सहारनपुर: दिवाली की तैयारियों में जहां घरों की साफ सफाई की जा रही है, जाहिर सी बात है कि पटाखों की खरीदारी भी की ही रही होगी. दिवाली पर तेज ध्वनि और धुंआ छोड़ने वाले पटाखे खूब छुड़ाए जाते हैं, लेकिन ये पटाखे न सिर्फ पर्यावरण के लिए घातक होते हैं बल्कि हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भी होते हैं. ऐसे में इसके लिए एनजीटी और सुप्रीम कोर्ट ने भी आवश्यक निर्देश जारी किए हुए हैं.
सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी ने जारी की पटाखे जलाने की गाइडलाइन
- दीपावली पर्व को लेकर सुप्रीम कोर्ट एवं एनजीटी ने पटाखे जलाने के लिए गाइडलाइन जारी है.
- सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार सरकार ने भी आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं.
- इस गाइडलाइन के मुताबिक शाम 8 बजे से रात 10 बजे तक ही पटाखे जलाने के निर्देश दिए गए हैं.
- पटाखों से निकले वाले धुएं से पर्यावरण और आम जन जीवन को नुकसान न पहुंचे, इसलिए ये गाइडलाइन जारी की गई है.
पटाखे जलाते समय इस बात का ध्यान रखें कि अपने आसपास किसी को परेशानी नहीं होनी चाहिए. इसके लिए एनजीटी और भारत सरकार ने निर्देश दिए हैं कि कम आवाज वाले पटाखे चलाए जाएं. इसके लिए एनजीटी ने 2018 में आदेश जारी किया था. सभी लोग ग्रीन यानी हल्की आवाज और बिना धुएं के पटाखे चलाने की नसीहत दी गई है. इतना ही नहीं एनजीटी के निर्देशानुसार पटाखे चलाने के लिए, शाम 8 बजे से रात 10 बजे तक का समय निर्धारित किया गया है.
- एसआर मौर्या, क्षेत्रीय प्रबंधक, यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
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