सहारनपुर: तृणमूल सांसद नुसरत जहां के नवरात्र में नवदुर्गा पूजन करने पर देवबंदी उलेमा नाराज हो गए. उलेमाओं ने नुसरत जहां को नसीहत देते हुए कहा कि नुसरत जहां गैर मजहबी वाले काम कर रही हैं. इस्लाम में अल्लाह के सिवा किसी और की इबादत करना न सिर्फ हराम है, बल्कि शरीयत के खिलाफ भी है. अगर नुसरत जहां को गैर मजहबी काम करने हैं तो उनको अपना नाम बदल लेना चाहिए.
आपको बता दें कि TMC सांसद नुसरत जहां ने नवरात्र में दुर्गा पूजा कर एक बार फिर इस्लामिक जगत में हलचल पैदा कर दी है. दुर्गा अष्टमी के दिन पंडाल में पहुंचकर सांसद नुसरत जहां ने मां दुर्गा की आरती की और पति के साथ फोटो भी खिंचवाई, जिसके बाद से देवबंदी उलेमाओं में नुसरत जहां खिलाफ आक्रोश बना हुआ है. देवबंदी उलेमाओं ने नुसरत जहां के पूजा-अर्चना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इससे अच्छा तो है कि वे अपना नाम बदल लें.
इत्तेहाद उलेमा-ए-हिन्द के उपाध्यक्ष मुफ्ती असद कासमी ने कहा कि नुसरत जहां का पूजा पाठ करने का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी वे लगातार पूजा करती चली आ रही हैं. इसी अमल को दोहराते हुए उन्होंने इस बार भी नवदुर्गा की पूजा की है. इस तरह गैर इस्लामिक देवी-देवताओं की पूजा करना इस्लाम के अंदर बिल्कुल जायज नहीं है. इस्लाम इस चीज की कतई इजाजत नहीं देता है कि अल्लाह के सिवा किसी और देवी-देवता की इबादत की जाए.
मुफ्ती असद कासमी ने कहा कि यह इस्लाम के अंदर हराम है और शिर्क करना हराम है. उन्होंने नसीहत देते हुए कहा कि नुसरत जहां जब इस्लाम को नहीं मानती है, इस्लाम के ऊपर अमल नहीं कर रही हैं, सारे काम गैर इस्लामिक कर रही हैं और उन्होंने शादी भी गैर मजहब में की है तो मैं उनको सलाह देता हूं कि वह अपना नाम भी बदल लें.