सहारनपुर : उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में बालिका सुधार गृह में बालिकाओं के साथ हुए शोषण के आरोप में पुलिस ने प्रबंधक और अधीक्षिका को हिरासत में लिया था. पुलिस ने पूर्व प्रबंधक वीपी सिंह और पूर्व अधीक्षिका पिंकी सिंह से पूछताछ की. पूछताछ में दोनों आरोपियों ने अपने ऊपर लगे आरोपों को निराधार बताया. पुलिस ने दोनों को छोड़ दिया है. वहीं, सीओ बेहट रूचि गुप्ता को जांच में अहम साक्ष्य मिले हैं जो बालिकाओं के साथ हुए शोषण की पुष्टि कर रहे हैं. इनके आधार पर अब पुलिस मामले में छेड़छाड़ और पॉक्सो एक्ट की धाराएं बढ़ाने की तैयारी कर रही है. बालिकाओं के आरोप लगाने के बाद हुई प्राथमिकी जांच में दोषी पाए जाने पर जिलाधिकारी ने प्रबंधक वीपी सिंह और अधीक्षिका पिंकी सिंह समेत चार कर्मचारियों को पहले ही बर्खास्त कर चुके हैं. मामले की जांच सीओ बेहट रुचि गुप्ता और महिला थाना अध्यक्ष मोनिका चौहान कर रही हैं.
बता दें कि चार दिन पहले SDM सदर कीर्ति सिंह सुधार गृह का निरीक्षण करने पहुंची थी, जहां सजायाफ्ता बालिकाओं ने प्रबंधक वीपी सिंह और मुख्य अधीक्षिका पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए लिखित शिकायत की थी. SDM सदर ने मामले की निष्पक्ष जांच कर शुक्रवार को रिपोर्ट जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र को सौंपी हैं. जिलाधिकारी ने IAS कृतिराज, PCS अफसर किंशुक श्रीवास्तव और SI सुनीता मालान की संयुक्त टीम बालिका सुधार गृह भेजकर जांच कराई है. जांच के दौरान टीम ने सभी बालिकाओं से अलग-अलग अकेले में पूछताछ की है. बालिकाओं ने छेड़खानी, मारपीट के साथ अवैध वसूली के आरोप भी लगाए हैं. जांच रिपोर्ट के आधार पर जिलाधिकारी ने बालिका सुधार गृह की मुख्य अधीक्षिका समेत 4 कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया. शुक्रवार को डीएम के आदेश पर प्रबंधक वीपी सिंह, अधीक्षिका पिंकी, शिक्षिका लक्ष्मी, रसोइयां मूर्ति, हाउस कीपर रवि की सभी कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं. प्रबंधक वीपी सिंह के सुधार गृह में जाने पर पूर्णतः रोक लगा दी गई है.
बालिकाओं का आरोप लगाते वीडियो वायरल हुआ तो सहारनपुर से लेकर लखनऊ तक हड़कंप मच गया. आनन फानन में जिलाधिकारी डॉ दिनेश चंद्र ने प्रबंधक वीपी सिंह और मुख्य अधीक्षिका पिंकी समेत 4 कर्मचारियों के खिलाफ न सिर्फ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए बल्कि चारों को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया. शुक्रवार को बालिका सुधार गृह का एक वीडियो भी वायरल हुआ है. बालिका ने एसडीएम सदर के नाम शिकायती पत्र लिखा है.
बालिका ने एसडीएम सदर को लिखा था ये शिकायती पत्र
'कीर्ति मैम, मुझे आपकी मदद की जरूरत है क्योंकि मेरे साथ नाइंसाफी हुई है. मैम, मुझे आपको बताना है कि वीपी सिंह (प्रबंधक) ने मेरे साथ कई बार छेड़खानी करने की कोशिश की. मुझे बात करने के बहाने ऑफिस में बुलाता था फिर बोलता था कि तुम मुझे बहुत पसंद हो. मेरा हाथ भी पकड़ा और बोला कि अगर तुम मेरी बात मान लोगी तो मैं तुम्हें घर भेज दूंगा."
आगे बालिका ने लिखा कि "उस वक्त में रोती हुई वापस आ गई. मुझसे बाकी लड़कियों ने पूछा कि क्या हुआ? मैंने उनसे मदद मांगी. बताया कि मेरे साथ क्या हुआ. मैंने उनको कहा कि तुम सबको वीपी सिंह के खिलाफ आवाज उठानी होगी. इस बात को सुनकर सब लड़की पीछे हट गईं. बोलीं, तेरे चक्कर में हमें नहीं पड़ना है. फिर दो-तीन दिन बाद, मुझे सर ने बुलाया और बोले कि तू लड़कियों को मेरे खिलाफ क्यों भड़का रही है. तू मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकती है."
"मैंने बोला कि मैं सबको बताऊंगी. फिर वीपी सिंह ने पिंकी मैडम को बुलाया. वो मुझे भंडार कक्ष में ले गईं और बहुत मारा. तब से मैं बहुत डरी हुई थी. जब आप यहां आई थीं तब भी मैंने आपको कुछ नहीं बताया क्योंकि मुझे डर था कि मैं अकेली रह जाऊंगी लेकिन, मैम अब मेरे साथ ओर लड़कियां भी खड़ी हैं. उन्होंने मुझे हिम्मत दी. कहा कि कब तक तू सहेगी. अब तू हिम्मत कर, आज तेरे साथ ऐसा हुआ है, कल किसी और के साथ होगा. तेरी वजह से बहुत लड़कियां उसके चंगुल से बच जाएंगी. मैम वीपी सिंह ने मुझे कहा कि तू कुछ भी कर ले. तेरी बात पर कोई विश्वास नहीं करेगा. मैं तेरे पति को सब बता दूंगा, फिर तू यही पर रहेगी. ना इधर की, ना उधर की. मैम आप भी एक लड़की हो, आप तो मेरी फीलिंग समझोगी. अगर वीपी सिंह ने मेरे पति को भड़का दिया तो मैं कहां जाऊंगी. प्लीज मैम मेरी मदद करो."
पुलिस ने की थी पूर्व प्रबंधक और पूर्व अधीक्षिका से पूछताछ
एसएसपी डॉ विपिन ताड़ा ने बताया कि जनता रोड पर चकहरेटी में बालिका सुधार गृह है जहां कुछ बालिकाओं ने प्रबंधक और अधीक्षिका पर आरोप लगाए हैं. मामले में रविवार की शाम पुलिस ने पूर्व प्रबंधक वीपी सिंह और पूर्व अधीक्षिका रही पिंकी को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था. पुलिस ने दोनों आरोपियों से पूछताछ की है. साथ ही बालिकाओं के भी बयान दर्ज किए गए हैं. बालिका सुधार गृह में बालिकाओं ने प्रबंधक वीपी सिंह पर नाजुक अंगों पर मिर्च लगाने, अश्लील वीडियो बनाने और छेड़छाड़ करने के संगीन आरोप लगाए है. बालिकाओं का यह भी आरोप कि इस कृत्य में अधीक्षिका पिंकी भी प्रबंधक का साथ देती थी.
सीओ बेहट रूचि गुप्ता और महिला थाना प्रभारी मोनिका चौहान के साथ महिला पुलिसकर्मियों को पूरे मामले की जांच दी गई है. पुलिस सूत्रों की मानें तो जांच में सीओ बेहट के हाथ अहम साक्ष्य लगे हैं जिसमें बालिकाओं द्वारा लगाए गए आरोपों की पुष्टि हो रही है. इन साक्ष्यों के आधार पर पुलिस सभी आरोपियों पर छेड़छाड़ और पॉक्सो एक्ट की धाराएं बढ़ाने की तैयारी कर रही है. हालंकि पूछताछ के बाद दोनों आरोपियों को छोड़ दिया गया.
गौरतलब है कि बृहस्पतिवार को बालिका गृह की बालिकाओं ने न सिर्फ सुधार गृह की अव्यवस्थाओं के खिलाफ धरना दिया बल्कि प्रबंधक वीपी सिंह पर छेड़खानी समेत कई गंभीर आरोप लगाए थे लेकिन जिला प्रोबेशन अधिकारी अभिषेक पांडेय की जांच में छेड़खानी को छोड़कर बाकी सभी आरोप सही पाए गए. इसके चलते जिला प्रोबेशन अधिकारी ने थाना जनकपुरी में अव्यवस्थाओं, मारपीट और गाली-गलौच व भ्रष्टाचार अधिनियम के आरोप में प्रबंधक वीपी सिंह, अधीक्षिका पिंकी, हाऊस कीपर रवि व रसोइया मूर्ति देवी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. इतना ही नहीं सभी कर्मचारियों की सेवा समाप्त कर बर्खास्त किया गया. मामले की जानकारी मीडिया को लगी तो शनिवार को सच्चाई जानने के लिए मीडियाकर्मी बालिका सुधार गृह पहुंच गए जहां मौजूद स्टाफ ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया. बावजूद इसके मीडियाकर्मियों को देखते ही बालिकाओं ने आपबीती सुनाई और अश्लील वीडियो बनाने, नाजुक अंगों पर मिर्च लगाने के साथ छेड़छाड़ के आरोप लगाए थे.
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