सहारनपुर: यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने 20 से 22 अगस्त तक चले विधानसभा के मानसून सत्र में विशेष सुरक्षा बल (यूपीएसएसएफ) बिल पास कराया था. इस पर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल की मंजूरी मिलने के बाद 12 सितंबर को अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने बिल कानून में तब्दील हो जाने का आदेश जारी किया है. इस नए कानून में नई जांच एजेंसी को असीमित अधिकार दिए गए हैं.
एसएसएफ के गठन पर जिले के देवबंदी उलेमाओं ने विरोध जताया है. उलेमाओं का कहना है कि प्रदेश सरकार ने जो स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स का गठन किया है, इसके बनने से हिंदुस्तान के कानून और अदालत का अपमान है.
इत्तेहाद उलेमा-ए-हिन्द के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुस्तफा देहलवी का कहना है कि यूपी के मुख्यमंत्री ने हाल ही में एक नया सुरक्षा बल बनाया है. इसके तहत ऐसे अधिकार सौंपे गए हैं, जो हिंदुस्तान के कानून और न्यायपालिका मुताबिक नहीं है. उन्होंने कहा कि UPSSF को ऐसे अधिकार दिए हैं, जिनसे हिंदुस्तान के कानून और यहां के दस्तूर और अदालतों का पूरी तरह अपमान किया गया है. मैं राष्ट्रपति और सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से मांग करता हूं कि सदर-ए-जम्हूरियत (राष्ट्रपति) और चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ऐसे सुरक्षा बलों पर लगाम लगाएं और ऐसे सुरक्षा बल न बनने दें. यह सुरक्षा बल हिंदुस्तान के कानून के बिल्कुल भी मुताबिक नहीं है.