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मां! आखिर मेरा कसूर क्या था, जो मरने के लिए झाड़ियों में फेंका

सहारनपुर में एक नवजात बच्चे को उसकी मां झाड़ियों में फेंक कर चली गई. राहगीर की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया है. फिलहाल उसका इलाज चल रहा है. नवजात की हालत नाजुक बताई जा रही है.

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Published : Oct 7, 2022, 5:36 PM IST

सहारनपुर: गागलहेड़ी थाना क्षेत्र में एक मां नवजात बच्चे को झाड़ियों में फेंक कर चली गई. राहगीरों ने शिशु के कराहने की आवाज सुनी तो इसकी सूचना पुलिस को दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने पॉलीथिन में लिपटे शिशु को झाड़ियों से उठाकर आनन-फानन अस्पताल में भर्ती कराया. वहां कई घंटो से शिशु जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहा है. डॉक्टर के साथ-साथ एक महिला पुलिसकर्मी शिशु की देखभाल कर रही है.

बता दें कि मामला गुरुवार की देर शाम गागलहेड़ी थाना क्षेत्र के उग्राहू गांव के पास का है. यहां ग्रामीण नरेंद्र ने सड़क किनारे झाड़ियों में नवजात शिशु के कराहने की आवाज सुनी. नरेंद्र ने इसकी सूचना पुलिस को दी. सूचना पाकर पुलिस बल के साथ थाना प्रभारी मौके पर पहुंचे. पुलिस ने झाड़ियों में देखा कि पॉलीथिन में लिपटा हुआ नवजात तड़प रहा था. इसके बाद पुलिस ने शिशु को उठाकर बाल रोग अस्पताल में भर्ती कराया. वहां शिशु का इलाज चल रहा है. डॉक्टरों के मुताबिक शिशु की हालत नाजुक बनी हुई है.

गौरतलब है कि शिशु को समय रहते नहीं उठाया जाता तो कुत्ते या जंगली जानवर खा सकते थे. फिलहाल बच्चे के लिए राहगीर भगवान बन गया और पुलिस की मदद से उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया. फिलहाल डॉक्टरों के साथ यूपी पुलिस की एक महिला सिपाही शिशु का देखभाल कर रही है. वहीं गागलहेड़ी पुलिस समेत ग्रामीण शिशु के स्वस्थ होने की प्रार्थना कर रहे हैं. शिशु को झाड़ियों में फेंकने के पीछे तरह-तरह की बातें हो रही हैं. स्थानीय लोगों का मानना है कि किसी बिन ब्याही मां ने लोक लज्जा के डर से नवजात को झाड़ियों में फेंका है.

यह भी पढ़ें- हमीरपुर में नवजात को झाड़ियों में फेंक गई मां

सहारनपुर: गागलहेड़ी थाना क्षेत्र में एक मां नवजात बच्चे को झाड़ियों में फेंक कर चली गई. राहगीरों ने शिशु के कराहने की आवाज सुनी तो इसकी सूचना पुलिस को दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने पॉलीथिन में लिपटे शिशु को झाड़ियों से उठाकर आनन-फानन अस्पताल में भर्ती कराया. वहां कई घंटो से शिशु जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहा है. डॉक्टर के साथ-साथ एक महिला पुलिसकर्मी शिशु की देखभाल कर रही है.

बता दें कि मामला गुरुवार की देर शाम गागलहेड़ी थाना क्षेत्र के उग्राहू गांव के पास का है. यहां ग्रामीण नरेंद्र ने सड़क किनारे झाड़ियों में नवजात शिशु के कराहने की आवाज सुनी. नरेंद्र ने इसकी सूचना पुलिस को दी. सूचना पाकर पुलिस बल के साथ थाना प्रभारी मौके पर पहुंचे. पुलिस ने झाड़ियों में देखा कि पॉलीथिन में लिपटा हुआ नवजात तड़प रहा था. इसके बाद पुलिस ने शिशु को उठाकर बाल रोग अस्पताल में भर्ती कराया. वहां शिशु का इलाज चल रहा है. डॉक्टरों के मुताबिक शिशु की हालत नाजुक बनी हुई है.

गौरतलब है कि शिशु को समय रहते नहीं उठाया जाता तो कुत्ते या जंगली जानवर खा सकते थे. फिलहाल बच्चे के लिए राहगीर भगवान बन गया और पुलिस की मदद से उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया. फिलहाल डॉक्टरों के साथ यूपी पुलिस की एक महिला सिपाही शिशु का देखभाल कर रही है. वहीं गागलहेड़ी पुलिस समेत ग्रामीण शिशु के स्वस्थ होने की प्रार्थना कर रहे हैं. शिशु को झाड़ियों में फेंकने के पीछे तरह-तरह की बातें हो रही हैं. स्थानीय लोगों का मानना है कि किसी बिन ब्याही मां ने लोक लज्जा के डर से नवजात को झाड़ियों में फेंका है.

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