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सहारनपुर: आई फ्लू के खतरे को देखते हुए डॉक्टर ने बताए बचाव के तरीके

गर्मियों के मौसम में जिले में आई फ्लू की समस्या काफी बढ़ रही है ऐसे में जिले में आई फ्लू की समस्या को बढ़ता देख डॉक्टरों ने लोगों को इससे बचने के सुझाव दिए हैं.

डॉक्टर ने दिए आई फ्लू से बचाव के सुझाव
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Published : Jun 27, 2019, 11:14 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST

सहारनपुर: बढ़ते तापमान से जहां भीषण गर्मी लोगों को रुला रही है वहीं तेज धूप अब आई फ्लू का खतरा भी मंडराने लगा है. आई फ्लू को लेकर डॉक्टरों ने न सिर्फ तेज धूप में घर से नहीं निकलने की सलाह दी है बल्कि सिर पर हेलमेट और आंखों पर चश्मा लगाकर चलने सलाह भी दी है.

डॉक्टर ने दिए आई फ्लू से बचाव के सुझाव

डॉक्टरों ने दिए आई फ्लू बचाव के उपाय

  • गर्मियों के मौसम में जिले में आई फ्लू की समस्या काफी बढ़ रही है.
  • जिला अस्पताल में हर रोज कई मरीज आई फ्लू की समस्या लेकर डॉक्टरों के पास आ रहे हैं.
  • जिले में आई फ्लू की समस्या को बढ़ता देख डॉक्टरों ने लोगों को इससे बचने के सुझाव दिए हैं.
  • डॉक्टर ने बाइक चालाकों के लिए फ्लू से बचाव के लिए हेलमेट पहनने की सलह दी है.
  • तो वहीं अन्य लोगों को धूप में कम से कम बाहर निकलने की सलह दी है.
  • धूप में निकलें तो काला चशमा पहन कर निकलें ताकी प्रदूषण से आखों को कोई नुक्सान न हो.

क्यों होता है आई फ्लू और क्या हैं इसके लक्षण

  • डॉक्टर ने बताया कि पर्यावरण प्रदूषित होने से हवा में उड़ रहे धूल के कण भी इन्फेक्टिव हो जाते है.
  • जिसके आंखों में जाने से इचिंग और जलन पैदा होती है.
  • कुछ ही समय में जरा सी जलन आखों में इंफेक्शन का रूप ले लेती है जिसे आई फ्लू कहते हैं.
  • आई फ्लू में आखों में अक्सर जख्म भी हो जाते हैं और आखों से लगातार पानी बहता रहता है.
  • सुबह उठने पर आखें चिपकी होती हैं.
  • ऐसे में इन सब लक्षणों को देखते ही आखों की साफ सफाई का ध्यान रखें और डॉक्टर को दिखाए.

सहारनपुर: बढ़ते तापमान से जहां भीषण गर्मी लोगों को रुला रही है वहीं तेज धूप अब आई फ्लू का खतरा भी मंडराने लगा है. आई फ्लू को लेकर डॉक्टरों ने न सिर्फ तेज धूप में घर से नहीं निकलने की सलाह दी है बल्कि सिर पर हेलमेट और आंखों पर चश्मा लगाकर चलने सलाह भी दी है.

डॉक्टर ने दिए आई फ्लू से बचाव के सुझाव

डॉक्टरों ने दिए आई फ्लू बचाव के उपाय

  • गर्मियों के मौसम में जिले में आई फ्लू की समस्या काफी बढ़ रही है.
  • जिला अस्पताल में हर रोज कई मरीज आई फ्लू की समस्या लेकर डॉक्टरों के पास आ रहे हैं.
  • जिले में आई फ्लू की समस्या को बढ़ता देख डॉक्टरों ने लोगों को इससे बचने के सुझाव दिए हैं.
  • डॉक्टर ने बाइक चालाकों के लिए फ्लू से बचाव के लिए हेलमेट पहनने की सलह दी है.
  • तो वहीं अन्य लोगों को धूप में कम से कम बाहर निकलने की सलह दी है.
  • धूप में निकलें तो काला चशमा पहन कर निकलें ताकी प्रदूषण से आखों को कोई नुक्सान न हो.

क्यों होता है आई फ्लू और क्या हैं इसके लक्षण

  • डॉक्टर ने बताया कि पर्यावरण प्रदूषित होने से हवा में उड़ रहे धूल के कण भी इन्फेक्टिव हो जाते है.
  • जिसके आंखों में जाने से इचिंग और जलन पैदा होती है.
  • कुछ ही समय में जरा सी जलन आखों में इंफेक्शन का रूप ले लेती है जिसे आई फ्लू कहते हैं.
  • आई फ्लू में आखों में अक्सर जख्म भी हो जाते हैं और आखों से लगातार पानी बहता रहता है.
  • सुबह उठने पर आखें चिपकी होती हैं.
  • ऐसे में इन सब लक्षणों को देखते ही आखों की साफ सफाई का ध्यान रखें और डॉक्टर को दिखाए.
Intro:सहारनपुर : बढ़ते तापमान से जहां भीषण गर्मी लोगो को रुला रही है वहीं तेज धूप अब आई फ्लू का खतरा भी मंडराने लगा है। आई फ्लू को लेकर डॉक्टरों ने न सिर्फ तेज धूप में घर से नही निकलने की सलाह दी है बल्कि सिर पर हेलमेट और आँखो पर चश्मा लगाकर चलने सलाह भी दी है। डॉक्टरों का कह आ है कि आई फ्लू आंखों संक्रमीत रोग है जो अक्सर तेज धूप से ही एक दूसरे की आंखों को देखने से भी फैलता है। इसलिए गर्मी और धूप में चश्मा लगाकर ही बाहर निकले। जिससे आपकी आंखें आई फ्लू से बच सकेंगी।


Body:VO 1 - आपको बता दें कि उत्तर भारत मे इन दिनों गर्मी ही तेज धूप भी अपना कहर दिखा रही है। आलम यह है कि घर से बाहर निकलने के नाम से ही सिर चकराने लगता है। लू से जहां लोगो तबियत बिगड़ रही है वही तेज धूप से आई फ्लू होने का खतरा मंडराने लगा है। इतना ही नही दिन में तेज हवा से धूल और मिट्टी के कण भी राहगीरो की आंखों के लिए मुसीबत बन रहे है। डॉक्टरों ने धूप से होने वाली बीमारियों के साथ आई फ्लू से बचने के लिए सलाह के साथ उपाय भी बताये हैं। जिला अस्पताल के आई सर्जन डॉ रामानंद ने ईटीवी से बातचीत में बताया कि यदि आप तेज धूप में बाइक से सफर कर रहे है तो धूल के कण उड़ते रहते है लगातार पॉल्यूशन बढ़ता जा रहा है जिससे बाइक चालक की आंखों में कण तो गिर ही जाते है साथ जलन और दर्द की शिकायत भी हो जाती है। उन्होंने बताया कि गर्मी के मौसम में आंखों में इचिंग और जलन होने पर आंखों को ताजे पानी से धोते रहना चाहिए और साथ ही आंखों के डॉक्टर से दिखाना चाहिए। पर्यावरण प्रदूषित होने से हवा में उड़ रहे धूल के कण भी इन्फेक्टिव हो जाते है। आंखों में गिरने के बाद यह एलर्जी तो करता ही है साथ इचिंग होने पर मरीज द्वारा आंखे मलने पर आंख में यह जख्म बनने के साथ अल्सर बन जाता है जो आगे चलकर फ़ोटो फोबिया , आंख में डिस्कॉम्फर्ट हो जाता है जिससे सुबह उठने पर आंखे चिपकी हुई मिलती है। इसके लिए आपको डॉक्टर से संपर्क करना बेहद आवश्यक है। फर्स्ट एड के तौर पर सिंपल एंटीबायोटिक आई ड्राप डाल सकते है। डॉ रामानंद ने बताया कि दोपहिया वाहन चालक को चाहिए कि वे हेलमेट लगाकर सफर करें ताकि गाड़ियों से निकलने वाले धुंए, धूल मिट्टी के साथ पर्यावरण में उड़ रहे धूल के इंफेटिव कणों से बचा का सके। वही तेज धूप में चश्मा लगाकर चलेंगे तो आई फ्लू के संक्रमित से आंखों को बचा सकते है।


बाईट - डॉ रामानंद ( आई सर्जन जिला अस्पताल )


Conclusion:FVO - डॉक्टरों के मुताबिक बढ़ते प्रदूषण से भी आंखों में इंफेक्शन हो रहे है। आये दिन आंखों के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। यही हाल रहा तो वो दिन दूर नही जब बच्चे बूढ़े तो दूर युवाओ को भी चश्मा लगाने की जरूरत पड़ेगी। क्योंकि 45 - 50 साल की उम्र में हर पांचवे नागरिक को सफेद एवं कला मोतिया की शिकायत भी मिल रही है।

रोशन लाल सैनी
सहारनपुर
9121293042
9759945153
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST
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