं, सहारनपुर के पुलक जैन ने इसी इंटरनेट के जरिए NEET परीक्षा पास कर न सिर्फ अपने माता-पिता का नाम रोशन किया है, बल्कि रील बनाने में व्यस्त युवाओं के लिए एक मिशाल पेश की है. पुलक जैन ने यूट्यूब, टेलीग्राम और इंस्टाग्राम को अपनी कामयाबी का ऐसा जरिया बनाया कि सबको हैरान कर दिया. बिना कोचिंग के 686 अंक प्राप्त कर देश में 970वीं रैंक और जिले में दूसरी रैंक हासिल की. बेटे की इस उपलब्धि से परिवार में जश्न का माहौल है. वहीं, उनके घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है. पुलक जैन अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपने माता-पिता को देते हैं और डॉक्टरी की पढ़ाई करने के बाद कॉर्डियोलॉजिस्ट बनने का सपना संजोए हुए हैं.

बता दें कि मंगलवार शाम को NEET 2023 का रिजल्ट आउट हुआ था. इस परीक्षा में देश भर के 20 लाख से ज्यादा छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया था. इनमें से करीब 11 लाख से ज्यादा छात्र-छात्राओं ने NEET की परीक्षा पास की. खास बात ये है कि सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश के 1 लाख 39 हजार 961 छात्र-छात्राएं MBBS और BDS मेडिकल कोर्स के लिए दाखिला ले पाएंगे. इन्हीं में पुलक जैन नाम का एक छात्र जनपद सहारनपुर से भी है. इसने 720 में से 686 अंक प्राप्त कर देश भर में 970वीं रैंक हासिल की है. वैसे तो पुलक जैन पहले भी NEET की परीक्षा क्वालीफाई कर चुके हैं. लेकिन, उस दौरान रैंक कम होने की वजह से अच्छा कॉलेज नहीं मिल पाया था. बावजूद इसके पुलक जैन का हौसला कम नहीं हुआ. उसने डॉक्टर बनने का प्रयास जारी रखा. यही वजह है कि पुलक जैन ने अपनी पढ़ाई जारी रखी और 2023 की NEET परीक्षा दी थी.

यूट्यूब से लिए मेडिकल परीक्षा के टिप्स

खास बात ये है कि पुलक जैन ने बिना किसी कोचिंग के सेल्फ स्टडी कर इस मुकाम को हासिल किया. पुलक जैन ने बताया कि उसने घर में रहकर ही 12 से 15 घंटे पढ़ाई की. जहां उनकी उम्र के बच्चे मोबाइल में रील बनाने में व्यस्त हैं. वहीं, उसने इंटरनेट को अपनी पढ़ाई का जरिया बनाकर डॉक्टर बनने का सपना साकार किया. पुलक जैन के मुताबिक, उसने घर में रहकर यूट्यूब, टेलीग्राम और इंस्टाग्राम पर NEET परीक्षा से जुड़े लेक्चर देखे. यूट्यूब पर अलग-अलग डॉक्टरों, रिसर्चर्स और मोटिवेशन के वीडियो देखकर मेडिकल की तैयारी की. हालांकि, इस दौरान वह अपने लक्ष्य से भटका जरूर. लेकिन, उसने डॉक्टरी के सपने को टूटने नहीं दिया. दिन-रात मेहनत कर बिना किसी कोचिंग के NEET की परीक्षा पास कर यह साबित कर दिया कि मोबाइल फोन इंसान के लिए बना है, इंसान मोबाइल फोन के लिए नहीं.

पुलक पढ़ाई में शुरू से ही था होशियार

बेटे की इस उपलब्धि पर मां मोनिका जैन का कहना है कि आज उनके बेटे ने मेडिकल की पहली परीक्षा पास कर उनका सपना साकार कर दिया है. उनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं है. वहीं, पिता गिरीश जैन ने बताया कि उनका बेटा पुलक पढ़ाई में शुरू से ही होशियार रहा है. 10वीं व 12वीं में अच्छे अंक प्राप्त किए. उन्होंने बताया कि 4 साल पहले वे पुलक को अच्छे कोचिंग सेंटर से कोचिंग करना चाहते थे. लेकिन, पुलक ने कोरोना की वजह से कोचिंग जाने से मना कर दिया. उसने घर पर रहकर ही सेल्फ स्टडी करनी शुरू कर दी. उसने रात के 1 बजे तक यूट्यूब और टेलीग्राम पर NEET की तैयारी की. जबकि, मोबाइल फोन पर स्टडी करना उसके लिए बहुत चुनौती भरा था. लेकिन, उसने कभी कोचिंग जाने या लैपटॉप की मांग नहीं की. रात में जब भी उनकी आंख खुलती तो पुलक अपने कमरे में पढ़ाई करता हुआ मिलता था. उसी का परिणाम है कि आज उनका बेटा डॉक्टर बनने की पहली पायदान को पार कर चुका है.

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