सहारनपुर : देश भर में महाशिवरात्रि का महापर्व कड़ी सुरक्षा के बीचकाफी धूमधाम से मनाया जा रहा है. महादेव के भक्त सुबह से ही शिवालयों में जल चढ़ाने को लेकर लंबी कतारों में लगे हुए हैं. वहीं, सहारनपुर के बाबा मनेकेश्वर महादेव मंदिर में भी यही नजारा देखने को मिल रहा है. वैसे इस शिवालय की एक खास बात और भी है. दरअसल यह मंदिर मुस्लिम किसान की जमीन पर बना हुआ है. इस लिहाज मे यह मंदिर हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक है.
बताया जा रहा है कि इस जमीन पर करीब 500 साल पहले शिवजी की पिंडी अवतरित हुई थी. इसके बाद मुस्लिम किसान ने शिवालय के लिए अपनी जमीन दान दे दी थी. हिंदू समाज इस जमीन पर शिव मंदिर निर्माण कर पूजा-पाठ कर रहा है. अब यहां महाशिवरात्रि के मौके पर विशाल मेले का आयोजन किया जाता है. जहां हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड समेत देश के कई राज्यों से शिव भक्त जलाभिषेक करने आते हैं.
मनेकेश्वर महादेव मंदिर देवबंद से महज दो किलोमीटर दूर मानकी गांव में है. इस मंदिर में यूं तो हर सोमवार श्रदालुओं का तांता लगा रहता है लेकिन शिवरात्रि के महापर्व पर हजारों की भीड़ रहती है. भोलेनाथ को रिझाने के लिए शिवभक्त में जलाभिषेक करने की होड़ लगी रहती है. ऐसे में सुरक्षा की दृष्टि से मंदिर परिसर में स्थानीय पुलिस समेत पीएसी बल की तैनाती की गई है.
सुबह से ही यहां श्रदालुओं की लंबी लाइन लगी हुई है. मंदिर पूरी तरह से शिव के रंग में रंगा है. मंदिर परिसर में हर तरफ 'बोल बम बोल बम' के नारे सुनाई दे रहे हैं. मान्यता है कि आज के दिन शिवलिंग पर जल के साथ बेल, पत्ते, बेर के चादर और कद्दू का प्रसाद चढ़ाने से भगवान भोलेनाथ भक्तों की मनोकामना पूरी करते हैं.
वहीं, मंदिर के मुख्य पुजारी सतीश गिरी ने बताया कि करीब 500 साल पहले एक मुस्लिम किसान हल से अपने खेत की जुताई कर रहा था. उस दौरान उसके खेत में हल के नीचे एक पत्थर आ गया. किसान ने पत्थर को निकालने की कोशिश की लेकिन नाकाम रहे.
किसान इस पत्थर से सिल बट्टा बनाना चाहते थे लेकिन किसान के छूने से पहले ही यह पत्थर जमीन में नीचे चला गया.किसान ने दोबारा हल से जुताई करनी शुरू कर दी और यह पत्थर फिर से हल के आगे आकर टकरा गया.
इस बार किसान ने पत्थर को गौर से देखा तो वह शिवलिंग था. बताया जाता है कि मुस्लिम किसान ने हिंदू समाज के सामने जब यह बताया तो देखकर सब हैरान रह गए.
इसके बाद मुस्लिम किसान ने शिवलिंग अवतरित होने वाले जमीन को मंदिर के नाम दान कर दी. जिसके बाद देवबंद के हिंदू समाज ने इस भव्य मंदिर का निर्माण किया. मानकी गांव में होने के कारण इस मंदिर का नाम मनेकेश्वर महादेव मंदिर रखा गया.