सहारनपुर: जनपद सहारनपुर में ईटीवी भारत की खबर का बड़ा असर हुआ है. जिलाधिकारी ने ईटीवी भारत की खबर को संज्ञान में लेकर न सिर्फ नेपाली परिवारों के लिए बसें मुहैया कराईं, बल्कि सभी को उनके देश नेपाल के लिए रवाना कर दिया. बता दें कि, 30 से ज्यादा नेपाली परिवार लॉकडाउन के चलते सहारनपुर के शोहराब रोड़ पर फंसे हुए थे. ईटीवी भारत ने इन परिवारों के दर्द को साझा कर उनकी आवाज को प्रशासन तक पहुंचाने का काम किया. जिलाधिकारी ने ईटीवी भारत की इस मुहिम को संज्ञान में लेकर शनिवार देर रात सभी नेपाली परिवारों को बसों में बैठाकर घर भेज दिया. जिसके बाद सभी ने ईटीवी भारत का आभार भी जताया.
लॉकडाउन के बाद से ही फंसे थे नेपाली
सर्दियों के मौसम में 30 से ज्यादा नेपाली परिवार सहारनपुर आए थे, जहां वह होटलों, ढाबों में नौकरी करने के साथ जड़ी-बूटियां, मसाले आदि बेचकर अपनी आजीविका चला रहे थे. 22 मार्च को जनता कर्फ्यू और 25 मार्च से पूरे देश में लॉकडाउन लग गया, जिसमें सभी नेपाली परिवार यहीं फंस गए थे. होटल, ढाबे बंद होने से सभी नेपाली बेरोजगार हो गए और इनके पास जमा पूंजी खत्म हो गई. इन परिवारों को खाने-पीने के लाले पड़ गए. ईटीवी भारत की मदद से सामाजिक संस्था ने उनके लिए खाने के पैकेट भिजवाए, जो सबके लिए पर्याप्त नहीं थे. लॉकडाउन 4 लगने के बाद खाने की आपूर्ति भी बंद हो गई.
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डीएम ने नेपाली परिवारों को भेजा घर
ईटीवी भारत ने नेपाली परिवारों के बीच पहुंच कर इनका दर्द साझा किया तो इन्होंने घर जाने की गुहार लगाई. ईटीवी भारत ने एक मुहिम चलाकर नेपाली परिवारों की खबर को प्रमुखता से प्रसारित किया. जिसके बाद स्थानीय समाजसेवी डॉ. हंसराज सैनी भी ईटीवी भारत की इस मुहिम के साथ जुड़े और नेपाली परिवारों की मदद के लिए साथ आ गए. डीएम अखिलेश सिंह ने ईटीवी भारत की खबर का संज्ञान लेकर नेपाली परिवारों को घर भेजने का आश्वसन दिया, लेकिन ये मुहिम यहीं खत्म नहीं हुई, ईटीवी भारत ने नेपाली परिवारों को इनके देश भेजने के लिए डीएम सहारनपुर से संपर्क करके सभी का मेडिकल चेकअप भी कराया. कई दिन की कड़ी मेहनत के बाद डीएम ने परिवहन निगम की बसों से महिलाओं और बच्चो समेत 136 नेपाली नागरिकों को नेपाल भेज दिया.
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यदि ईटीवी भारत इनकी आवाज नहीं बनता तो ये लोग भूख से मर सकते थे, क्योंकि इनके पास जमा पूंजी खत्म हो चुकी थी, मकान मालिक किराए का तकादा कर रहे थे. लेकिन इनके पास किराया देना तो दूर खाने-पीने के लिए भी कुछ नहीं था. ये लोग एक वक्त खाना खाकर गुजर बसर कर रहे थे. इन लोगों को बसों में बैठा दिया गया है. डीएम के आदेशानुसार ये बसें इन सभी को बहराइच जिले के रास्ते नेपाल बॉर्डर तक छोड़कर आएंगी. वहां से नेपाल प्रशासन सभी को इनके गृह जनपद तक पहुंचाएगा. इसके लिए जिलाधिकारी ने वहां के प्रशासन से पहले ही बात कर ली है.
- डॉ. हंसराज सैनी, डिविजनल वार्डन, सिविल डिफेंस