ETV Bharat / state

सहारनपुर: मदरसे में देश भक्ति के साथ ज्ञान का पाठ पढ़ा रहे RSS कार्यकर्ता - मदरसे में हिन्दू-मुस्लिम सेकड़ों बच्चे

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में स्थित अशरफ-उल-उलूम मदरसा आपसी भाईचारे की एक मिसाल पेश कर रहा है. दरअसल इस मदरसे में हिन्दू-मुस्लिम सेकड़ों बच्चे एक साथ पठन-पाठन का कार्य करते हैं.

etv bharat
मदरसे में हिन्दू-मुस्लिम सेकड़ों बच्चे एक साथ करते है पठन पाठन का कार्य.
author img

By

Published : Dec 10, 2019, 9:03 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST

सहारनपुर: 'मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना' आलम इकबाल की यह पंक्ति एक मदरसे पर बिल्कुल सटीक बैठती है. दरअसल जिले में स्थित अशरफ-उल-उलूम मदरसा हिंदू मुस्लिम एकता के लिए एक अनोखी मिसाल कायम कर रहा है. इस मदरसे में न सिर्फ मुस्लिम बच्चे इस्लामिक तालीम हासिल कर रहे हैं, बल्कि हिंदू बच्चों को भी मानवता का पाठ पढ़ाया जा रहा है.

भाईचारे की मिसाल कायम कर रहा मदरसा
जिला मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर दूर गांव बोहडूपुर में स्थित अशरफ-उल-उलूम मदरसा आपसी भाईचारे की एक मिसाल पेश कर रहा है. इस मदरसे में हिन्दू-मुस्लिम सैकड़ों बच्चे दीनी तालीम सिख रहे हैं.

मदरसे में हिन्दू-मुस्लिम सेकड़ों बच्चे एक साथ करते है पठन पाठन का कार्य.

दीनी तालीम से नवाज रहे अध्यापक
मुस्लिम और RSS से जुड़े हिन्दू अध्यापक इन बच्चों को उर्दू के साथ-साथ हिंदी, अंग्रेजी, समाजिक विज्ञान और देश भक्ति का पाठ भी पढ़ा रहे हैं. खास बात यह है कि हिन्दू और RSS कार्यकर्ता बच्चों को साफ-सफाई के साथ दीनी तालीम से नवाज रहे हैं.

भाईचारे का एक अच्छा संदेश
मदरसे की इस दीवारी में हिन्दू मुस्लिम सभी बच्चे मिलजुल कर पठन पाठन का कार्य करते हैं. इतना ही नहीं सभी बच्चे एक साथ बैठकर खाना भी खाते हैं. ईटीवी भारत से मदरसे में पढ़ने वाले बच्चों ने बताया कि यहां किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं किया जाता. इस मदरसे में पढ़ने वाले यह बच्चे भाईचारे का एक अच्छा संदेश दे रहे हैं. वहीं यह मासूम बच्चे नज्म, सरस्वती वंदना के साथ वंदे मातरम और राष्ट्रगान गाकर अपने दिन की शुरुआत करते हैं.

अध्यापकों के साथ कभी कोई भेदभाव नहीं
मदरसे में पढ़ा रही अध्यापिका पिंकी ने बताया कि वह इस मदरसे में चार सालों से पढ़ा रही हैं और उनके साथ कभी कोई भेदभाव नहीं किया गया. वहीं RSS कार्यकर्ता नरेंद्र पुंडीर ने बताया कि वह करीब आठ साल से इस मदरसे में शिक्षण कार्य कर रहे हैं. साथ ही सभी बच्चों को देश भक्ति के साथ धार्मिक शिक्षा भी दी जा रही है.

इसे भी पढ़ें- सहारनपुर: बदमाशों ने मदरसा छात्र को मारपीट कर किया घायल, मुकदमा दर्ज

सहारनपुर: 'मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना' आलम इकबाल की यह पंक्ति एक मदरसे पर बिल्कुल सटीक बैठती है. दरअसल जिले में स्थित अशरफ-उल-उलूम मदरसा हिंदू मुस्लिम एकता के लिए एक अनोखी मिसाल कायम कर रहा है. इस मदरसे में न सिर्फ मुस्लिम बच्चे इस्लामिक तालीम हासिल कर रहे हैं, बल्कि हिंदू बच्चों को भी मानवता का पाठ पढ़ाया जा रहा है.

भाईचारे की मिसाल कायम कर रहा मदरसा
जिला मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर दूर गांव बोहडूपुर में स्थित अशरफ-उल-उलूम मदरसा आपसी भाईचारे की एक मिसाल पेश कर रहा है. इस मदरसे में हिन्दू-मुस्लिम सैकड़ों बच्चे दीनी तालीम सिख रहे हैं.

मदरसे में हिन्दू-मुस्लिम सेकड़ों बच्चे एक साथ करते है पठन पाठन का कार्य.

दीनी तालीम से नवाज रहे अध्यापक
मुस्लिम और RSS से जुड़े हिन्दू अध्यापक इन बच्चों को उर्दू के साथ-साथ हिंदी, अंग्रेजी, समाजिक विज्ञान और देश भक्ति का पाठ भी पढ़ा रहे हैं. खास बात यह है कि हिन्दू और RSS कार्यकर्ता बच्चों को साफ-सफाई के साथ दीनी तालीम से नवाज रहे हैं.

भाईचारे का एक अच्छा संदेश
मदरसे की इस दीवारी में हिन्दू मुस्लिम सभी बच्चे मिलजुल कर पठन पाठन का कार्य करते हैं. इतना ही नहीं सभी बच्चे एक साथ बैठकर खाना भी खाते हैं. ईटीवी भारत से मदरसे में पढ़ने वाले बच्चों ने बताया कि यहां किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं किया जाता. इस मदरसे में पढ़ने वाले यह बच्चे भाईचारे का एक अच्छा संदेश दे रहे हैं. वहीं यह मासूम बच्चे नज्म, सरस्वती वंदना के साथ वंदे मातरम और राष्ट्रगान गाकर अपने दिन की शुरुआत करते हैं.

अध्यापकों के साथ कभी कोई भेदभाव नहीं
मदरसे में पढ़ा रही अध्यापिका पिंकी ने बताया कि वह इस मदरसे में चार सालों से पढ़ा रही हैं और उनके साथ कभी कोई भेदभाव नहीं किया गया. वहीं RSS कार्यकर्ता नरेंद्र पुंडीर ने बताया कि वह करीब आठ साल से इस मदरसे में शिक्षण कार्य कर रहे हैं. साथ ही सभी बच्चों को देश भक्ति के साथ धार्मिक शिक्षा भी दी जा रही है.

इसे भी पढ़ें- सहारनपुर: बदमाशों ने मदरसा छात्र को मारपीट कर किया घायल, मुकदमा दर्ज

Intro:सहारनपुर : यूं तो इस्लामिक मदरसा जिहाद और कट्टरवाद के लिए अक्सर चर्चाओं में रहते हैं लेकिन सहारनपुर का यह मदरसा हिंदू मुस्लिम एकता के लिए अनोखी मिसाल कायम कर रहा है। अशरफ उल उलूम मदरसे में न सिर्फ मुस्लिम बच्चे इस्लामिक तालीम हासिल कर रहे हैं बल्कि हिंदू बच्चों को भी मानवता का पाठ पढ़ाया जा रहा है। इतना ही नहीं इस मदरसे में पढ़ाने वाले अध्यापक हिंदू समुदाय से हैं वही RSS से जुड़े लोग भी बच्चों को आपसी भाईचारे और देश सेवा का ज्ञान दे रहे हैं। वही मदरसे में पढ़ने वाले हिन्दू मुस्लिम मासूम बच्चे नजम सरस्वती वंदना के साथ वंदे मातरम और राष्ट्रगान गाकर अपने दिन की शुरुआत कर रहे हैं।


Body:VO 1 - एक ओर जहां मंदिर मस्जिद और हिन्दू मुस्लिम के नाम पर कट्टरपंथी नेता राजनीतिक रोटियां सेंकने का काम कर रहे है वहीं पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जनपद सहारनपुर का यह मदरसा न सिर्फ हिन्दू मुस्लिम एकता की अनोखी मिशाल पेश कर रहा है बल्कि धर्म के नाम पर राजनीति करने वालो के लिए एक नजीर पेश कर रहा है। जिला मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर दूर ग़ांव बोहडूपुर के इस मदरसे में हिन्दू मुस्लिम सेकड़ो बच्चे जहां दीनी तालीम सिखाई जा रही है वहीं मुस्लिम और RSS से जुड़े हिन्दू अध्यापक इन बच्चों को उर्दू के साथ हिंदी, अंग्रेजी, समाजिक विज्ञान के साथ देश भक्ति का पाठ भी पढ़ा रहे है। खास बात ये भी है इस मदरसे में हिन्दू युवती और RSS कार्यकर्ता बच्चो को साफ सफाई के साथ दीनी तालीम से नवाज रहे है।

मजहब की दीवार खड़ी कर लोगो के दिलो में दूरियां बढ़ाने और नफरत का जहर घोलने वालो के लिए सहारनपुर का यह मदरसा तमांचे का काम कर रहा है। हिन्दू मुस्लिम सभी बच्चे मिलजुल कर पढ़ाई करते ही हैं। इतना ही नही सभी बच्चे एक साथ बैठकर खाना भी खाते हैं। ईटीवी से बातचीत में मदरसे में पढ़ने वाले बच्चों ने बताया कि यहां किसी के साथ कोई भेदभाव नही किया जाता। "मजहब नही सिखाता आपस मे बैर रखना" ये बच्चे एक साथ मदरसे में पढ़कर यही संदेश दे रहे है जबकि कुछ फिरकापरस्त थोड़ी से खुशी के लिए एक दूसरे का खून बहाने को आतुर रहते है।

मदरसे में पढ़ा रही पिंकी नाम की हिन्दू युवती ने बताया कि वह चार सालों से यहां पढा रही है। यहां उनके साथ कभी भी कोई भेदभाव नही हुआ। वही RSS कार्यकर्ता नरेंद्र पुंडीर ने बताया कि वे करीब आठ साल से इस मदरसे में शिक्षण कार्य कर रहे है। हिन्दू मुस्लिम सभी बच्चो को देश भक्ति के साथ धार्मिक शिक्षा दी रही है। जबकि इस्लामिक मदरसे RSS के टारगेट पर रहे है। लेकिन नरेंद्र पुंडीर ने मजहबी दीवार तोड़ कर मदरसे के बच्चो को बेहतर शिक्षा देने का बीड़ा उठाया हुआ है।


बाईट - खुशबू ( हिन्दू छात्रा )
बाईट - तानिया ( हिन्दू छात्रा )
बाईट - सलमा मलिक ( मुस्लिम छात्रा )
बाईट - पिंकी कश्यप ( हिन्दू अध्यपिका )
बाईट - नरेंद्र पुंडीर ( RSS कार्यकर्ता एवं मदरसा अध्यापक )
बाईट - डॉ अनीस ( मदरसा संचालक )



Conclusion:रोशन लाल सैनी
सहारनपुर
9121293042
9759945153
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.