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सहारनपुर : बेहट में दिखा पूर्ण सूर्य ग्रहण, स्थानीय लोग दिखे उत्साहित

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के बेहट कस्बे में पूर्ण सूर्य ग्रहण देखा गया. लोग सूर्य ग्रहण देखने के लिए काफी उत्साहित नजर आए. घर की छतों पर खड़े होकर लोगों ने सूर्य ग्रहण देखा. हर वर्ग के लोगों में सूर्य ग्रहण देखने के लिए उत्साह था.

saharanpur
स्थानीय निवासी.
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Published : Jun 21, 2020, 6:13 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:22 PM IST

सहारनपुर: एक ओर जहां पूरी दुनिया कोरोना महामारी से लड़ रही है वहीं सदी के सबसे बड़े सूर्य ग्रहण से न सिर्फ लोगों की आस्था बढ़ी है, बल्कि इस सूर्य ग्रहण से कोरोना वायरस के खात्मे की उम्मीद जगी है. सूर्य ग्रहण सुबह 10 बजकर 12 मिनट पर शुरू हुआ. खास बात ये है कि पूरे उत्तर प्रदेश सिर्फ सहारनपुर के बेहट में वलयाकार सूर्य ग्रहण दिखाई दिया है. बेहट कस्बे के लोगों ने घरों की छत पर चढ़कर इस दुर्लभ दृश्य को विभिन्न माध्यमों से देखा. बताया जा रहा है कि यह दुर्लभ दृश्य 1090 साल बाद देखने को मिला है.

बेहट में सूर्य ग्रहण को लेकर उत्साहित दिखे लोग.

रविवार को सम्पूर्ण सूर्य ग्रहण देश-दुनिया में दिखाई दिया है. करीब 1090 साल बाद चंद्रमा, धरती और सूर्य एक सीध में आये हैं. इस खगोलीय घटना के दौरान सूरज एक रिंग के आकार में दिखाई दिया है. इस दुर्लभ खगोलीय घटना को देखने के लिए लोगों ने दूरबीन, एक्सरे समेत कई अन्य साधनों की मदद ली. वहीं ज्योतिषों ने सूर्य ग्रहण को नहीं देखने की बात कही है. ज्योतिषों का कहना है कि शस्त्रों के मुताबिक सूर्य ग्रहण जैसी खगोलीय घटनाओं को देखना शुभ नहीं माना जाता. ऐसी घटानाएं धरती पर आने वाले संकट का संकेत मानी जाती है. ज्योतिष के मुताबिक ग्रहण से पहले ही दुनिया में कोरोना वायरस महामारी फैली हुई है. पूरी दुनिया इस माहमारी से परेशान है.

वैज्ञानिकों ने पहले ही लगाया था अनुमान
बता दें कि खगोलीय वैज्ञानिकों ने सूर्य ग्रहण से पहले ही बताया था कि उत्तर प्रदेश में केवल बेहट कस्बे के 13 किलोमीटर एरिये से सम्पूर्ण सूर्य ग्रहण को देखा जा सकता है. वैज्ञानिकों का अनुमान सही निकला और बेहट कस्बे से सम्पूर्ण सूर्य ग्रहण के दुर्लभ दृश्य को देखे गए. करीब दोपहर 12 बज कर 10 मिनट पर सूर्य ग्रहण पूरा हुआ और सूरज एक गोल रिंग की तरह दिखाई देने लगा. ग्रहण के दौरान अंधेरा छा गया. लोग घरों की छतों पर आकर सूर्य ग्रहण के दर्शन करने लगे.

लोगों में उत्साह
ईटीवी भारत की टीम ने स्थानीय लोगों से बात की तो उन्होंने बताया कि ऐसा पहली बार हुआ है जब उनके कस्बे से सम्पूर्ण सूर्य ग्रहण देखा गया है. सुबह से कस्बावासियो में उत्साह बना हुआ था. उनका मानना है कि कोरोना वायरस जैसी महामारी के खात्मे के लिए यह ग्रहण हुआ है. ग्रहण के वक्त लोगों ने साधना कर ईश्वर से कोरोना वायरस को जल्द खत्म करने की प्रार्थना की है.

पढ़ें: साल का पहला सूर्य ग्रहण, यहां देखें कहां-कैसा था नजारा...

सूर्य ग्रहण दैवीय आपदा का संकेत
वहीं पंडित संजय परपन्ना आचार्य ने बताया कि ऐसा दुर्लभ दृश्य अब 360 साल बाद देखने को मिलेगा. ज्योतिष इसको आस्था से जोड़कर देख रहे हैं. उनका कहना है कि सम्पूर्ण सूर्य ग्रहण बड़ी दैवीय आपदा का संकेत हैं. इसलिए सभी को ग्रहण के वक्त ईश्वर की आराधना करनी चाहिए. हालांकि, उन्होंने कोरोना वायरस पर इस ग्रहण का नकारत्मक प्रभाव पड़ने की भी बात कही है.

सहारनपुर: एक ओर जहां पूरी दुनिया कोरोना महामारी से लड़ रही है वहीं सदी के सबसे बड़े सूर्य ग्रहण से न सिर्फ लोगों की आस्था बढ़ी है, बल्कि इस सूर्य ग्रहण से कोरोना वायरस के खात्मे की उम्मीद जगी है. सूर्य ग्रहण सुबह 10 बजकर 12 मिनट पर शुरू हुआ. खास बात ये है कि पूरे उत्तर प्रदेश सिर्फ सहारनपुर के बेहट में वलयाकार सूर्य ग्रहण दिखाई दिया है. बेहट कस्बे के लोगों ने घरों की छत पर चढ़कर इस दुर्लभ दृश्य को विभिन्न माध्यमों से देखा. बताया जा रहा है कि यह दुर्लभ दृश्य 1090 साल बाद देखने को मिला है.

बेहट में सूर्य ग्रहण को लेकर उत्साहित दिखे लोग.

रविवार को सम्पूर्ण सूर्य ग्रहण देश-दुनिया में दिखाई दिया है. करीब 1090 साल बाद चंद्रमा, धरती और सूर्य एक सीध में आये हैं. इस खगोलीय घटना के दौरान सूरज एक रिंग के आकार में दिखाई दिया है. इस दुर्लभ खगोलीय घटना को देखने के लिए लोगों ने दूरबीन, एक्सरे समेत कई अन्य साधनों की मदद ली. वहीं ज्योतिषों ने सूर्य ग्रहण को नहीं देखने की बात कही है. ज्योतिषों का कहना है कि शस्त्रों के मुताबिक सूर्य ग्रहण जैसी खगोलीय घटनाओं को देखना शुभ नहीं माना जाता. ऐसी घटानाएं धरती पर आने वाले संकट का संकेत मानी जाती है. ज्योतिष के मुताबिक ग्रहण से पहले ही दुनिया में कोरोना वायरस महामारी फैली हुई है. पूरी दुनिया इस माहमारी से परेशान है.

वैज्ञानिकों ने पहले ही लगाया था अनुमान
बता दें कि खगोलीय वैज्ञानिकों ने सूर्य ग्रहण से पहले ही बताया था कि उत्तर प्रदेश में केवल बेहट कस्बे के 13 किलोमीटर एरिये से सम्पूर्ण सूर्य ग्रहण को देखा जा सकता है. वैज्ञानिकों का अनुमान सही निकला और बेहट कस्बे से सम्पूर्ण सूर्य ग्रहण के दुर्लभ दृश्य को देखे गए. करीब दोपहर 12 बज कर 10 मिनट पर सूर्य ग्रहण पूरा हुआ और सूरज एक गोल रिंग की तरह दिखाई देने लगा. ग्रहण के दौरान अंधेरा छा गया. लोग घरों की छतों पर आकर सूर्य ग्रहण के दर्शन करने लगे.

लोगों में उत्साह
ईटीवी भारत की टीम ने स्थानीय लोगों से बात की तो उन्होंने बताया कि ऐसा पहली बार हुआ है जब उनके कस्बे से सम्पूर्ण सूर्य ग्रहण देखा गया है. सुबह से कस्बावासियो में उत्साह बना हुआ था. उनका मानना है कि कोरोना वायरस जैसी महामारी के खात्मे के लिए यह ग्रहण हुआ है. ग्रहण के वक्त लोगों ने साधना कर ईश्वर से कोरोना वायरस को जल्द खत्म करने की प्रार्थना की है.

पढ़ें: साल का पहला सूर्य ग्रहण, यहां देखें कहां-कैसा था नजारा...

सूर्य ग्रहण दैवीय आपदा का संकेत
वहीं पंडित संजय परपन्ना आचार्य ने बताया कि ऐसा दुर्लभ दृश्य अब 360 साल बाद देखने को मिलेगा. ज्योतिष इसको आस्था से जोड़कर देख रहे हैं. उनका कहना है कि सम्पूर्ण सूर्य ग्रहण बड़ी दैवीय आपदा का संकेत हैं. इसलिए सभी को ग्रहण के वक्त ईश्वर की आराधना करनी चाहिए. हालांकि, उन्होंने कोरोना वायरस पर इस ग्रहण का नकारत्मक प्रभाव पड़ने की भी बात कही है.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:22 PM IST
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