सहारनपुर: मेरठ का एक अग्रवाल परिवार जो कस्बे में आकर इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के रोज़े की तस्वीर बनाकर उनके गम में शरीक होने आते हैं. उनका बनाया हुआ ताजिया कस्बे के हिंदू मुस्लिम समाज के लोगों में हमेशा चर्चा का विषय बना रहता है. बुराइयों पर अच्छाई की जीत पाने वाले इमाम हुसैन अली ने अपनी और अपने परिवार की कुर्बानी देकर इंसानियत को जिंदा किया. इसीलिए इमाम हुसैन अली का गम पूरी दुनिया में हिंदू मुसलमान बनाते हैं.
मेरठ के शास्त्री नगर से सूफी संत मोहन सेठ अग्रवाल अपने परिवार और अपने जानने वालों के साथ 1963 से कस्बे में आकर इमाम हुसैन अली के गम में शरीक होते हैं. वह इमाम हुसैन अली का ताज़िया भी खुद ही बनाते हैं. संत मोहन सेठ अग्रवाल ने बताया कि, इमाम हुसैन अली सिर्फ मुसलमानों के नहीं बल्कि, पूरी दुनिया के लिए इंसानियत को बचाने वाले शख्सियत थे.
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उन्होंने कहा कि, इमाम हुसैन ने इंसानियत को जिंदा किया और आतंकवाद का विरोध की. अगर इमाम हुसैन अली हिंदुस्तान में आ जाते तो यहां हिंदुओं के भी भगवान बन जाते. उन्होंने कहा कि, मैं उस रब का शुक्रिया अदा करता हूं कि, हमारे यहां इमाम हुसैन अली का कोई कातिल नहीं है. उन्होंने कहा कि, इमाम अली ने बुराई के खिलाफ अपनी कुर्बानी देकर पूरी दुनिया की इंसानियत को बचाया. हम उनका गम मनाते हैं. ताकि पूरी दुनिया में इंसानियत और भाईचारा जिंदा रहे.
सेठ संत सूफी मोहन अग्रवाल ने कहा कि, इमाम हुसैन की खिदमत करके मुझे रूहानी फायदा मिलता है. मेरे मौला हुसैन अली की वजह से मुझे पूरा भारत जानता और पहचानता है. उन्हीं की कृपा और दुआ है कि, आज मैं और मेरा परिवार सहित मेरे मुरीद मौला हुसैन अली से फायदा उठा रहे हैं. उनके साथ में उनके पुत्र उपकार अग्रवाल, गगन शर्मा, रिंकू अग्रवाल, मनु ऋषि देहरादून, विपिन अग्रवाल, अनिल गोयल, बॉबी गोयल बहादुरगढ़ आदि शामिल है.
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