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सहारनपुर: मदरसों को आधुनिक योजना में शामिल करने के लिए जांच शुरू, धार्मिक गुरुओं ने उठाये सवाल

योगी सरकार के 'आधुनिक मदरसा योजना' के तहत सूबे के तमाम मदरसों की जांच के फैसले पर इस्लामिक धर्म गुरुओं के बयान आने शुरू हो गए हैं. सहारनपुर में सरकार के इस फैसले पर इस्लामिक धर्म गुरुओं ने सवाल उठाया है.

इस्लामिक धर्म गुरु.
इस्लामिक धर्म गुरु.
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Published : Apr 29, 2022, 12:42 PM IST

सहारनपुर: योगी आदित्यनाथ सरकार ने 'आधुनिक मदरसा योजना' के तहत सूबे के तमाम मदरसों की जांच के निर्देश दिए हैं. उपसचिव शकील अहमद सिद्दीकी ने एक सर्कुलर जारी कर राज्य में मदरसों की जांच के लिए विशेष समिति का गठन किया है. जहां समिति मदरसों की निष्पक्ष जांच के निर्देश दिए हैं. वहीं, सरकार के इस फैसले को लेकर इस्लामिक धर्म गुरुओं की तीखी प्रक्रिया भी आनी शुरू हो गई है.

जानकारी देते इस्लामिक धर्म गुरु.

इस्लामिक धर्म गुरुओं का कहना है कि सरकार केवल उन्हीं मदरसों की जांच कराए जिन्हें सरकार की ओर से फंड मिल रहा है या उन मदरसों की जांच करवाएं, जो कागज पर तो मौजूद हैं लेकिन जमीनी स्तर पर उनका कोई वजूद नहीं. ऐसे मदरसा संचालकों की वजह से ही तमाम मदरसे बदनाम हो रहे हैं. सरकार को चाहिए कि मदरसों को 'आधुनिक मदरसा योजना' के तहत लाने से पहले मदरसा संचालकों से बात करें. उनकी संतुष्टि के बाद ही मदरसों का आधुनिकीकरण करने पर विचार करना चाहिए.

जानकारी के मुताबिक उपमंडल मजिस्ट्रेट, खंड शिक्षा अधिकारी और प्रखंड विकास अधिकारी जिलाधिकारी को मदरसों की जांच की जिम्मेदारी दी गई है. मदरसों की जांच रिपोर्ट जल्द प्रेषित करने के आदेश दिए गए हैं ताकि समय रहते सभी मदरसों का आधुनिकीकरण किया जा सके. हालांकि इस्लामिक धर्म गुरुओं ने सरकार के इस फैसले का दबे मन से विरोध किया है.

जमीयत दावतुल मुस्लिमीन के संरक्षक व प्रसिद्ध आलिम कारी इश्हाक गोरा का कहना है कि सरकार मदरसों को आधुनिक योजना के तहत जोड़ना चाहती है तो पहले मदरसों के जिम्मेदारों को अपने भरोसे में लेना चाहिए. मदरसों के जिम्मेदारों के मन में जो प्रश्न है उनका जवाब देना होगा. उनको संतुष्ट करने के बाद ही इस तरह का कोई आदेश और निर्देश जारी करना चाहिए. पहले ही आदेश जारी कर देना यह मदरसों के जिम्मेदारों के मन में सवाल जरूर पैदा करता है.

देवबंदी उलेमा मुफ्ती असद कासमी का कहना है कि मदरसा आधुनिक योजना के तहत जो मदरसे आते हैं योगी आदित्यनाथ सरकार ने ऐसे मदरसों के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं तो इस सिलसिले में मेरी राय है कि जिन मदरसों को हुकूमत फंड दे रही है. ऐसे मदरसे जो सरकार से ऐड ले रहे हैं और वह जमीनी सतह पर काम भी नहीं कर रहे है. ऐसे मदरसे की रिपोर्ट मे सुनने को मिल रही है मदरसे सिर्फ कागजों पर है. जमीनी स्तर पर इनका कोई वजूद नहीं है. ऐसे में योगी सरकारों को भी इन चीजों के बारे में कुछ लोगों ने शिकायत की है. जिसका संज्ञान लेते हुए योगी सरकार ने ऐसे मदरसों के खिलाफ जांच के आदेश जारी किए हैं. जिन्हें सरकार विज्ञापन मिलता है.

इसे भी पढे़ं- प्रधानाचार्य समेत 4 मदरसा शिक्षकों से करोड़ों रुपए की रिकवरी के आदेश, जानें पूरा मामला

सहारनपुर: योगी आदित्यनाथ सरकार ने 'आधुनिक मदरसा योजना' के तहत सूबे के तमाम मदरसों की जांच के निर्देश दिए हैं. उपसचिव शकील अहमद सिद्दीकी ने एक सर्कुलर जारी कर राज्य में मदरसों की जांच के लिए विशेष समिति का गठन किया है. जहां समिति मदरसों की निष्पक्ष जांच के निर्देश दिए हैं. वहीं, सरकार के इस फैसले को लेकर इस्लामिक धर्म गुरुओं की तीखी प्रक्रिया भी आनी शुरू हो गई है.

जानकारी देते इस्लामिक धर्म गुरु.

इस्लामिक धर्म गुरुओं का कहना है कि सरकार केवल उन्हीं मदरसों की जांच कराए जिन्हें सरकार की ओर से फंड मिल रहा है या उन मदरसों की जांच करवाएं, जो कागज पर तो मौजूद हैं लेकिन जमीनी स्तर पर उनका कोई वजूद नहीं. ऐसे मदरसा संचालकों की वजह से ही तमाम मदरसे बदनाम हो रहे हैं. सरकार को चाहिए कि मदरसों को 'आधुनिक मदरसा योजना' के तहत लाने से पहले मदरसा संचालकों से बात करें. उनकी संतुष्टि के बाद ही मदरसों का आधुनिकीकरण करने पर विचार करना चाहिए.

जानकारी के मुताबिक उपमंडल मजिस्ट्रेट, खंड शिक्षा अधिकारी और प्रखंड विकास अधिकारी जिलाधिकारी को मदरसों की जांच की जिम्मेदारी दी गई है. मदरसों की जांच रिपोर्ट जल्द प्रेषित करने के आदेश दिए गए हैं ताकि समय रहते सभी मदरसों का आधुनिकीकरण किया जा सके. हालांकि इस्लामिक धर्म गुरुओं ने सरकार के इस फैसले का दबे मन से विरोध किया है.

जमीयत दावतुल मुस्लिमीन के संरक्षक व प्रसिद्ध आलिम कारी इश्हाक गोरा का कहना है कि सरकार मदरसों को आधुनिक योजना के तहत जोड़ना चाहती है तो पहले मदरसों के जिम्मेदारों को अपने भरोसे में लेना चाहिए. मदरसों के जिम्मेदारों के मन में जो प्रश्न है उनका जवाब देना होगा. उनको संतुष्ट करने के बाद ही इस तरह का कोई आदेश और निर्देश जारी करना चाहिए. पहले ही आदेश जारी कर देना यह मदरसों के जिम्मेदारों के मन में सवाल जरूर पैदा करता है.

देवबंदी उलेमा मुफ्ती असद कासमी का कहना है कि मदरसा आधुनिक योजना के तहत जो मदरसे आते हैं योगी आदित्यनाथ सरकार ने ऐसे मदरसों के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं तो इस सिलसिले में मेरी राय है कि जिन मदरसों को हुकूमत फंड दे रही है. ऐसे मदरसे जो सरकार से ऐड ले रहे हैं और वह जमीनी सतह पर काम भी नहीं कर रहे है. ऐसे मदरसे की रिपोर्ट मे सुनने को मिल रही है मदरसे सिर्फ कागजों पर है. जमीनी स्तर पर इनका कोई वजूद नहीं है. ऐसे में योगी सरकारों को भी इन चीजों के बारे में कुछ लोगों ने शिकायत की है. जिसका संज्ञान लेते हुए योगी सरकार ने ऐसे मदरसों के खिलाफ जांच के आदेश जारी किए हैं. जिन्हें सरकार विज्ञापन मिलता है.

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