ETV Bharat / state

कांग्रेस ने इमरान मसूद को राष्ट्रीय सचिव और दिल्ली का प्रभारी बनाया

लंबे समय से कांग्रेस में उपेक्षित चल रहे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कद्दावर नेता इमरान मसूद (Congress Leader Imran Masood )को पार्टी ने विधान सभा चुनाव 2022 से पहले बड़ी जिम्मेदारी दी है. उन्हें राष्ट्रीय सचिव बनाते हुए दिल्ली प्रदेश का प्रभारी बनाया गया है. यह जिम्मेदारी मिलने के साथ ही इमरान मसूद खेमें में खुशी की लहर है.

कांग्रेस ने इमरान मसूद को राष्ट्रीय सचिव और दिल्ली का प्रभारी बनाया
कांग्रेस ने इमरान मसूद को राष्ट्रीय सचिव और दिल्ली का प्रभारी बनाया
author img

By

Published : Jun 4, 2021, 5:09 PM IST

सहारनपुर: एक ओर जहां कोरोना की दूसरी लहर का कहर जारी है. वहीं राजीनीतिक गलियारों में 2022 के युपी चुनाव को लेकर हलचल शुरू हो गई है. एक तरफ सत्तारूढ़ बीजेपी में प्रदेश अध्यक्ष को लेकर चर्चाएं है दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी ने भी मुस्लिम कार्ड खेलना शुरू कर दिया है. पार्टी हाईकमान ने पश्चमी यूपी के मुस्लिम कद्दावर नेता कहे जाने वाले इमरान मसूद (Congress Leader Imran Masood) पर बड़ा दांव खेला है. हाईकमान ने इमरान मसूद को सिर्फ राष्ट्रीय सचिव नहीं बनाया है, बल्कि दिल्ली प्रदेश का प्रभारी भी नियुक्त किया है. जिसके बाद इमरान मसूद समर्थकों में जश्न का माहौल बना हुआ है. इमरान मसूद को पश्चमी यूपी में कांग्रेस बड़े चेहरे के तौर पर देखती है. इमरान मसूद पहले उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं. इमरान मसूद को राष्ट्रीय सचिव बनाने के कई मायने निकाले जा रहे हैं.

जानिए कौन है इमरान मसूद
इमरान मसूद का पश्चिमी उत्‍तर प्रदेश की राजनीति में बड़ा कद माना जाता है. कई बार अपने विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में रह चुके हैं. 2007 के विधानसभा और 2014 के लोकसभा चुनाव 2019 तक सभी चुनाव लड़ चुके हैं. लेकिन 2007 को छोड़कर हर बार करारी हार का सामना करना पड़ा. हालांकि 2007 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मुजफ्फराबाद ( वर्तमान में बेहट ) सीट से पहली और आखरी बार विधायक चुने गए थे. उस वक्त इमरान मसूद ने सपा के मंत्री जगदीश राणा को हराया था. इमरान मसूद नगर पालिका होते हुए सहारनपुर में नारपालिका अध्यक्ष भी रह चुके हैं.

पारिवारिक बॉयोग्राफी
इमरान मसूद का जन्‍म सहारनपुर के कस्बा गंगोह में हुआ था. उन्‍होंने यूपी बोर्ड से 1987 में एचआरई कॉलेज गंगोह से इंटरमीडिएट पास किया था. इसके बाद उन्‍होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से स्‍नातक की डिग्री प्राप्त की. उनकी पत्‍नी साईमा मसूद डायटीशियन हैं. इमरान और साईमा की पांच बेटियां हैं. उनके भाई नोमान मसूद भी दो बार गंगोह विधान सभा से चुनाव हार चुके हैं, जबकि नोमान मसूद कस्बा गंगोह में नगर पालिका अध्यक्ष रह चुके हैं.

विवादित बयान देकर चर्चाओं में रहते है इमरान
यूं तो इमरान मसूद को राजनीति विरासत में मिली हुई है, लेकिन अपनी मेहनत और कार्यशैली के बल पर अपने आपको को राजनीति में मुस्लिम चेहरा बन गए. इमरान मसूद के चाचा स्व. काजी रशीद मसूद कई सरकारों में केंद्रीय मंत्री रहे हैं. अगर राजनीतिक दल की बात करें तो इमरान मसूद का राजनीतिक सफर जनता दल से शुरू हुआ था. इसके बाद वह लाेकदल और समाजवादी पार्टी में रहे. उन्‍होंने सपा को छोड़ कांग्रेस का हाथ थाम लिया था. इमरान मसूद अक्सर विवादित बयानबाजी के चलते सुर्खियों में बने रहते हैं.

इसे भी पढ़ें-पिलखनी मेडिकल कॉलेज कोविड सेंटर का सुरेश खन्ना ने किया निरीक्षण, कही यह बात

पीएम मोदी को दे चुके है धमकी
इमरान मसूद 2014 के लोकसभा चुनाव में उस वक्त ज्यादा चर्चाओं में आए थे, जब उन्होंने चुनावी सभा को संबोधित करते हुए बीजेपी से प्रधान मंत्री पद के दावेदार नरेंद्र मोदी को धमकी दी थी. धमकी देने का वह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, तो इमरान मसूद के खिलाफ न सिर्फ मुकदमा दर्ज किया गया था, बल्कि गिरफ्तार कर जेल भी भेजा गया था. इमरान मसूद उस दौरान सहारनपुर से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे थे. हालांकि उस चुनाव में 4.10 लाख वोट लेकर दूसरे स्‍थान पर रहे थे.

पश्चमी यूपी के राजनीतिक घरानों में से एक है मसूद परिवार
एक वक्त ऐसा भी था जब पश्चमी उत्तर प्रदेश में मसूद परिवार मुस्लिम सियासत की धुरी रहा. इमरान मसूद के चाचा पूर्व केंद्रीय मंत्री और नौ बार सांसद रहे स्व. काजी रसीद मसूद मुस्लिम नेता के रूप में जाने जाते थे. मुस्लिम वोटों पर उनकी ऐसी पकड़ थी कि जहां वे चाहते थे निर्णायक स्तिथि बना देते थे. काजी रशीद मसूद के निधन के बाद मसूद परिवार अपेक्षित सियासी सम्मान मिलने के इंतजार में था. वर्तमान में इमरान मसूद के पास कांग्रेस पार्टी से कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं थी. यही वजह है कि मुस्लिम मतदाता भी कांग्रेस से छिटकने लगा था. जिसका खामियाजा कांग्रेस को इमरान मसूद की पिछली पराजयों के रूप में उठाना पड़ा था. कांग्रेस पार्टी ने इमरान मसूद का कद बढ़ाकर सियासी घराने को मजबूत किया है.

सहारनपुर: एक ओर जहां कोरोना की दूसरी लहर का कहर जारी है. वहीं राजीनीतिक गलियारों में 2022 के युपी चुनाव को लेकर हलचल शुरू हो गई है. एक तरफ सत्तारूढ़ बीजेपी में प्रदेश अध्यक्ष को लेकर चर्चाएं है दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी ने भी मुस्लिम कार्ड खेलना शुरू कर दिया है. पार्टी हाईकमान ने पश्चमी यूपी के मुस्लिम कद्दावर नेता कहे जाने वाले इमरान मसूद (Congress Leader Imran Masood) पर बड़ा दांव खेला है. हाईकमान ने इमरान मसूद को सिर्फ राष्ट्रीय सचिव नहीं बनाया है, बल्कि दिल्ली प्रदेश का प्रभारी भी नियुक्त किया है. जिसके बाद इमरान मसूद समर्थकों में जश्न का माहौल बना हुआ है. इमरान मसूद को पश्चमी यूपी में कांग्रेस बड़े चेहरे के तौर पर देखती है. इमरान मसूद पहले उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं. इमरान मसूद को राष्ट्रीय सचिव बनाने के कई मायने निकाले जा रहे हैं.

जानिए कौन है इमरान मसूद
इमरान मसूद का पश्चिमी उत्‍तर प्रदेश की राजनीति में बड़ा कद माना जाता है. कई बार अपने विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में रह चुके हैं. 2007 के विधानसभा और 2014 के लोकसभा चुनाव 2019 तक सभी चुनाव लड़ चुके हैं. लेकिन 2007 को छोड़कर हर बार करारी हार का सामना करना पड़ा. हालांकि 2007 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मुजफ्फराबाद ( वर्तमान में बेहट ) सीट से पहली और आखरी बार विधायक चुने गए थे. उस वक्त इमरान मसूद ने सपा के मंत्री जगदीश राणा को हराया था. इमरान मसूद नगर पालिका होते हुए सहारनपुर में नारपालिका अध्यक्ष भी रह चुके हैं.

पारिवारिक बॉयोग्राफी
इमरान मसूद का जन्‍म सहारनपुर के कस्बा गंगोह में हुआ था. उन्‍होंने यूपी बोर्ड से 1987 में एचआरई कॉलेज गंगोह से इंटरमीडिएट पास किया था. इसके बाद उन्‍होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से स्‍नातक की डिग्री प्राप्त की. उनकी पत्‍नी साईमा मसूद डायटीशियन हैं. इमरान और साईमा की पांच बेटियां हैं. उनके भाई नोमान मसूद भी दो बार गंगोह विधान सभा से चुनाव हार चुके हैं, जबकि नोमान मसूद कस्बा गंगोह में नगर पालिका अध्यक्ष रह चुके हैं.

विवादित बयान देकर चर्चाओं में रहते है इमरान
यूं तो इमरान मसूद को राजनीति विरासत में मिली हुई है, लेकिन अपनी मेहनत और कार्यशैली के बल पर अपने आपको को राजनीति में मुस्लिम चेहरा बन गए. इमरान मसूद के चाचा स्व. काजी रशीद मसूद कई सरकारों में केंद्रीय मंत्री रहे हैं. अगर राजनीतिक दल की बात करें तो इमरान मसूद का राजनीतिक सफर जनता दल से शुरू हुआ था. इसके बाद वह लाेकदल और समाजवादी पार्टी में रहे. उन्‍होंने सपा को छोड़ कांग्रेस का हाथ थाम लिया था. इमरान मसूद अक्सर विवादित बयानबाजी के चलते सुर्खियों में बने रहते हैं.

इसे भी पढ़ें-पिलखनी मेडिकल कॉलेज कोविड सेंटर का सुरेश खन्ना ने किया निरीक्षण, कही यह बात

पीएम मोदी को दे चुके है धमकी
इमरान मसूद 2014 के लोकसभा चुनाव में उस वक्त ज्यादा चर्चाओं में आए थे, जब उन्होंने चुनावी सभा को संबोधित करते हुए बीजेपी से प्रधान मंत्री पद के दावेदार नरेंद्र मोदी को धमकी दी थी. धमकी देने का वह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, तो इमरान मसूद के खिलाफ न सिर्फ मुकदमा दर्ज किया गया था, बल्कि गिरफ्तार कर जेल भी भेजा गया था. इमरान मसूद उस दौरान सहारनपुर से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे थे. हालांकि उस चुनाव में 4.10 लाख वोट लेकर दूसरे स्‍थान पर रहे थे.

पश्चमी यूपी के राजनीतिक घरानों में से एक है मसूद परिवार
एक वक्त ऐसा भी था जब पश्चमी उत्तर प्रदेश में मसूद परिवार मुस्लिम सियासत की धुरी रहा. इमरान मसूद के चाचा पूर्व केंद्रीय मंत्री और नौ बार सांसद रहे स्व. काजी रसीद मसूद मुस्लिम नेता के रूप में जाने जाते थे. मुस्लिम वोटों पर उनकी ऐसी पकड़ थी कि जहां वे चाहते थे निर्णायक स्तिथि बना देते थे. काजी रशीद मसूद के निधन के बाद मसूद परिवार अपेक्षित सियासी सम्मान मिलने के इंतजार में था. वर्तमान में इमरान मसूद के पास कांग्रेस पार्टी से कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं थी. यही वजह है कि मुस्लिम मतदाता भी कांग्रेस से छिटकने लगा था. जिसका खामियाजा कांग्रेस को इमरान मसूद की पिछली पराजयों के रूप में उठाना पड़ा था. कांग्रेस पार्टी ने इमरान मसूद का कद बढ़ाकर सियासी घराने को मजबूत किया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.