ETV Bharat / state

सहारनपुर: सांसद नुसरत जहां के दुर्गा पूजा करने पर भड़के उलेमा, नाम बदलने की दी नसीहत - सहारनपुर लेटेस्ट न्यूज

तृणमूल सांसद नुसरत जहां ने नवरात्र में दुर्गा पूजा करके एक बार फिर इस्लामिक जगत में हलचल पैदा कर दी है. दुर्गा अष्टमी के दिन पंडाल में पहुंचकर सांसद नुसरत जहां ने मां दुर्गा की आरती की और पति के साथ फोटो भी खिंचवाई, जिसके बाद से देवबंदी उलेमाओं में नुसरत जहां खिलाफ आक्रोश बना हुआ है.

मुफ्ती असद कासमी, उपाध्यक्ष, इत्तेहाद उलेमा-ए-हिन्द
author img

By

Published : Oct 7, 2019, 6:32 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST

सहारनपुर: तृणमूल सांसद नुसरत जहां के नवरात्र में नवदुर्गा पूजन करने पर देवबंदी उलेमा नाराज हो गए. उलेमाओं ने नुसरत जहां को नसीहत देते हुए कहा कि नुसरत जहां गैर मजहबी वाले काम कर रही हैं. इस्लाम में अल्लाह के सिवा किसी और की इबादत करना न सिर्फ हराम है, बल्कि शरीयत के खिलाफ भी है. अगर नुसरत जहां को गैर मजहबी काम करने हैं तो उनको अपना नाम बदल लेना चाहिए.

मुफ्ती असद कासमी, उपाध्यक्ष, इत्तेहाद उलेमा-ए-हिन्द.

आपको बता दें कि TMC सांसद नुसरत जहां ने नवरात्र में दुर्गा पूजा कर एक बार फिर इस्लामिक जगत में हलचल पैदा कर दी है. दुर्गा अष्टमी के दिन पंडाल में पहुंचकर सांसद नुसरत जहां ने मां दुर्गा की आरती की और पति के साथ फोटो भी खिंचवाई, जिसके बाद से देवबंदी उलेमाओं में नुसरत जहां खिलाफ आक्रोश बना हुआ है. देवबंदी उलेमाओं ने नुसरत जहां के पूजा-अर्चना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इससे अच्छा तो है कि वे अपना नाम बदल लें.

इत्तेहाद उलेमा-ए-हिन्द के उपाध्यक्ष मुफ्ती असद कासमी ने कहा कि नुसरत जहां का पूजा पाठ करने का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी वे लगातार पूजा करती चली आ रही हैं. इसी अमल को दोहराते हुए उन्होंने इस बार भी नवदुर्गा की पूजा की है. इस तरह गैर इस्लामिक देवी-देवताओं की पूजा करना इस्लाम के अंदर बिल्कुल जायज नहीं है. इस्लाम इस चीज की कतई इजाजत नहीं देता है कि अल्लाह के सिवा किसी और देवी-देवता की इबादत की जाए.

मुफ्ती असद कासमी ने कहा कि यह इस्लाम के अंदर हराम है और शिर्क करना हराम है. उन्होंने नसीहत देते हुए कहा कि नुसरत जहां जब इस्लाम को नहीं मानती है, इस्लाम के ऊपर अमल नहीं कर रही हैं, सारे काम गैर इस्लामिक कर रही हैं और उन्होंने शादी भी गैर मजहब में की है तो मैं उनको सलाह देता हूं कि वह अपना नाम भी बदल लें.

सहारनपुर: तृणमूल सांसद नुसरत जहां के नवरात्र में नवदुर्गा पूजन करने पर देवबंदी उलेमा नाराज हो गए. उलेमाओं ने नुसरत जहां को नसीहत देते हुए कहा कि नुसरत जहां गैर मजहबी वाले काम कर रही हैं. इस्लाम में अल्लाह के सिवा किसी और की इबादत करना न सिर्फ हराम है, बल्कि शरीयत के खिलाफ भी है. अगर नुसरत जहां को गैर मजहबी काम करने हैं तो उनको अपना नाम बदल लेना चाहिए.

मुफ्ती असद कासमी, उपाध्यक्ष, इत्तेहाद उलेमा-ए-हिन्द.

आपको बता दें कि TMC सांसद नुसरत जहां ने नवरात्र में दुर्गा पूजा कर एक बार फिर इस्लामिक जगत में हलचल पैदा कर दी है. दुर्गा अष्टमी के दिन पंडाल में पहुंचकर सांसद नुसरत जहां ने मां दुर्गा की आरती की और पति के साथ फोटो भी खिंचवाई, जिसके बाद से देवबंदी उलेमाओं में नुसरत जहां खिलाफ आक्रोश बना हुआ है. देवबंदी उलेमाओं ने नुसरत जहां के पूजा-अर्चना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इससे अच्छा तो है कि वे अपना नाम बदल लें.

इत्तेहाद उलेमा-ए-हिन्द के उपाध्यक्ष मुफ्ती असद कासमी ने कहा कि नुसरत जहां का पूजा पाठ करने का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी वे लगातार पूजा करती चली आ रही हैं. इसी अमल को दोहराते हुए उन्होंने इस बार भी नवदुर्गा की पूजा की है. इस तरह गैर इस्लामिक देवी-देवताओं की पूजा करना इस्लाम के अंदर बिल्कुल जायज नहीं है. इस्लाम इस चीज की कतई इजाजत नहीं देता है कि अल्लाह के सिवा किसी और देवी-देवता की इबादत की जाए.

मुफ्ती असद कासमी ने कहा कि यह इस्लाम के अंदर हराम है और शिर्क करना हराम है. उन्होंने नसीहत देते हुए कहा कि नुसरत जहां जब इस्लाम को नहीं मानती है, इस्लाम के ऊपर अमल नहीं कर रही हैं, सारे काम गैर इस्लामिक कर रही हैं और उन्होंने शादी भी गैर मजहब में की है तो मैं उनको सलाह देता हूं कि वह अपना नाम भी बदल लें.

Intro:सहारनपुर : नुसरत जहां के नवरात्रे में नवदुर्गा पूजन करने पर देवबंदी उलेमा नाराज हो गए। उलेमाओं ने नुसरत जहां को नसीहत देते हुए कहा कि नुसरत जहां गैर मजहबी वाले काम कर रही है। इस्लाम में अल्लाह के सिवा किसी और की इबादत करना न सिर्फ हराम है बल्कि शरीयत के खिलाफ भी है। अगर नुसरत जहां को गैर मजहबी काम करने हैं तो उनको अपना बदल लेना चाहिए। इस तरह के अमल करने से न तो इस्लाम बदनाम होगा और ना ही मुसलमानों की तोहीन होगी।Body:VO 1 - आपको बता दें कि TMC सांसद नुसरत जहां ने दुर्गा पूजा कर एक बार फिर इस्लामिक जगत में हलचल पैदा कर दी है। दुर्गा अष्टमी के दिन पंडाल में पहुंच कर नुसरत जहां ने मां दुर्गा की आरती की बल्कि पति के साथ फोटो भी खिंचवाई। जिसके बाद देवबंदी उलेमाओ में नुसरत जहां खिलाफ आक्रोश बना हुआ है। देवबंदी उलेमाओं ने नुसरत जहां के पूजा अर्चना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनका इससे अच्छा तो वे अपना नाम बदल लें। मुफ़्ती असद कासमी ने कहा कि नुसरत जहां का पूजा पाठ करने का पहला मामला नही है। इससे पहले भी वे लगातार पूजा करती चली आ रही है। इसी अमल को दोहराते हुए उन्होंने इस बार भी नव दुर्गा की पूजा की है। इस तरह गैर इलामिक देवी देवताओ की पूजा करना गैर इस्लाम के अंदर बिल्कुल जायज नहीं है। इस्लाम इस चीज की कतई इजाजत नहीं देता है कि अल्लाह के सिवाह किसी और देवी देवता की इबादत की जाए। यह इस्लाम के अंदर हराम है और शिर्क करना हराम है। उन्होंने नशियत देते हुए कहा कि नुसरत जहां जब इस्लाम को नहीं मानती है एवं इस्लाम के ऊपर अमल नहीं कर रही है। सारे काम गैर इस्लामिक कर रही है। उन्होंने शादी भी जो है गैर मजहब मे की है तो मैं उनको मशवरा देता हूं कि वह अपना नाम भी बदल ले क्यों इस्लाम को बदनाम करती है। इस तरीके के नाम रखकर मुसलमानों की ओर इस्लाम की तोहीन क्यों कर रही है।


बाइट - मुफ्ती असद कासमी
( उपाध्यक्ष इत्तेहाद उलेमा ए हिन्द )Conclusion:रोशन लाल सैनी
सहारनपुर
9121293042
8759945153
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.