सहारनपुर: जिले के लाल निशांत शर्मा को राजकीय सम्मान के साथ सोमवार को अंतिम विदाई दी गई. निशांत शर्मा (30 वर्ष) जम्मू में 18 जनवरी को पाकिस्तान द्वारा किए गए सीजफायर के उल्लंघन के दौरान घायल हुए थे. इसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जम्मू के आर्मी अस्पताल में उपचार के दौरान निशांत शर्मा शहीद हो गए. शहीद निशांत शर्मा सहारनपुर के शारदा नगर के रहने वाले हैं. निशांत शर्मा को अंतिम विदाई देने के लिए जनपदवासी उमड़ पड़े.
जम्मू कश्मीर के राजौरी स्थित अखनूर सेक्टर में पाकिस्तान के संघर्ष विराम के उल्लंघन में घायल सेना के जवान ने रविवार को दम तोड़ दिया. शहीद को सोमवार सुबह उसके पैतृक गांव में भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए अंतिम विदाई दी गई. शहीद निशांत शर्मा का पार्थिव शरीर सड़क मार्ग से रविवार रात उनके पैतृक आवास पर लाया गया. शहीद के अंतिम विदाई के दौरान भारत माता की जय, वंदे मातरम, 'जब तक सूरज चांद रहेगा, निशांत तेरा नाम रहेगा' के नारे लगते रहे.
शहीद का छोटा भाई भी है सेना में
शहीद की एक झलक देखने को उसके माता-पिता, भाई-बहन और उनकी पत्नी बेताब थी. उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि उनका बेटा तिरंगे में लिपटा हुआ घर आएगा. परिवार में शहीद के माता पिता और पत्नी के अलावा दो भाई हैं. उनका बड़ा भाई अध्यापक के पद पर और छोटा भाई मेरठ में भारतीय सेना में ही तैनात है.
शहीद की पत्नी अस्पताल में भर्ती
शहीद निशांत शर्मा की शादी लगभग 6 साल पहले हुई थी. उनके कोई संतान नहीं है. शहीद निशांत शर्मा की खबर लगते ही उनकी पत्नी ने भी अपने आपको घायल कर लिया. इसके बाद उन्हें जिला अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था. सोमवार सुबह राजकीय सम्मान के साथ शहीद निशांत शर्मा का अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान विधायक, मंत्री और उच्च अधिकारी मौजूद रहे. शहीद के परिजनों को सहायता राशि उत्तर प्रदेश सरकार के आयुष मंत्री डॉ. धर्म सिंह सैनी ने दी.