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सहारनपुर: योग दिवस के दिन कोरोना वायरस पर लगेगा सूर्य ग्रहण - अंतरराष्ट्रीय योग गुरू भारत भूषण

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में ईटीवी भारत ने प्रथम पद्मश्री उपाधि से सम्मानित अंतरराष्ट्रीय योग गुरु भारत भूषण से बातचीत की. इस दौरान लोगों से गुरु ने घर पर ही योग करने की अपील की.

Yoga Guru Bharat Bhushan
योग गुरू भारत भूषण
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Published : Jun 20, 2020, 4:29 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:22 PM IST

सहारनपुर: 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने की तैयारियां जोर शोर से चल रही है. यहां प्रदेश सरकार ने बेहतर योग करने वालों के लिए पुरस्कार राशि देने की घोषणा की है. वहीं योग दिवस मनाने के लिए लोग ऑनलाइन योगाभ्यास कर रहे हैं, लेकिन कोरोना वायरस की वजह से इस बार योग दिवस की सभी तैयारियों पर पानी फिर गया है.

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने को लेकर ETV भारत ने देश के प्रथम पदमश्री से सम्मानित योग गुरु स्वामी भारत भूषण से बात की. बातचीत के दौरान योग गुरु ने बताया कि इस बार कोरोना वायरस पर सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है. 21 जून को सम्पूर्ण सूर्य ग्रहण है, जिससे कोरोना महामारी पर असर पड़ने वाला है. उन्होंने योग दिवस के मौके पर घर में रहकर ही योगाभ्यास करने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि सोशल डिस्टेसिंग नहीं बल्कि शारीरिक दूरी बनाएं रखनी है. साथ ही उन्होंने बताया कि योग करने और आयुर्वेद आहार लेने से मनुष्य की इम्युनिटी बढ़ती है.

योग गुरू भारत भूषण ने लोगों से घर में योगा करने की अपील की

भारत के प्रथम पद्मश्री उपाधि से सम्मानित अंतरराष्ट्रीय योग गुरु भारत भूषण ने ETV भारत से बातचीत में बताया कि इस बार का योग दिवस विशेष है, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर कोरोना का ग्रहण लग रहा. 21 जून यानि रविवार को संयोग से सम्पूर्ण सूर्य ग्रहण है. सूर्य ग्रहण का यह दिन विशेष रूप से साधना के लिए होता है. उसमें यज्ञ, योग के माध्यम से और ध्यान के माध्यम से अपने परफेक्शन के ज्यादा नजदीक पहुंच सकते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि योग के जरिये हम कोरोना वायरस के संक्रमण से अपनों को बचा सकते हैं.

उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस और अन्य संक्रमण कमजोर यानि गर्भवती महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों के साथ शुगर, कैंसर, टीबी, ब्लड प्रेशर के मरीजों को जल्द अपनी चपेट में ले लेते हैं. उनके उन अंगों को यानी जिसकी वजह से वह कमजोर पड़ रहे हैं तो उनको मजबूत करके और आयुर्वेदिक आहार और यौगिक क्रियाओं से अपनी इम्युनिटी बढ़ाकर ऐसे संक्रमण से बचा जा सकता है. कोरोना पॉजिटिव मरीजों को लेकर लोगों में नकारात्मक सोच को बदलना भी जरूरी है. एक समय था जब इलेक्ट्रॉनिक संसाधन नहीं थे. सोशल मीडिया नहीं था और टेलीविजन भी नहीं होता था. उस समय में भी लोग योग साधना करते थे. वर्तमान में तो योग की लोकप्रियता काफी बढ़ चुकी है. सिर्फ देश में ही नहीं योग की वैश्विक लोकप्रियता बढ़ी है. आज ये सब संसाधन भी हमारे साथ हैं. कोरोना वायरस की वजह से बड़े इवेंट करना कोई नहीं चाहता.

योग गुरु का कहना है कि वे भी चाहते हैं कि सबसे पहले हर व्यक्ति को स्वास्थ्य लाभ मिले. योग दिवस के दिन योगाभ्यास करने आए व्यक्ति में संक्रमण हो गया तो उनका स्वास्थ्य खराब हो जाएगा, इसलिए सोशल डिस्टेसिंग जिसको कहते हैं असल में वह शारीरिक दूरी है. शारीरिक रूप से इतनी दूरी बनाकर रखे, जिससे कोरोना का संक्रमण एक-दूसरे को छू भी न पाए. योग हमेशा सबका हित सोचता है.

पद्मश्री योग गुरु ने बताया कि योग का सही प्रयोग अकेले में ही होता है. सामूहिक योग की शुरुआत केवल योग की लोकप्रियता बढ़ाने और हर व्यक्ति तक योग की सम्पूर्ण जानकारी देने के लिए की गई थी. योग वह जीवन शैली है जिसे हर देश, धर्म जाति का हर उम्र का व्यक्ति कर सकता है, लेकिन अभ्यास उसको अकेले ही करना चाहिए. सामूहिक योग में अपना अभ्यास स्वयं ही करते थे. इस बार इसका प्रैक्टिकल एप्लीकेशन है और हमें यह देखना है कि हमने समाज, भाई-बहनों के ऊपर पांच सालों में जो मेहनत की है उन्होंने इसको कितनी गहराई से अपनाया है.

सहारनपुर: 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने की तैयारियां जोर शोर से चल रही है. यहां प्रदेश सरकार ने बेहतर योग करने वालों के लिए पुरस्कार राशि देने की घोषणा की है. वहीं योग दिवस मनाने के लिए लोग ऑनलाइन योगाभ्यास कर रहे हैं, लेकिन कोरोना वायरस की वजह से इस बार योग दिवस की सभी तैयारियों पर पानी फिर गया है.

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने को लेकर ETV भारत ने देश के प्रथम पदमश्री से सम्मानित योग गुरु स्वामी भारत भूषण से बात की. बातचीत के दौरान योग गुरु ने बताया कि इस बार कोरोना वायरस पर सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है. 21 जून को सम्पूर्ण सूर्य ग्रहण है, जिससे कोरोना महामारी पर असर पड़ने वाला है. उन्होंने योग दिवस के मौके पर घर में रहकर ही योगाभ्यास करने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि सोशल डिस्टेसिंग नहीं बल्कि शारीरिक दूरी बनाएं रखनी है. साथ ही उन्होंने बताया कि योग करने और आयुर्वेद आहार लेने से मनुष्य की इम्युनिटी बढ़ती है.

योग गुरू भारत भूषण ने लोगों से घर में योगा करने की अपील की

भारत के प्रथम पद्मश्री उपाधि से सम्मानित अंतरराष्ट्रीय योग गुरु भारत भूषण ने ETV भारत से बातचीत में बताया कि इस बार का योग दिवस विशेष है, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर कोरोना का ग्रहण लग रहा. 21 जून यानि रविवार को संयोग से सम्पूर्ण सूर्य ग्रहण है. सूर्य ग्रहण का यह दिन विशेष रूप से साधना के लिए होता है. उसमें यज्ञ, योग के माध्यम से और ध्यान के माध्यम से अपने परफेक्शन के ज्यादा नजदीक पहुंच सकते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि योग के जरिये हम कोरोना वायरस के संक्रमण से अपनों को बचा सकते हैं.

उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस और अन्य संक्रमण कमजोर यानि गर्भवती महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों के साथ शुगर, कैंसर, टीबी, ब्लड प्रेशर के मरीजों को जल्द अपनी चपेट में ले लेते हैं. उनके उन अंगों को यानी जिसकी वजह से वह कमजोर पड़ रहे हैं तो उनको मजबूत करके और आयुर्वेदिक आहार और यौगिक क्रियाओं से अपनी इम्युनिटी बढ़ाकर ऐसे संक्रमण से बचा जा सकता है. कोरोना पॉजिटिव मरीजों को लेकर लोगों में नकारात्मक सोच को बदलना भी जरूरी है. एक समय था जब इलेक्ट्रॉनिक संसाधन नहीं थे. सोशल मीडिया नहीं था और टेलीविजन भी नहीं होता था. उस समय में भी लोग योग साधना करते थे. वर्तमान में तो योग की लोकप्रियता काफी बढ़ चुकी है. सिर्फ देश में ही नहीं योग की वैश्विक लोकप्रियता बढ़ी है. आज ये सब संसाधन भी हमारे साथ हैं. कोरोना वायरस की वजह से बड़े इवेंट करना कोई नहीं चाहता.

योग गुरु का कहना है कि वे भी चाहते हैं कि सबसे पहले हर व्यक्ति को स्वास्थ्य लाभ मिले. योग दिवस के दिन योगाभ्यास करने आए व्यक्ति में संक्रमण हो गया तो उनका स्वास्थ्य खराब हो जाएगा, इसलिए सोशल डिस्टेसिंग जिसको कहते हैं असल में वह शारीरिक दूरी है. शारीरिक रूप से इतनी दूरी बनाकर रखे, जिससे कोरोना का संक्रमण एक-दूसरे को छू भी न पाए. योग हमेशा सबका हित सोचता है.

पद्मश्री योग गुरु ने बताया कि योग का सही प्रयोग अकेले में ही होता है. सामूहिक योग की शुरुआत केवल योग की लोकप्रियता बढ़ाने और हर व्यक्ति तक योग की सम्पूर्ण जानकारी देने के लिए की गई थी. योग वह जीवन शैली है जिसे हर देश, धर्म जाति का हर उम्र का व्यक्ति कर सकता है, लेकिन अभ्यास उसको अकेले ही करना चाहिए. सामूहिक योग में अपना अभ्यास स्वयं ही करते थे. इस बार इसका प्रैक्टिकल एप्लीकेशन है और हमें यह देखना है कि हमने समाज, भाई-बहनों के ऊपर पांच सालों में जो मेहनत की है उन्होंने इसको कितनी गहराई से अपनाया है.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:22 PM IST
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