सहारनपुर: सोशल मीडिया पर इन दिनों जमीयत उलेमा-ए-हिन्द का एक लेटर वायरल हो रहा है. इस लेटर में सोनिया गांधी से न सिर्फ महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ सरकार नहीं बनाने की अपील की गई है बल्कि सरकार बनने के दुष्परिणाम होने की बात भी कही गयी है. सोशल मीडिया पर वायरल हो रही चिट्ठी के बाद नया विवाद खड़ा हो गया है. चिट्ठी के वायरल होने के बाद देवबंदी उलेमाओं ने जहां इस लेटर की निंदा की है, वहीं जमीयत पदाधिकारियो से चिट्ठी वायरल करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की बात भी कही है.
जमीयत-उलेमा-ए-हिन्द का फर्जी पत्र सोशल मीडिया पर वायरल
- सबसे बड़े इस्लामिक संगठन जमीयत-उलेमा-ए-हिन्द का एक फर्जी पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
- इस पत्र पर बाकायदा राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी के हस्ताक्षर भी हुए हैं.
- यह पत्र कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी के नाम लिखा गया है.
- इस पत्र के माध्यम से सोनिया गांधी से अपील की गई है कि महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ मिलकर कांग्रेस सरकार न बनाए.
- यदि कांग्रेस सरकार बनाती है तो भविष्य में कांग्रेस पार्टी के लिए सही नहीं होगा.
- बताया जा रहा है कि यह पत्र फर्जी है इसको जमीयत-उलेमा-ए-हिन्द के व्हाट्सएप ग्रुप से चुरा कर यह सब लिखा गया है.
- देवबंदी उलेमाओ ने इस पत्र को न सिर्फ फर्जी करार दिया है बल्कि पत्र लिख कर वायरल करने वाले शख्स के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की है.
जमीयत के ग्रुप पर अकसर लेटरपेड पर पत्राचार होता रहता है. किसी खुरापाती सख्स ने ग्रुप से पत्र चुरा कर उसका गलत इस्तेमाल किया है. इस बाबत जमीयत के पदाधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने इस पत्र को फर्जी करार दिया है. यह जमीयत को बदनाम करने की साजिश हो सकती है.
-कारी इश्हाक गोरा,देवबंदी उलेमा