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सहारनपुर: जारी है नोटबंदी का असर, त्योहारों पर भी सर्राफा बाजार में है संकट - सहारनपुर में धनतेरस

एक ओर जहां पूरा देश दीपों के त्योहार दीपावली मनाने की तैयारी कर रहा है. वहीं सहारनपुर में धनतेरस के दिन सर्राफा बाजार में ग्राहकों का टोटा पड़ा हुआ है. सर्राफा व्यापारी धनतेरस के मौके पर ग्राहकों का बाट जोहते नजर आ रहे हैं.

त्योहारों पर भी सर्राफा बाजार में है संकट.
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Published : Oct 25, 2019, 8:45 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST

सहारनपुरः धनतेरस के मौके पर ग्राहकों के लिए भगवान गणेश, माता लक्ष्मी, सरस्वती की मूर्तियों और सोने चांदी के सिक्कों समेत तमाम सोने चांदी की चीजो से दुकान सजाए हुए हैं. लेकिन तीन साल पहले हुई नोटबंदी आज भी ग्राहकों एवं दुकानदारों का पीछा नहीं छोड़ रही है. नोटबंदी और जीएसटी का असर आज भी सर्राफा बाजार में देखने को मिल रहा है.

सहारनपुर के सर्राफा बाजार में वैसे तो हर दिन रौनक रहती थी, लेकिन नोटबन्दी के बाद सर्राफा व्यपारियों की दुकानें खाली पड़ी हुई हैं. खास बात तो ये है कि धनतेरस के दिन भी सर्राफा बाजार में ग्राहकों का टोटा पड़ा हुआ है. दुकानदारों की मानें तो जब से नोटबंदी हुई है, तब से न तो मार्केट में ग्राहक हैं और न ही ग्राहकों के पास पैसा है.

जारी है नोटबंदी का असर, त्योहारों पर भी सर्राफा बाजार में है संकट.

25 फीसदी हो सकी है दुकानदारी
जो कुछ बचा था नोटबंदी के बाद जीएसटी ने पूरी कर दी. आलम यह है कि ग्राहक और दुकानदार दो साल बाद भी नोटबन्दी से नहीं उभर पाए हैं. वही दूसरी ओर लगातार सोने चांदी के बढ़ते दामों से सर्राफा बाजार पर संकट मंडराने लगा है. नोटबंदी से पहले के सालों की तुलना में सर्राफा बाजार में महज 25 प्रतिशत दुकानदारी हो पा रही है.

पढ़ेंः-मिट्टी के समान को टैक्स फ्री करने पर कुम्हारों ने सरकार का किया स्वागत

नोटबंदी ने तोड़ रखी है कमर
सर्राफा व्यापारी राकेश गुप्ता ने बताया कि इन दिनों दीपावली के नाम की बिक्री बहुत कम है. पिछले सालों के मुकाबले इस साल आधे से भी कम व्यापार नहीं हो पा रहा है. लोगों के पास पैसा कम है, ग्राहक केवल बहुत जरूरी आइटम ही खरीदने आ रहे हैं. नोटबंदी और जीएसटी ने ग्राहकों के साथ दुकानदारों की कमर तोड़ रखी है. वही जितेंद्र अग्रवाल ने बताया कि इन दिनों सोने चांदी के भाव बहुत ज्यादा हो गए हैं. सोना 38 हजार प्रति 10 ग्राम और चांदी 48 हजार प्रति किलोग्राम हो गई है, जिसके चलते ग्राहक बाजार से गायब हैं.

इस बार नहीं हो सकी है अच्छी बिक्री
ईटीवी भारत की टीम ने सहारनपुर के सर्राफा बाजार का जायजा लिया और सर्राफा बाजार के महामंत्री राम राजीव सिंघल से बात की. उन्होंने बताया कि इस बार दीपावली के मौके पर मंदी आई हुई है. दीपावली से पहले धनतेरस का मुख्य त्यौहार के मौके पर अच्छी खासी बिक्री हो जाती थी. इस बार भी धनतेरस की तैयारियां तो अच्छे की गई है पूजा की सामग्री से लेकर देवी देवताओं की मूर्तियां सब तैयार हैं, लेकिन ग्राहक नहीं आ रहे. मार्केट में पैसे की की कमी है और पैसे की कमी से मार्केट में ग्राहक नही हैं.

सहारनपुरः धनतेरस के मौके पर ग्राहकों के लिए भगवान गणेश, माता लक्ष्मी, सरस्वती की मूर्तियों और सोने चांदी के सिक्कों समेत तमाम सोने चांदी की चीजो से दुकान सजाए हुए हैं. लेकिन तीन साल पहले हुई नोटबंदी आज भी ग्राहकों एवं दुकानदारों का पीछा नहीं छोड़ रही है. नोटबंदी और जीएसटी का असर आज भी सर्राफा बाजार में देखने को मिल रहा है.

सहारनपुर के सर्राफा बाजार में वैसे तो हर दिन रौनक रहती थी, लेकिन नोटबन्दी के बाद सर्राफा व्यपारियों की दुकानें खाली पड़ी हुई हैं. खास बात तो ये है कि धनतेरस के दिन भी सर्राफा बाजार में ग्राहकों का टोटा पड़ा हुआ है. दुकानदारों की मानें तो जब से नोटबंदी हुई है, तब से न तो मार्केट में ग्राहक हैं और न ही ग्राहकों के पास पैसा है.

जारी है नोटबंदी का असर, त्योहारों पर भी सर्राफा बाजार में है संकट.

25 फीसदी हो सकी है दुकानदारी
जो कुछ बचा था नोटबंदी के बाद जीएसटी ने पूरी कर दी. आलम यह है कि ग्राहक और दुकानदार दो साल बाद भी नोटबन्दी से नहीं उभर पाए हैं. वही दूसरी ओर लगातार सोने चांदी के बढ़ते दामों से सर्राफा बाजार पर संकट मंडराने लगा है. नोटबंदी से पहले के सालों की तुलना में सर्राफा बाजार में महज 25 प्रतिशत दुकानदारी हो पा रही है.

पढ़ेंः-मिट्टी के समान को टैक्स फ्री करने पर कुम्हारों ने सरकार का किया स्वागत

नोटबंदी ने तोड़ रखी है कमर
सर्राफा व्यापारी राकेश गुप्ता ने बताया कि इन दिनों दीपावली के नाम की बिक्री बहुत कम है. पिछले सालों के मुकाबले इस साल आधे से भी कम व्यापार नहीं हो पा रहा है. लोगों के पास पैसा कम है, ग्राहक केवल बहुत जरूरी आइटम ही खरीदने आ रहे हैं. नोटबंदी और जीएसटी ने ग्राहकों के साथ दुकानदारों की कमर तोड़ रखी है. वही जितेंद्र अग्रवाल ने बताया कि इन दिनों सोने चांदी के भाव बहुत ज्यादा हो गए हैं. सोना 38 हजार प्रति 10 ग्राम और चांदी 48 हजार प्रति किलोग्राम हो गई है, जिसके चलते ग्राहक बाजार से गायब हैं.

इस बार नहीं हो सकी है अच्छी बिक्री
ईटीवी भारत की टीम ने सहारनपुर के सर्राफा बाजार का जायजा लिया और सर्राफा बाजार के महामंत्री राम राजीव सिंघल से बात की. उन्होंने बताया कि इस बार दीपावली के मौके पर मंदी आई हुई है. दीपावली से पहले धनतेरस का मुख्य त्यौहार के मौके पर अच्छी खासी बिक्री हो जाती थी. इस बार भी धनतेरस की तैयारियां तो अच्छे की गई है पूजा की सामग्री से लेकर देवी देवताओं की मूर्तियां सब तैयार हैं, लेकिन ग्राहक नहीं आ रहे. मार्केट में पैसे की की कमी है और पैसे की कमी से मार्केट में ग्राहक नही हैं.

Intro:सहारनपुर : एक ओर जहां पूरा देश दीपों के त्यौहार दीपावली को मनाने की तैयारी कर रहा है वहीं धनतेरस के दिन सर्राफा बाजारों में ग्राहकों का टोटा पड़ा हुआ है। सर्राफा व्यापारी धनतेरस के मौके पर ग्राहकों के लिए भगवान गणेश, माता लक्ष्मी, सरस्वती की मूर्तियों और सोने चांदी के सिक्कों समेत तमाम सोने चांदी की चीजो से दुकान सजाए हुए हैं। लेकिन 2 साल पहले हुई नोटबन्दी आज भी ग्राहकों एवं दुकानदारों का पीछा नही छोड़ रही है। नोटबन्दी एवं जीएसटी का असर आज भी सर्राफा बाजारों में देखने को मिल रहा है। यही वजह है कि नोटबन्दी से पहले सालों की तुलना में सर्राफा बाजार में महज 25 प्रतिशत दुकानदारी हो पा रही है।


Body:VO 1 - आपको बता दें कि सहारनपुर के सर्राफा बाजार में वैसे तो हर दिन रोनक रखती थी लेकिन नोटबन्दी के बाद सर्राफा व्यपारियो की दुकानें खाली पड़ी हुई है। खास बात तो ये है कि धनतेरस के दिन भी सर्राफा बाजार में ग्राहकों का टोटा पड़ा हुआ है। दुकानदारों की माने तो जब से नोटबन्दी हुई है तब से न तो मार्केट में ग्राहक है और ना ही ग्राहकों के पास पैसा है। रही सही कसर नोटबन्दी के बाद जीएसटी ने पूरी कर दी थी। आलम यह है कि ग्राहक और दुकानदार दो साल बाद भी नोटबन्दी से नही उभर पाए है। वही दूसरी ओर लगातार सोने चांदी के बढ़ते दामो से सर्राफा बाजार पर संकट मंडराने लगा है।

सर्राफा व्यापारी राकेश गुप्ता ने बताया कि इन दिनों दीपावली के नाम की बिक्री बहुत कम है। पिछले सालों के मुकाबले इस साल आधे से भी कम व्यापार नही हो पा रहा है। लोगो के पास पैसा कम है, ग्राहक केवल बहुत जरूरी आइटम ही खरीदने आ रहे है। नोटबन्दी और जीएसटी ने ग्राहकों के साथ दुकानदारों की कमर तोड़ रखी है। वही जितेंद्र अग्रवाल ने बताया कि इन दिनों सोने चांदी के भाव बहुत ज्यादा हो गए है, सोना 38 हजार प्रति 10 ग्राम और चांदी 48 हजार प्रति किलोग्राम हो गई है। जिसके चलते ग्राहक बाजार से गायब है।

ईटीवी की टीम सहारनपुर के सर्राफा बाजार का जायजा लिया और सर्राफा बाजार के महामंत्री राम राजीव सिंघल से बात की। जहां उन्होंने बताया कि इस बार दीपावली के के मौके पर मंदी आई हुई है। दीपावली से पहले धनतेरस का मुख्य त्यौहार के मौके पर अच्छी खासी बिक्री हो जाती थी लेकिन इस बार धनतेरस की तैयारिया तो अच्छे की हुई है। लेकिन पूजा की सामग्री से लेकर देवी देवताओं की मूर्तियां सब तैयार है लेकिन ग्राहक नही आ रहे। मार्केट में पैसे की की कमी है और पैसे की कमी से मार्केट में ग्राहक नही है। नोटबन्दी और जीएसटी के बाद से Lयोगी के पास पैसा नही है। जिसके चलते सर्राफा बाजार संकट आया हुआ है।

बाईट - राकेश गुप्ता ( सर्राफा व्यापारी )
बाईट - जितेंद्र अग्रवाल ( सर्राफ )
बाईट - राम राजीव सिंघल ( महामंत्री सर्राफ एसोशियसन )



Conclusion:रोशन लाल सैनी
सहारनपुर
9121293042
9759945153
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST
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