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42 लोगों के खिलाफ सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज - जनता रोड की जमीन

यूपी के सहारनपुर में जनता रोड की जमीन पर अवैध रूप से दर्ज काश्तकारों के नाम खारिज किए जाने के बाद काश्तकारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है.

सहारनपुर पुलिस.
सहारनपुर पुलिस.
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Published : Jan 9, 2021, 12:51 PM IST

सहारनपुर: एसडीएम सदर द्वारा जनता रोड की जमीन पर अवैध रूप से दर्ज काश्तकारों के नाम खारिज किए जाने के बाद लेखपाल की ओर से 42 काश्तकारों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया है. मुकदमा सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम के तहत दर्ज है. लेखपाल ने कॉरपोरेशन बैंक दिल्ली रोड पर भी एफआईआर दर्ज कराई है.

जानें पूरा मामला
सहारनपुर से पंवारका होकर मुजफ्फराबाद जाने वाली सड़क जनता रोड के नाम से जानी जाती है. इस सड़क के लिए लोक निर्माण विभाग ने वर्ष 1962 में अनेक ग्रामों के साथ ग्राम कपूर के संख्या खसरा 115, 116, 117 की भूमिका भी अधिग्रहण किया गया था. इस दौरान मूल खातेदारों को मुआवजे का भुगतान भी किया गया था. अधिग्रहण के बाद नियमानुसार इस भूमि पर लोक निर्माण विभाग का नाम दर्ज किया जाना था. चकबंदी विभाग द्वारा भेजे गए परवाने के बाद तहसील के अभिलेखों में न होने के कारण सड़क की भूमि पर भी काश्तकारों का ही नाम चलता रहा, जबकि मौके पर सड़क चल रही है. चकबंदी के बाद पुराने खसरा नंबरों से नए नंबर बन गए और मूल काश्तकारों की मृत्यु के बाद उनके वारिसों के नाम भी दर्ज हो गए.

बताया जा रहा है कि नितिन अग्रवाल के प्रार्थना पत्र पर जिलाधिकारी के आदेश के बाद उप जिलाधिकारी सदर अनिल कुमार ने अपने न्यायालय में केस दर्ज कर पूरे मामले में तहसीलदार से रिपोर्ट लेकर केस की नियमित रूप से सुनवाई की. जिसके बाद 42 लोगों के खिलाफ सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम के तहत थाना सदर बाजार में मुकदमा दर्ज किया गया है.

सहारनपुर: एसडीएम सदर द्वारा जनता रोड की जमीन पर अवैध रूप से दर्ज काश्तकारों के नाम खारिज किए जाने के बाद लेखपाल की ओर से 42 काश्तकारों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया है. मुकदमा सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम के तहत दर्ज है. लेखपाल ने कॉरपोरेशन बैंक दिल्ली रोड पर भी एफआईआर दर्ज कराई है.

जानें पूरा मामला
सहारनपुर से पंवारका होकर मुजफ्फराबाद जाने वाली सड़क जनता रोड के नाम से जानी जाती है. इस सड़क के लिए लोक निर्माण विभाग ने वर्ष 1962 में अनेक ग्रामों के साथ ग्राम कपूर के संख्या खसरा 115, 116, 117 की भूमिका भी अधिग्रहण किया गया था. इस दौरान मूल खातेदारों को मुआवजे का भुगतान भी किया गया था. अधिग्रहण के बाद नियमानुसार इस भूमि पर लोक निर्माण विभाग का नाम दर्ज किया जाना था. चकबंदी विभाग द्वारा भेजे गए परवाने के बाद तहसील के अभिलेखों में न होने के कारण सड़क की भूमि पर भी काश्तकारों का ही नाम चलता रहा, जबकि मौके पर सड़क चल रही है. चकबंदी के बाद पुराने खसरा नंबरों से नए नंबर बन गए और मूल काश्तकारों की मृत्यु के बाद उनके वारिसों के नाम भी दर्ज हो गए.

बताया जा रहा है कि नितिन अग्रवाल के प्रार्थना पत्र पर जिलाधिकारी के आदेश के बाद उप जिलाधिकारी सदर अनिल कुमार ने अपने न्यायालय में केस दर्ज कर पूरे मामले में तहसीलदार से रिपोर्ट लेकर केस की नियमित रूप से सुनवाई की. जिसके बाद 42 लोगों के खिलाफ सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम के तहत थाना सदर बाजार में मुकदमा दर्ज किया गया है.

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