सहारनपुर: जिले का बेहट कस्बा अचानक से वैज्ञानिकों में चर्चा का विषय बन गया है. यहां कुछ ऐसा होने वाला है जो अगले 360 सालों तक नहीं होगा. यही वजह है कि उत्तर प्रदेश के 75 जिलों के हजारों गांवों में बेहट की चर्चा सबसे ज्यादा हो रही है.
बता दें कि सहारनपुर का बेहट उत्तर प्रदेश की इकलौती ऐसी जगह है, जहां से 21 जून को होने वाला वलयाकार सूर्यग्रहण पूरा दिखाई देगा. छल्लेदार सूर्य सिर्फ सहारनपुर के बेहट में ही दिखाई देगा. यूपी में बाकी किसी भी शहर को यह नसीब नहीं होगा. इस अद्भुत दृश्य को देखने और इसपर रिसर्च करने के लिए लखनऊ से एक वैज्ञानिकों की टीम कल सुबह सहारनपुर के बेहट आ रही है.
साल का पहला सूर्यग्रहण
रविवार 21 जून को लगने वाला सूर्य ग्रहण साल का पहला सूर्य ग्रहण होगा. ज्योतिष इसे एक बड़ी खगोलीय घटना की दृष्टि से देख रहे हैं. यह सूर्य ग्रहण देश के कुछ भागों में पूर्ण रूप से दिखाई देगा. सूर्य ग्रहण रविवार को सुबह 10 बजकर 13 मिनट से शुरू होकर दोपहर 1 बजकर 49 मिनट तक रहेगा. इसे देहरादून, मसूरी, कुरुक्षेत्र और टिहरी आदि में सूर्य वलयाकार रूप में देखा जा सकता है, जबकि अन्य स्थानों पर आंशिक सूर्य ग्रहण ही देखा जा सकेगा. राजधानी दिल्ली में भी लगभग रिंग ऑफ फायर का नजारा देखा जा सकेगा.
देश की सीमाओं पर पड़ सकता है व्यापक असर
वाराणसी के ज्योतिषाचार्य पंडित पवन त्रिपाठी ने बताया कि दैवज्ञ ज्योतिषी आचार्य वराहमिहिर चंद्रगुप्त विक्रमादित्य के नवरत्नों में से एक थे. उनके बताए ज्योतिष सिद्धांत आज भी प्रासंगिक हैं. उन्हीं के बताए ज्योतिष सिद्धांतों पर आज भी ज्योतिष विद्या टिकी हुई है और देश-दुनिया के तमाम ज्योतिषी इसका पालन भी करते हैं. छठवीं शताब्दी में वराह मिहिर की ओर से रचित बृहत्संहिता ग्रंथ के राहुचारा अध्याय के श्लोक संख्या 77 में जो कुछ लिखा है. उन्होंने लिखा कि यदि आषाढ़ मास में सूर्य ग्रहण पड़ता है तो भारत की सीमा से सटे दूसरे देशों खासतौर पर अफगानिस्तान के कंधार, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर का भू-भाग और चीन के लिए काफी विनाशकारी स्थिति बन सकती है. यही नहीं युद्ध जैसे हालात पैदा होंगे.