सहारनपुरः जिलाधिकारी द्वारा 100 करोड़ रुपये के जुर्माना रिकवरी किए जाने के आदेश के बाद बसपा एमएलसी महमूद अली ने चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने कहा कि कोर्ट से स्टे होने के बावजूद रिकवरी का आदेश जारी करना उनके अधिकारों का हनन और कोर्ट की अवमानना है. वे इस मामले को विधानसभा में उठाएंगे.
दरअसल, सहारनपुर निवासी गुरप्रीत सिंह बग्गा ने राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (NGT) में रेत के अवैध खनन के कारण पर्यावरण को नुकसान होने और राजस्व को हो रही हानि की शिकायत दर्ज कराई थी. इस मामले को लेकर NGT ने वर्ष 2016 में बसपा एमएलसी महमूद अली और अमित जैन पर जुर्माना लगाया था. अब एक बार फिर जिलाधिकारी ने एसडीएम बेहट और एसडीएम सदर को आदेश जारी कर बसपा एमएलसी महमूद अली और अमित जैन से 50-50 करोड़ रुपये की आरसी की रिकवरी कर NGT के खाते में जमा कराने के आदेश दिए हैं.
इस उठापटक के बीच अब बसपा एमएलसी महमूद अली ने चुप्पी तोड़ी है. रविवार को उन्होंने अपने आवास पर मीडिया से बात करते हुए कहा कि मामले को लेकर उन्होंने हाईकोर्ट से स्टे लिया हुआ है. इसके बावजूद आरसी की रिकवरी के आदेश दिया जाना हाईकोर्ट के आदेशों की अवमानना है और मेरे अधिकारों का हनन है.
उन्होंने कहा कि आने वाले विधानसभा सत्र में वह इस मामले को प्रमुखता से उठाएंगे और अधिकारों का हनन करने वालों को तलब कराएंगे. स्टे के बावजूद डीएम द्वारा दोबारा आरसी रिकवरी के आदेश जारी करने के मामले को उन्होंने राजनीति से प्रेरित बताया और कहा कि सरकार विपक्षी पार्टियों का दमन कर रही है. चुनाव आने वाले हैं, ताकि विपक्षी दल चुनाव में बढ़-चढ़कर हिस्सा न ले सकें.