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सहारनपुर: सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी ने जारी की दिवाली पर पटाखे जलाने की गाइडलाइन

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में दीपावली पर्व को लेकर सुप्रीम कोर्ट एवं एनजीटी ने पटाखे जलाने के लिए गाइडलाइन जारी है. इस गाइडलाइन के मुताबिक शाम 8 बजे से रात 10 बजे तक ही पटाखे जलाने के निर्देश दिए गए हैं.

दिवाली पर पटाखे जलाने की गाइडलाइन जारी.
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Published : Oct 23, 2019, 11:46 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST

सहारनपुर: दिवाली की तैयारियों में जहां घरों की साफ सफाई की जा रही है, जाहिर सी बात है कि पटाखों की खरीदारी भी की ही रही होगी. दिवाली पर तेज ध्वनि और धुंआ छोड़ने वाले पटाखे खूब छुड़ाए जाते हैं, लेकिन ये पटाखे न सिर्फ पर्यावरण के लिए घातक होते हैं बल्कि हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भी होते हैं. ऐसे में इसके लिए एनजीटी और सुप्रीम कोर्ट ने भी आवश्यक निर्देश जारी किए हुए हैं.

दिवाली पर पटाखे जलाने की गाइडलाइन जारी.

सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी ने जारी की पटाखे जलाने की गाइडलाइन

  • दीपावली पर्व को लेकर सुप्रीम कोर्ट एवं एनजीटी ने पटाखे जलाने के लिए गाइडलाइन जारी है.
  • सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार सरकार ने भी आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं.
  • इस गाइडलाइन के मुताबिक शाम 8 बजे से रात 10 बजे तक ही पटाखे जलाने के निर्देश दिए गए हैं.
  • पटाखों से निकले वाले धुएं से पर्यावरण और आम जन जीवन को नुकसान न पहुंचे, इसलिए ये गाइडलाइन जारी की गई है.

पटाखे जलाते समय इस बात का ध्यान रखें कि अपने आसपास किसी को परेशानी नहीं होनी चाहिए. इसके लिए एनजीटी और भारत सरकार ने निर्देश दिए हैं कि कम आवाज वाले पटाखे चलाए जाएं. इसके लिए एनजीटी ने 2018 में आदेश जारी किया था. सभी लोग ग्रीन यानी हल्की आवाज और बिना धुएं के पटाखे चलाने की नसीहत दी गई है. इतना ही नहीं एनजीटी के निर्देशानुसार पटाखे चलाने के लिए, शाम 8 बजे से रात 10 बजे तक का समय निर्धारित किया गया है.
- एसआर मौर्या, क्षेत्रीय प्रबंधक, यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

इसे भी पढ़ें: रोशनी के पर्व दिवाली पर लोगों के घरों को रौशन करने वाले कुम्हारों का भविष्य अंधेरे में

सहारनपुर: दिवाली की तैयारियों में जहां घरों की साफ सफाई की जा रही है, जाहिर सी बात है कि पटाखों की खरीदारी भी की ही रही होगी. दिवाली पर तेज ध्वनि और धुंआ छोड़ने वाले पटाखे खूब छुड़ाए जाते हैं, लेकिन ये पटाखे न सिर्फ पर्यावरण के लिए घातक होते हैं बल्कि हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भी होते हैं. ऐसे में इसके लिए एनजीटी और सुप्रीम कोर्ट ने भी आवश्यक निर्देश जारी किए हुए हैं.

दिवाली पर पटाखे जलाने की गाइडलाइन जारी.

सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी ने जारी की पटाखे जलाने की गाइडलाइन

  • दीपावली पर्व को लेकर सुप्रीम कोर्ट एवं एनजीटी ने पटाखे जलाने के लिए गाइडलाइन जारी है.
  • सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार सरकार ने भी आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं.
  • इस गाइडलाइन के मुताबिक शाम 8 बजे से रात 10 बजे तक ही पटाखे जलाने के निर्देश दिए गए हैं.
  • पटाखों से निकले वाले धुएं से पर्यावरण और आम जन जीवन को नुकसान न पहुंचे, इसलिए ये गाइडलाइन जारी की गई है.

पटाखे जलाते समय इस बात का ध्यान रखें कि अपने आसपास किसी को परेशानी नहीं होनी चाहिए. इसके लिए एनजीटी और भारत सरकार ने निर्देश दिए हैं कि कम आवाज वाले पटाखे चलाए जाएं. इसके लिए एनजीटी ने 2018 में आदेश जारी किया था. सभी लोग ग्रीन यानी हल्की आवाज और बिना धुएं के पटाखे चलाने की नसीहत दी गई है. इतना ही नहीं एनजीटी के निर्देशानुसार पटाखे चलाने के लिए, शाम 8 बजे से रात 10 बजे तक का समय निर्धारित किया गया है.
- एसआर मौर्या, क्षेत्रीय प्रबंधक, यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

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Intro:सहारनपुर : दीपो के त्यौहार दीपवली मनाने की तैयारियां ज़ोरों पर चल रही है। जहां देश भर में घरों की साफ सफाई की जा रही है वहीं पटाखों की खरीदारी भी होना लाजमी है। दिवाली के मौके पर तेज ध्वनि और धुंआ छोड़ने वाले पटाखे खूब छुड़ाए जाते है। लेकिन ये पटाखे न सिर्फ पर्यावरण के लिए घातक होते है बल्कि जन मानस के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भी होते है। पटाखों बसे निकलने वाला धुंआ और तेज आवाज पर्यावरण को प्रदूषित कर रहे है। जानकारों की माने तो तेज आवाज के पटाखे फोड़ने से कान की बीमारियो के साथ बमो के धमाके से कमजोर दिल वालो को हार्ट अटैक भी होने की संभावना बनी रहती है। पटाखों से निकलने वाले धुंए से अस्थमा, चर्म रोग, खासी समेत कई बीमारियां होने का खतरा बना रहता है। हालांकि इसके लिए एनजीटी और सुप्रीम कोर्ट ने भी आवश्यक निर्देश जारी किए हुए है। शाम 8 बजे से रात 10 बजे तक ही पटाखे चलाने के निर्देश दिए गए है।


Body:VO 1 - आपको बता दें कि दीपावली पर्व को लेकर सुप्रीम कोर्ट एवं एनजीटी ने पटाखे चलाने के लिए गाइडलाइन जारी है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार सरकार ने भी आवश्यक दिशा निर्देश दिए है। बढ़ती आबादी और लगातार काटे जा रहे पेड़ पौधों की वजह से पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है। जिसके चलते आमजन को न सिर्फ गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है बल्कि सांस लेने में भी दिक्कत होने लगी है। यही वजह है कि इस दिवाली पर पटाखे चलाने के लिए गाइडलाइन जारी की है। क्षेत्रीय प्रबंधक उप्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एस आर मौर्या ने ईटीवी से बातचीत में बताया कि दीपावली खुशियो का त्यौहार है दीपो के त्यौहार को हमे इस तरीके से मनाना चाहिए कि आमजन को किसी तरह का कोई नुकसान ना हो।

प्रदूषण अधिकारी एसआर मौर्या ने बताया कि पटाखे चलाते समय इस बात का ध्यान रखे कि अपने आसपास किसी को परेसानी नही होनी चाहिए। इसके लिए एनजीटी और भारत सरकार ने निर्देश दिए है कि कम आवाज वाले पटाखे चलाये जाए। इसके लिए एनजीटी ने 2018 में आदेश जारी किया था। सभी लोग ग्रीन यानी हल्की आवाज और बिना धुंए के पटाखे चलाने की नशियत दी गई है। इतना ही नही एनजीटी के निर्देशानुसार पटाखे चलाने के लिए शाम 8 बजे से रात 10 बजे तक का समय निर्धारित किया गया है।

पटाखों से होने वाले नुकसान बताते हुए कहा कि पटाखे चलाते समय इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि पटाखे की आवाज 4 मीटर तक 125 डीवी से ज्यादा नही होनी चाहिये। साथ पटाखे के ऊपर यह अंकित होना जरूरी है कि किस पटाखे से कितनी ध्वनि निकलती है। सभी से अपील करते हुए कहा कि ग्रीन पटाखे ही चलायें। हाई लेवल के पटाखो से वायु एवं ध्वनि दोनों प्रकार का प्रदूषण पर प्रभाव पड़ता है। इन दिनों पटाखों में तेज आवाज और एम्बियन्स बहुत ज्यादा होते है। जिससे डीबी वाइलेबल इंडरेक्स का लेवल बढ़ ज्यादा जाता है। इसलिए कम आवाज एवं धुंए वाले पटाखे चलाने नशियत दी गई है।


बाईट - एसआर मौर्या ( क्षत्रिय प्रबंधक उ.प्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड )



Conclusion:रोशन लाल सैनी
सहारनपुर
9121293042
9759945153
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST
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