सहारनपुर: एक ओर जहां कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है, वहीं संचारी रोग भी स्वास्थ्य विभाग के लिए चुनौती बना हुआ है. इसके चलते संचारी रोग नियंत्रण पखवाड़े का शुभारंभ किया गया है. बरसात आने से पहले स्वाइन फ्लू, डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया समेत कई गंभीर बीमारियों से बचाव के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाता है. इसके साथ ही नगर निगम, नगर पालिका समेत सभी ग्राम पंचायतों में साफ-सफाई के भी निर्देश दिए गए हैं.
पिछले तीन महीनों से कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में कोहराम मचाया हुआ है, जिसके चलते देश भर में लॉकडाउन लागू कर संक्रमण से बचने के लिए विशेष एडवाइजरी जारी की गई है. हर किसी को मास्क लगाने के साथ सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन कराया जा रहा है. वहीं अब चिकनगुनिया, डेंगू, मलेरिया, टायफाइड समेत कई बीमारियां स्वास्थ्य विभाग के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई हैं. यही वजह है कि शासनादेश पर स्वास्थ्य विभाग ने संचारी रोग नियंत्रण पखवाड़े का शुभारंभ किया है.
प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ एसके वार्ष्णेय ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि एक जुलाई से संचारी रोग नियत्रंण पखवाड़ा शुरू हो गया है, जबकि कोरोना वायरस पहले से ही चल रहा है. इस वक्त कोरोना को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं. कोरोना वायरस से बचने के लिए और ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है. मास्क लगाने के साथ सोशल डिस्टेसिंग का अनुपालन करना जितना जरूरी है, उसी तरह संचारी रोगों से बचाव भी इतना ही जरूरी है. संचारी रोगों में डेंगू, मलेरिया, स्वाइन फ्लू, JEAS अभी जनपद में आया नहीं है. इन सभी बीमारियों को मिलाकर संचारी रोग बनता है.
जिला अस्पताल में कोरोना वायरस के साथ स्वाइन फ्लू वार्ड, डेंगू वार्ड स्पेशल बनाए गए हैं. इसके अलावा इन सभी बीमारियों की जांच शुरू कर दी गई है. सीएमएस का दावा है जिले में संक्रमण की संभावना बहुत कम हो गई है. डायरिया वार्ड का भी सुदृढ़ीकरण करा दिया गया है. जिला अस्पताल समेत सभी सीएचसी में बनाए गए डेंगू वार्ड में मच्छरदानी लगा दी गई है. उन्होंने बताया कि बरसाती मौसम में आने वाली इन बीमारियों से बचने के लिए सबसे पहले साफ-सफाई का ध्यान रखना पड़ेगा.