सहारनपुर: एक ओर जहां राम मंदिर मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. वहीं मंदिर-मस्जिद मामले पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने अपना रुख साफ कर दिया है. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के फैसले का देवबंदी उलेमाओ ने भी सर्मथन किया है. उलेमाओं का कहना है कि हम सब मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के साथ हैं.
देवबंदी उलेमाओं ने किया समर्थन
आपको बता दें कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने अपना रुख साफ करते हुए जहां सुप्रीम कोर्ट के फैसले को मानने की बात कही है. वहीं बाबरी मस्जिद की जमीन छोड़ने से इनकार किया है. पर्सनल लॉ बोर्ड का कहना है कि मस्जिद की जमीन मस्जिद की जमीन है. इस जमीन को न तो किसी और को दिया जाएगा और न ही इसके बदले कोई और जमीन ली जा सकेगी. देवबंदी उलेमाओं ने इस फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का यह फैसला सही है.
बाबरी मस्जिद का मसला अदालत में है. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड इस मामले को देख रहा है. उसका पहले दिन से कहना है कि शरीयत यह कहती है कि मस्जिद की जमीन अल्लाह की मिल्कियत होती है. इसलिए किसी शख्स, किसी तंजीम, किसी जमात और किसी सरकार को यह इख्तियार नहीं है कि वह जमीन मस्जिद के अलावा किसी और काम के लिए किसी को दे सके.
-मुफ्ती अरशद फारुकी, देवबंदी उलेमा