आग मिल के फिनिसिंग यूनिट में लगी थी. जहां घटना के वक्त करीब 50 कर्मचारी मौजूद थे. वहीं, अग्निशमन अधिकारी तेजवीर सिंह का ट्रांसफर कर दिया गया है. उनको सहारनपुर से औरैया भेजा गया है.
बताया जा रहा है कि अग्निकांड में मरने वाले लाल बहादुर सिंह ने फोन करके वहां मजूद लोगों को न सिर्फ आग लगने की सूचना दी थी, बल्कि उन्हें बचाने खुद ही आग में घुस गए. इससे उनकी मौत हो गई. दमकल कर्मियों ने करीब 6 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया. हादसे के वक्त लापता हुए कर्मचारियों का कुछ पता नहीं चल पाया है. हालांकि परिजनों ने मिल प्रबंधन से जानकारी लेना चाही तो मिल अधिकारी कुछ भी बताने को तैयार नहीं हैं. इस दौरान जहां पेपर मिल अधिकारियों ने मीडिया कर्मियों को कवरेज करने से रोका, वहीं अग्निशमन अधिकारी मिल के दफ्तर में बैठकर चाय की चुस्की लेते नजर आए.
आपको बता दें कि सहारनपुर के थाना सदर बाजार इलाके में गोयनका ग्रुप की सबसे बड़ी पेपर मिल है. मंगलवार रात करीब 2 बजे अचानक भयंकर आग लग गई. देखते ही देखते आग ने विकराल रूप ले लिया. आग की लपटें देख वहां काम कर रहे कर्मचारियों में भगदड़ मच गई. कर्मचारियों ने जैसे-तैसे भाग कर जान बचाई. लेकिन, कई लोग आग की चपेट में आ गए. उनकी तलाश तो की जा रही है. लेकिन, मिल प्रबंधन की ओर से कोई जानकारी नहीं दी जा रही. इससे परिजनों में आक्रोश है. परिजन मिल अधिकारियों से अपनों के बारे में पूछ रहे हैं. लेकिन, उन्हें कोई जवाब नहीं मिल रहा है.
शॉर्ट शर्किट से लगी आग
गोयनका ग्रुप की एशिया में सबसे बड़ी पेपर मिल की फिनिसिंग यूनिट में शॉर्ट शर्किट होने से आग लग गई. सूचना मिलने के घंटों बाद दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंचीं. दमकलकर्मी 3 बजे से लेकर सुबह 8 बजे तक आग बुझाने में लगे रहे. इस दौरान एक के बाद एक दमकल की 4 गाड़ियों के 10-10 टैंकर पानी के खाली करने पड़े. इसके बाद दमकल कर्मी आग पर काबू पाने में सफल हुए. लेकिन, आग में पेपर मिला का एक बड़ा हिस्सा जल कर राख हो गया. मिल के कई उपकरण और करोड़ों का नुकसान हो गया.
आग लगने की सूचना देने वाले की मौत
जानकारी के मुताबिक, 58 वर्षीय लाल बहादुर मंडल ने फिनिसिंग यूनिट में आग की लपटें देखीं तो उसने वहां काम कर रहे कर्मचारियों को फोन कर सूचना दी. इतना ही नहीं जब फिनिसिंग यूनिट से कोई बाहर निकलता दिखाई नहीं दिया तो खुद ही उन्हें निकालने पहुंच गए. लेकिन, वहां मौजूद कर्मचारियों ने पीछे के रास्ते से भागकर जान बचाई. जबकि, लाल बहादुर समेत 4 कर्मचारी आग की लपटों में फंस गए. हादसे में लाल बहादुर की झुलसने से मौत हो गई. उसके हाथ में बंधी घड़ी के आधार पर पहचान कर शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया.
3 कर्मचारी लापता
प्रत्यक्षदर्शियों एवं स्थानीय पार्षद प्रदीप उपाध्याय का कहना है कि पेपर मिल के आए दिन अग्निकांड होते रहते हैं. इन हादसों में काम करने वाले कर्मचारी मारे जाते हैं. बावजूद इसके मिल प्रबंधन हादसों को रोकने के पुख्ता इंतजाम नहीं कर पा रहा है. इससे परिजनों में खासा आक्रोश बना हुआ है. वहीं, स्थानीय बसपा सांसद हाजी फजलुर्रहमान ने हादसे पर अफसोस जताते हुए कहा कि पेपर मिल में हुए हादसे के मृतकों के परिजनों को मुआवजा और परिवार के सदस्य को नौकरी दी जाए. उन्होंने मिल में अग्निकांड की जांच की भी मांग की.
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एसएसपी विपिन ताड़ा ने बताया कि हादसे में एक शख्स की मौत हुई, जबकि एक लापता है. उसकी तलाश की जा रही है. उन्होंने हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं. जांच में दोषी पाए जाने पर संबधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. अग्निशमन के सीओ तेजवीर सिंह मिल अधिकारी के दफ्तर में चाय पीते नजर आए. ऐसे में मिल प्रबंधन पर लापरवाही के आरोप लगना गलत नहीं है. क्योंकि पहले भी कई बार गोयनका ग्रुप की स्टार पेपर मिल में आग लगने जैसे हादसों में कई कर्मचारियों की जान जा चुकी है.