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सहारनपुरः उलेमा का बयान, कहा- मदरसों के आधुनिकीकरण में ली जाए हमारी भी राय

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में मदरसों के आधुनिकीकरण का एक ओर जहां स्वागत किया गया है, वहीं देवबंदी उलेमा ने सवाल भी खड़े किए हैं. उनका कहना है कि सरकार को आधुनिकीकरण से पहले उलेमाओं की राय लेनी चाहिए, ताकि मदरसों का बेहतर आधुनिकीकरण हो सके.

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Published : Nov 12, 2019, 11:47 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST

देवबंदी उलेमा ने मदरसा आधुनिकीकरण पर सरकार से सवालों के जवाब मांगे

सहारनपुर: मोदी सरकार ने मदरसों के आधुनिकीकरण करने का बीड़ा उठाया है. सरकार ने मदरसा आधुनिकीकरण के लिए नवीन नियमावली के अनुसार उत्तर प्रदेश में संचालित 7442 मदरसों में राशि का हिस्सा तय किया है. केंद्र से 60 और राज्य से 40 प्रतिशत का अंशदान निर्धारित किया है.
इसे स्कीम फ़ॉर प्रोवाइडिंग स्कीम के अंतर्गत लागू किया गया है. इस फैसले का देवबंदी उलेमाओं ने एक ओर जहां सिर्फ स्वागत किया, वहीं मदरसों के आधुनिकीकरण को लेकर सवाल भी उठाए हैं.

देवबंदी उलेमा ने मदरसा आधुनिकीकरण पर सरकार से सवालों के जवाब मांगे

106.52 करोड़ रुपये से होगा आधुनिकीकरण

देवबंदी उलेमाओं का कहना है कि मदरसा आधुनिकीकरण के लिए सरकार की बातें अधूरी है. उन्हें आधुनिककीकरण के लिए उलेमाओं से भी राय लेनी चाहिए.
सरकार ने मदरसा आधुनिकीकरण के लिए नई नियमावली लागू की है. नियमावली के मुताबिक उत्तर प्रदेश के 7442 संचालित मदरसों में केंद्र और राज्य का हिस्सा निर्धारित किया गया है. इसे एक स्कीम के तहत लागू किया गया है. मदरसों में 5212 स्नातक और 15 हजार 914 बीएड शिक्षक कार्यरत हैं. आधुनिकीकरण के फैसले के साथ 106 करोड़ 52 लाख रुपये बजट का प्रस्ताव पास किया गया है. लेकिन सरकार के इस कदम पर देवबंदी उलेमाओं ने सवाल खड़े कर दिए हैं.

दारुल उलूम देवबंद के आलीम कारी इश्हाक गौरा ने कहा कि आधुनिकीकरण को लेकर सरकार ने जो बातें कही हैं, वे सभी अधूरी हैं. इसमें हम लोगों के सवाल हैं. उसके जवाब सही तरीके से सामने नही आ रहे हैं. मैं समझता हूं, इसके बारे में विस्तार से सरकार को बताना चाहिए. मदरसों का आधुनिकीकरण अच्छी पहल है और उलेमा व मुस्लिम समुदाय भी चाहता है. लेकिन इसके लिए सरकार को उलेमाओ से राय लेनी चाहिए. ताकि मदरसों का आधुनिकीकरण बेहतर हो सके.

सहारनपुर: मोदी सरकार ने मदरसों के आधुनिकीकरण करने का बीड़ा उठाया है. सरकार ने मदरसा आधुनिकीकरण के लिए नवीन नियमावली के अनुसार उत्तर प्रदेश में संचालित 7442 मदरसों में राशि का हिस्सा तय किया है. केंद्र से 60 और राज्य से 40 प्रतिशत का अंशदान निर्धारित किया है.
इसे स्कीम फ़ॉर प्रोवाइडिंग स्कीम के अंतर्गत लागू किया गया है. इस फैसले का देवबंदी उलेमाओं ने एक ओर जहां सिर्फ स्वागत किया, वहीं मदरसों के आधुनिकीकरण को लेकर सवाल भी उठाए हैं.

देवबंदी उलेमा ने मदरसा आधुनिकीकरण पर सरकार से सवालों के जवाब मांगे

106.52 करोड़ रुपये से होगा आधुनिकीकरण

देवबंदी उलेमाओं का कहना है कि मदरसा आधुनिकीकरण के लिए सरकार की बातें अधूरी है. उन्हें आधुनिककीकरण के लिए उलेमाओं से भी राय लेनी चाहिए.
सरकार ने मदरसा आधुनिकीकरण के लिए नई नियमावली लागू की है. नियमावली के मुताबिक उत्तर प्रदेश के 7442 संचालित मदरसों में केंद्र और राज्य का हिस्सा निर्धारित किया गया है. इसे एक स्कीम के तहत लागू किया गया है. मदरसों में 5212 स्नातक और 15 हजार 914 बीएड शिक्षक कार्यरत हैं. आधुनिकीकरण के फैसले के साथ 106 करोड़ 52 लाख रुपये बजट का प्रस्ताव पास किया गया है. लेकिन सरकार के इस कदम पर देवबंदी उलेमाओं ने सवाल खड़े कर दिए हैं.

दारुल उलूम देवबंद के आलीम कारी इश्हाक गौरा ने कहा कि आधुनिकीकरण को लेकर सरकार ने जो बातें कही हैं, वे सभी अधूरी हैं. इसमें हम लोगों के सवाल हैं. उसके जवाब सही तरीके से सामने नही आ रहे हैं. मैं समझता हूं, इसके बारे में विस्तार से सरकार को बताना चाहिए. मदरसों का आधुनिकीकरण अच्छी पहल है और उलेमा व मुस्लिम समुदाय भी चाहता है. लेकिन इसके लिए सरकार को उलेमाओ से राय लेनी चाहिए. ताकि मदरसों का आधुनिकीकरण बेहतर हो सके.

Intro:खबर wrap से भेजी गई है

सहारनपुर : राम मंदिर मामले का निपटारा होने के बाद अब केंद्र की मोदी सरकार ने इस्लामिक मदरसों का आधुनिकरण करने का बीड़ा उठाया है। सरकार ने मदरसा आधुनिकरण के लिए नवीन नियमावली अनुसार 7442 संचालित मदरसा में केंद्र से 60 प्रतिशत और 40 प्रतिशत का राज्यंश निर्धारित किया है। स्किम फ़ॉर प्रोवाइडिंग स्किम के अंतर्गत इसे लागू किया गया है। जबकि देवबंदी उलेमाओ ने सरकार के इस फैसले का एक ओर जहां सिर्फ स्वागत कर रहे हैं वहीं मदरसों के आधुनिकरण को लेकर सवाल उठाने शुरू कर दिए है। देवबंदी उलेमाओं का कहना है कि सरकार मदरसा आधुनिकरण के लिए सरकार की बाते अधूरी है और इसके लिए सरकार को उलेमाओ से राय लेनी चाहिए।Body:VO 1 - आपको बता दें कि मदरसा आधुनिकरण के लिए सरकार ने नई नियमावली लागू की है। नियमावली के मुताबिक उत्तर प्रदेश के 7442 संचालित मदरसा में केंद्र से 60 प्रतिशत और 40 प्रतिशत का राज्यंश निर्धारित किया गया है। सरकार ने इसके लिए बाकायदा स्किम फ़ॉर प्रोवाइडिंग स्किम के अंतर्गत इसे लागू किया है। मदरसों में 5212 स्नातक शिक्षक, 15 हजार 914 बीएड शिक्षक कार्य कर रहे है। आधुनिकरण करने के फैसले के साथ 106 करोड़ 52 लाख बजट तैयार किया जाने के प्रस्ताव पास गया है। लेकिन मदरसों के आधुनिकरण के इस कदम पर देवबंदी उलेमाओं ने सवाल खड़े कर दिए है। दारुल उलूम देवबंद के आलीम कारी इश्हाक गौरा ने सरकार के इस फैसले पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि आधुनिकरण को लेकर सरकार ने जो बातें बताई जा रही है ये सभी अधूरी हैं। इसमें जो सवालात हम लोगो के हैं उसके जवाब सही तरीके से सामने नही आ रहे है। मैं समझता हूं इसके बारे में विस्तार से सरकार को बताना चाहिए। मदरसों के आधुनिकरण बनाने की अच्छी पहल है और उलेमा और मुस्लिम समुदाय भी चाहता है। लेकिन इसके लिए सरकार को उलेमाओ से राय लेनी चाहिए। ताकि मदरसों का आधुनिकरण बेहतर हो सके।

बाईट - कारी इश्हाक गोरा ( देवबंदी उलेमा )Conclusion:रोशन लाल सैनी
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Last Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST
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