सहारनपुर: भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत सहारनपुर पहुंचे. यहां शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन मां शाकंभरी दरबार में शीश नवाकर मन्नतें मांगी. मीडिया से बात करते हुए भाकियू नेता ने कहा कि वह किसानों के नाम पर गलत काम करने वाले किसी भी व्यक्ति का समर्थन नहीं करते हैं.
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत सोमवार को सिद्धपीठ मां शाकंभरी देवी का दर्शन करने पहुंचे. मान्यता के अनुसार सर्वप्रथम उन्होंने बाबा भूरादेव की पूजा अर्चना की. उसके बाद मां शाकंभरी देवी के दरबार में शीश नवाया. इसके बाद मंदिर में देश और प्रदेश की खुशहाली के लिए प्रार्थना की. इसके साथ ही मां शाकंभरी देवी का आशीर्वाद प्राप्त किया. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि किसानों के नाम पर गलत काम कर किसानों को बदनाम करने वाले वह किसी भी व्यक्ति या संगठन का समर्थन नहीं करते हैं. जो गलत काम करेगा उसकी उसे सजा भुगतनी पड़ेगी.
भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता का शाकंभरी देवी के दर्शन करने पहुंचने पर मंदिर के व्यवस्थापक कुंवर आदित्य सिंह राणा और कुंवर अतुल्य सिंह राणा ने उनका जोरदार स्वागत किया. उसके बाद भाकियू नेता ने पूर्व विधायक रानी देवलता से भी मुलाकात की. साथ ही विकास खंड साढौली कदीम के ग्राम टांडा स्थित भाकियू के तहसील अध्यक्ष सचिन्द्र राणा के निवास पर पहुंचे. किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि वह शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन मां शाकंभरी देवी का आशीर्वाद लेने आए हैं. क्योंकि मां शाकंभरी को कुलदेवी माना जाता है.
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि बारिश से किसानों की तैयार फसलों का काफी नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि चावल देश से बाहर जाता था, जिस पर भारत सरकार ने प्रतिबंध लगा रखा है. इस वजह से धान के भाव में प्रति कुंतल 500 रुपए की गिरावट आई है. उन्होंने धान की फसल की बिक्री को लेकर कहा कि सरकार किसानों का उत्पीडन कर रही है. किसान अपनी फसल को बेच नहीं पा रहा है. किसान अपनी फसल को बेच नहीं पा रहा है. जिस कारण उसे औने-पौने दामों में व्यापारी को बेचने पर मजबूर होना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार यूपी के किसानों का प्रतिवर्ष उत्पीड़न करती है. जिसके लिए किसानों को हथिनीकुंड बैराज पर धरना प्रदर्शन करना पड़ता है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि हरियाणा सरकार ने यूपी के किसानों का उत्पीडन बंद नहीं किया ओर उनकी फसलों को हरियाणा की मंडी में जाने से रोका तो इसके गंभीर परिणाम होंगे और भाकियू को मजबूरन आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा.