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सहारनपुर: खतरे में कस्तूरबा गांधी विद्यालय के अध्यापकों की संविदा

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Published : Sep 15, 2020, 4:07 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:22 PM IST

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों की शिक्षिकाओं ने मुख्य विकास अधिकारी को ज्ञापन देकर संविदा खत्म की प्रक्रिया को स्थगित करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि 28 सितंबर को संविदा मामले की सुनवाई होनी है, तब तक शासन स्तर से हो रही प्रक्रिया पर रोक लगाई जाए.

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शिक्षिकाओं ने प्रदर्शन कर संविदा प्रक्रिया पर रोक की मांग की.

सहारनपुर: एक ओर जहां उत्तर प्रदेश की योगी सरकार प्रदेशवासियों को रोजगार देने के दावे कर रही है. वहीं कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों की शिक्षिकाएं न सिर्फ सरकार के दावों की पोल खोल रही हैं, बल्कि संविदा खत्म करने के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. बड़ी संख्या में कस्तूरबा गांधी विद्यालय की शिक्षिकाओं ने विषय विशेष के आधार पर हो रहे समायोजन को गलत बताते हुए सहारनपुर विकास भवन में प्रदर्शन किया. शिक्षिकाओं ने मुख्य विकास अधिकारी को ज्ञापन देकर जहां संविदा खत्म की प्रक्रिया को स्थगित करने की मांग की है. वहीं मामले को न्यायालय के विचाराधीन होना बताया है. प्रदर्शन कर रही अध्यापिकाओं का कहना है कि 28 सितंबर को संविदा मामले की सुनवाई होनी है, तब तक शासन स्तर से हो रही प्रक्रिया पर रोक लगाई जाए. उन्होंने बताया कि इस प्रक्रिया से प्रदेश की 3000 से ज्यादा शिक्षिकाओं की नौकरी खतरे में है.


कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय अध्यापक संघ महामंत्री आशा रंजन ने बताया कि यहां मुख्य विकास अधिकारी के पास समस्या लेकर आए हैं. 14 जुलाई 2020 को प्रयोजन निदेशक की ओर से एक पत्र जारी किया गया है. पत्र में कहा गया कि संविदा कर्मियों में कुछ अध्यापक मुख्य विषय पर हैं कुछ गौण विषय पर हैं, जबकि इससे पहले किसी प्रकार के विषय डिसाइड नहीं थे. यह जो नई शिक्षा नीति आई है उसमें भी ऐसा कोई नियम नहीं है, जिसमें मुख्य एवं गौण विषय का जिक्र किया गया हो.

उन्होंने कहा कि जो मुख्य विषय के पुरुष अध्यापक हैं और पार्ट टाइम पढ़ाते हैं, इन सबकी सविंदा समाप्त की जा रही है. जो पुर्णकालिक गौण विषय की अध्यापिकाएं हैं, जिन्हें 22000 रुपये मानदेय दिया जा रहा था. उनको इस शर्त पर संविदा देने की बात कही गई है कि उन्हें 9800 रुपये का मानदेय मिलेगा. इसके बाद एक पत्र जारी कर कहा गया कि UPS में कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में पंजीकृत छात्राएं हैं, जिन्हें लॉकडाउन लगने के बाद ये शिक्षिकाएं ऑनलाइन, फोन पर सम्पर्क करके अपने स्कूल में एनरॉलमेंट करवाया है. उनका एनरॉलमेंट UPS में किया जाए.

उन्होंने कहा कि जब ऐसा ही करना था तो कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों की अध्यापिकाओं को बुलाया क्यों? 8 जून को पत्र जारी कर सभी कर्मचारियों को विद्यालयों में उपस्तिथ होने के निर्देश दिए गए थे. तभी से सभी अध्यापिकाएं ऑनलाइन क्लासेस ले रही हैं. इसके बावजूद UPS में टेंपरेरी एडमिशन क्यों कराया गया है, जिसके चलते आज उन्होंने मुख्य विकास अधिकारी को ज्ञापन देकर मांग की है कि 14 जुलाई में भेजे गए पत्र के अनुसार, नवीन संविदा हो रही है. इस संविदा को 28 सितंबर तक स्थगित किया जाए क्योंकि इन अध्यापिकाओं का मामला न्यायालय में विचाराधीन है, जिसमें 28 सितंबर को सुनवाई होनी है.

मुख्य विकास अधिकारी से मांग की है कि 28 तारीख तक इस प्रक्रिया को यथावत रोक लिया जाए. जो जिस पोस्ट पर है उसको वहीं रहने दिया जाए. इसके बाद जो न्यायलय का फैसला आएगा वो सभी अध्यापिकाओं को मंजूर होगा. प्रयोजन निदेशक की इस कार्रवाई से सहारनपुर जिले के 9 विद्यालयों की 30 अध्यापिकाएं प्रभावित हो रही हैं. पूरे उत्तर प्रदेश में 3000 से ज्यादा अध्यापिकाओं की संविदा खत्म हो सकती है.

शासनादेश आया था कि कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में विषयों के हिसाब से समायोजन किया जाना है. इस सबन्ध में जुलाई और अगस्त माह में प्रयोजन निदेशक का पत्र आया था. इसके लिए एक कमेटी बनाई गई है, लेकिन आज कस्तूरबा गांधी विद्यालय की शिक्षिकाओं ने उनसे मिलकर ज्ञान दिया है और उन्होंने इस प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग की है.

प्रणय सिंह, मुख्य विकास अधिकारी, सहारनपुर

सहारनपुर: एक ओर जहां उत्तर प्रदेश की योगी सरकार प्रदेशवासियों को रोजगार देने के दावे कर रही है. वहीं कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों की शिक्षिकाएं न सिर्फ सरकार के दावों की पोल खोल रही हैं, बल्कि संविदा खत्म करने के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. बड़ी संख्या में कस्तूरबा गांधी विद्यालय की शिक्षिकाओं ने विषय विशेष के आधार पर हो रहे समायोजन को गलत बताते हुए सहारनपुर विकास भवन में प्रदर्शन किया. शिक्षिकाओं ने मुख्य विकास अधिकारी को ज्ञापन देकर जहां संविदा खत्म की प्रक्रिया को स्थगित करने की मांग की है. वहीं मामले को न्यायालय के विचाराधीन होना बताया है. प्रदर्शन कर रही अध्यापिकाओं का कहना है कि 28 सितंबर को संविदा मामले की सुनवाई होनी है, तब तक शासन स्तर से हो रही प्रक्रिया पर रोक लगाई जाए. उन्होंने बताया कि इस प्रक्रिया से प्रदेश की 3000 से ज्यादा शिक्षिकाओं की नौकरी खतरे में है.


कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय अध्यापक संघ महामंत्री आशा रंजन ने बताया कि यहां मुख्य विकास अधिकारी के पास समस्या लेकर आए हैं. 14 जुलाई 2020 को प्रयोजन निदेशक की ओर से एक पत्र जारी किया गया है. पत्र में कहा गया कि संविदा कर्मियों में कुछ अध्यापक मुख्य विषय पर हैं कुछ गौण विषय पर हैं, जबकि इससे पहले किसी प्रकार के विषय डिसाइड नहीं थे. यह जो नई शिक्षा नीति आई है उसमें भी ऐसा कोई नियम नहीं है, जिसमें मुख्य एवं गौण विषय का जिक्र किया गया हो.

उन्होंने कहा कि जो मुख्य विषय के पुरुष अध्यापक हैं और पार्ट टाइम पढ़ाते हैं, इन सबकी सविंदा समाप्त की जा रही है. जो पुर्णकालिक गौण विषय की अध्यापिकाएं हैं, जिन्हें 22000 रुपये मानदेय दिया जा रहा था. उनको इस शर्त पर संविदा देने की बात कही गई है कि उन्हें 9800 रुपये का मानदेय मिलेगा. इसके बाद एक पत्र जारी कर कहा गया कि UPS में कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में पंजीकृत छात्राएं हैं, जिन्हें लॉकडाउन लगने के बाद ये शिक्षिकाएं ऑनलाइन, फोन पर सम्पर्क करके अपने स्कूल में एनरॉलमेंट करवाया है. उनका एनरॉलमेंट UPS में किया जाए.

उन्होंने कहा कि जब ऐसा ही करना था तो कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों की अध्यापिकाओं को बुलाया क्यों? 8 जून को पत्र जारी कर सभी कर्मचारियों को विद्यालयों में उपस्तिथ होने के निर्देश दिए गए थे. तभी से सभी अध्यापिकाएं ऑनलाइन क्लासेस ले रही हैं. इसके बावजूद UPS में टेंपरेरी एडमिशन क्यों कराया गया है, जिसके चलते आज उन्होंने मुख्य विकास अधिकारी को ज्ञापन देकर मांग की है कि 14 जुलाई में भेजे गए पत्र के अनुसार, नवीन संविदा हो रही है. इस संविदा को 28 सितंबर तक स्थगित किया जाए क्योंकि इन अध्यापिकाओं का मामला न्यायालय में विचाराधीन है, जिसमें 28 सितंबर को सुनवाई होनी है.

मुख्य विकास अधिकारी से मांग की है कि 28 तारीख तक इस प्रक्रिया को यथावत रोक लिया जाए. जो जिस पोस्ट पर है उसको वहीं रहने दिया जाए. इसके बाद जो न्यायलय का फैसला आएगा वो सभी अध्यापिकाओं को मंजूर होगा. प्रयोजन निदेशक की इस कार्रवाई से सहारनपुर जिले के 9 विद्यालयों की 30 अध्यापिकाएं प्रभावित हो रही हैं. पूरे उत्तर प्रदेश में 3000 से ज्यादा अध्यापिकाओं की संविदा खत्म हो सकती है.

शासनादेश आया था कि कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में विषयों के हिसाब से समायोजन किया जाना है. इस सबन्ध में जुलाई और अगस्त माह में प्रयोजन निदेशक का पत्र आया था. इसके लिए एक कमेटी बनाई गई है, लेकिन आज कस्तूरबा गांधी विद्यालय की शिक्षिकाओं ने उनसे मिलकर ज्ञान दिया है और उन्होंने इस प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग की है.

प्रणय सिंह, मुख्य विकास अधिकारी, सहारनपुर

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:22 PM IST
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