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सहारनपुर: कृषि वैज्ञानिकों का दावा, मित्र फफूंदी से खत्म होगा टिड्डी दल - locust end with friendly mildew

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में टिड्डियों के फैलाव को लेकर कृषि विज्ञान केंद्र पहले से ही सतर्क है. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान सहारनपुर कृषि विज्ञान केंद्र प्रभारी डॉ. आईके कुशवाहा ने टिड्डियों के खात्मे को लेकर नायाब तरीके बताए.

डॉ. आइ.के. कुशवाह
डॉ. आइ.के. कुशवाह
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Published : Jun 7, 2020, 1:14 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:22 PM IST

सहारनपुर: पाकिस्तान से आया टिड्डियों का विशाल झुंड राजस्थान और मध्यप्रदेश के साथ-साथ उत्तर प्रदेश में भी दस्तक दे चुका है. यूपी के झांसी, मथुरा, हाथरस समेत कई जिलों में दाखिल हुए एक बड़े टिड्डी दल ने यहां के किसानों को परेशान करना शुरू कर दिया है. वहीं, सहारनपुर जिले में टिड्डी दल को लेकर कृषि विज्ञान केंद्र पहले से अलर्ट है. सहारनपुर के कृषि वैज्ञानिकों ने टिड्डी दल को खत्म करने के लिए अनोखा तरीका अपनाया है. कृषि वैज्ञानिक और सहारनपुर कृषि विज्ञान केंद्र प्रभारी डॉ. आईके कुशवाहा का कहना है कि मित्र फफूंदी के छिड़काव से टिड्डियों का नाश हो सकता है.

ईटीवी भारत से बातचीत में कृषि वैज्ञानिक डॉ. आईके कुशवाहा ने बताया कि टिड्डी दल ऐसे कीट हैं, जो जिस क्षेत्र में शाम को रुकते हैं उस इलाके की फसलों को पूरी तरह से नष्ट कर देते हैं. कुशवाहा ने बताया कि सहारनपुर में टिड्डी दल को खत्म करने की सभी तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं. किसानों को इसके बारे में मोबाइल फोन और व्हाट्सएप के माध्यम से जानकारी दे दी गई है. साथ ही किसानों से अपील की गई है कि जैसे टिड्डी दल खेतों-खलियानों में दिखाई दें, तुरंत इसकी जानकारी प्रशासन और संबधित विभाग को दें.

ऐसा होगा टिड्डियों पर नियंत्रण-

  • पेस्टिसाइड्स के छिड़काव से खत्म किया जा सकता है.
  • थाली, म्यूजिक, शोर करना और तेज आवाज करके भगाने का प्रयास किया जाता है.

हालांकि, यह सब स्थाई इलाज नहीं है. कुछ समय के लिए इनके उपयोग से टिड्डियों पर नियंत्रण पाया जा सकता है.

मित्र फफूंदी से जड़ से खत्म होंगे टिड्डी
डॉ. आईके कुशवाहा ने बताया कि टिड्डी दल मौजूदा समय में बाग और किसानों की फसल गन्ना, धान, मक्का और सब्जियों समेत हर फसल को बर्बाद कर रहे हैं. टिड्डी दल के खात्मे के लिए कृषि विज्ञान केंद्र में मित्र फफूंदी तैयार किया गया है. अब तक कीटनाशक दवा का छिड़काव किया जा रहा था, कीटनाशक दवाएं किसानों के साथ-साथ पालतू पशुओं के लिए घातक हो सकता है.

मित्र फफूंदी के बारे में जानकारी देते कृषि वैज्ञानिक.

7 दिन में मर जाएंगी टिड्डियां
मित्र फफूंदी का छिड़काव बेहतर परिणाम देने वाला है. मित्र फफूंदी फसलों को रोग मुक्त करता है. डॉ. कुशवाहा का दावा है कि अगर मित्र फफूंदी का छिड़काव किया जाए, तो सभी टिड्डियां बीमार होकर 7 दिन में मर जाएंगी. यदि इस बीच ये उड़कर कहीं चली गईं तो वहां जाकर भी मर जाएंगी. मित्र फफूंदी को सड़ी गोबर के साथ मिलाकर भी खेतों में खाद के तौर पर बिखेर सकते हैं.

मित्र फफूंदी का ऐसे करें इस्तेमाल
मित्र फफूंदी को खेतों में छिड़कने के लिए 2 किलोग्राम मित्र फफूंदी को 50 किलोग्राम सड़ी हुई गोबर की खाद में मिलाकर 2 सप्ताह तक छाया में रखें. इसके बाद शाम के समय करीब एक एकड़ खेत में इसका छिड़काव करें. खेत में जो भी कीट होगा उनको यह बीमार करके खत्म कर देगा. डॉ. कुशवाहा का कहना है कि यह मित्र फफूंदी टिड्डी दल को ही नहीं सभी किस्म के कीटों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है.

सहारनपुर: पाकिस्तान से आया टिड्डियों का विशाल झुंड राजस्थान और मध्यप्रदेश के साथ-साथ उत्तर प्रदेश में भी दस्तक दे चुका है. यूपी के झांसी, मथुरा, हाथरस समेत कई जिलों में दाखिल हुए एक बड़े टिड्डी दल ने यहां के किसानों को परेशान करना शुरू कर दिया है. वहीं, सहारनपुर जिले में टिड्डी दल को लेकर कृषि विज्ञान केंद्र पहले से अलर्ट है. सहारनपुर के कृषि वैज्ञानिकों ने टिड्डी दल को खत्म करने के लिए अनोखा तरीका अपनाया है. कृषि वैज्ञानिक और सहारनपुर कृषि विज्ञान केंद्र प्रभारी डॉ. आईके कुशवाहा का कहना है कि मित्र फफूंदी के छिड़काव से टिड्डियों का नाश हो सकता है.

ईटीवी भारत से बातचीत में कृषि वैज्ञानिक डॉ. आईके कुशवाहा ने बताया कि टिड्डी दल ऐसे कीट हैं, जो जिस क्षेत्र में शाम को रुकते हैं उस इलाके की फसलों को पूरी तरह से नष्ट कर देते हैं. कुशवाहा ने बताया कि सहारनपुर में टिड्डी दल को खत्म करने की सभी तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं. किसानों को इसके बारे में मोबाइल फोन और व्हाट्सएप के माध्यम से जानकारी दे दी गई है. साथ ही किसानों से अपील की गई है कि जैसे टिड्डी दल खेतों-खलियानों में दिखाई दें, तुरंत इसकी जानकारी प्रशासन और संबधित विभाग को दें.

ऐसा होगा टिड्डियों पर नियंत्रण-

  • पेस्टिसाइड्स के छिड़काव से खत्म किया जा सकता है.
  • थाली, म्यूजिक, शोर करना और तेज आवाज करके भगाने का प्रयास किया जाता है.

हालांकि, यह सब स्थाई इलाज नहीं है. कुछ समय के लिए इनके उपयोग से टिड्डियों पर नियंत्रण पाया जा सकता है.

मित्र फफूंदी से जड़ से खत्म होंगे टिड्डी
डॉ. आईके कुशवाहा ने बताया कि टिड्डी दल मौजूदा समय में बाग और किसानों की फसल गन्ना, धान, मक्का और सब्जियों समेत हर फसल को बर्बाद कर रहे हैं. टिड्डी दल के खात्मे के लिए कृषि विज्ञान केंद्र में मित्र फफूंदी तैयार किया गया है. अब तक कीटनाशक दवा का छिड़काव किया जा रहा था, कीटनाशक दवाएं किसानों के साथ-साथ पालतू पशुओं के लिए घातक हो सकता है.

मित्र फफूंदी के बारे में जानकारी देते कृषि वैज्ञानिक.

7 दिन में मर जाएंगी टिड्डियां
मित्र फफूंदी का छिड़काव बेहतर परिणाम देने वाला है. मित्र फफूंदी फसलों को रोग मुक्त करता है. डॉ. कुशवाहा का दावा है कि अगर मित्र फफूंदी का छिड़काव किया जाए, तो सभी टिड्डियां बीमार होकर 7 दिन में मर जाएंगी. यदि इस बीच ये उड़कर कहीं चली गईं तो वहां जाकर भी मर जाएंगी. मित्र फफूंदी को सड़ी गोबर के साथ मिलाकर भी खेतों में खाद के तौर पर बिखेर सकते हैं.

मित्र फफूंदी का ऐसे करें इस्तेमाल
मित्र फफूंदी को खेतों में छिड़कने के लिए 2 किलोग्राम मित्र फफूंदी को 50 किलोग्राम सड़ी हुई गोबर की खाद में मिलाकर 2 सप्ताह तक छाया में रखें. इसके बाद शाम के समय करीब एक एकड़ खेत में इसका छिड़काव करें. खेत में जो भी कीट होगा उनको यह बीमार करके खत्म कर देगा. डॉ. कुशवाहा का कहना है कि यह मित्र फफूंदी टिड्डी दल को ही नहीं सभी किस्म के कीटों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:22 PM IST
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