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सहारनपुर में भी जन्माष्टमी की धूम, मंदिरों को सुंदर झांकियों से सजाया गया - सहारनपुर

देश भर में कृष्ण जन्माष्टमी की धूम दिख रही है. सहारनपुर में भी मंदिरों को सुंदर झांकियों से सजाया गया है. इन झांकियों को देखने के लिए श्रद्धालुओं की लंबी लाइनें देखने को मिल रही हैं.

श्री कृष्ण जन्माष्टमी.
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Published : Aug 24, 2019, 12:06 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST

सहारनपुर: देश भर में जहां जन्माष्टमी का त्योहार बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है, तो वहीं सहारनपुर में भी जन्माष्टमी की धूम देखने को मिल रही है. शहर के मंदिरों को दुल्हन की तरह सजाया गया है. मंदिरों में लड्डू गोपाल को पालकी में बैठाया गया है. पालकी में बैठे लड्डू गोपाल को श्रद्धालु बड़े ही भक्ति भाव से झूला झुला रहे हैं.

सहारनपुर में जन्माष्टमी को लेकर श्रद्धालुओ में दिखा भारी उत्साह.

श्रद्धालुओं में दिखा भारी उत्साह

  • हर बार की तरह इस साल भी सहारनपुर में जन्माष्टमी का त्योहार शुक्रवार और शनिवार दो दिन मनाया जाएगा.
  • लगभग 14 वर्षों बाद जन्माष्टमी पर एक साथ छत्र योग, श्रीवत्स योग और सौभाग्यसुंदरी योग बना है.
  • मंदिर में भगवान जगन्नाथ की रसोई, वृंदावन और मथुरा जैसी झांकियां बनायी गई हैं.

ये भी पढ़ें: बाल, सखा, प्रेमी या ज्ञानी किस रूप में श्रीकृष्ण लगते हैं आपको अच्छे

  • इन झांकियों को देखकर ऐसा लगता है कि मानो पूरा वृंदावन यहीं पर आ गया हो.
  • इन झांकियों को देखने के लिए श्रद्धालुओं की लंबी-लंबी लाइनें लगनी शुरू हो गई है.
  • मंदिर में आए सभी श्रद्धालुओं में काफी उत्साह देखा जा रहा है

श्रद्धालुओं का कहना है कि जन्माष्टमी का त्योहार उनके लिए एक विशेष महत्व रखता है, जिसमें हिंदू धर्म के लोग व्रत रखकर कृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव मनाते हैं. वहीं रात के 12 बजे इस व्रत को तोड़ा जाता है क्योंकि इस समय भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था.


सहारनपुर: देश भर में जहां जन्माष्टमी का त्योहार बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है, तो वहीं सहारनपुर में भी जन्माष्टमी की धूम देखने को मिल रही है. शहर के मंदिरों को दुल्हन की तरह सजाया गया है. मंदिरों में लड्डू गोपाल को पालकी में बैठाया गया है. पालकी में बैठे लड्डू गोपाल को श्रद्धालु बड़े ही भक्ति भाव से झूला झुला रहे हैं.

सहारनपुर में जन्माष्टमी को लेकर श्रद्धालुओ में दिखा भारी उत्साह.

श्रद्धालुओं में दिखा भारी उत्साह

  • हर बार की तरह इस साल भी सहारनपुर में जन्माष्टमी का त्योहार शुक्रवार और शनिवार दो दिन मनाया जाएगा.
  • लगभग 14 वर्षों बाद जन्माष्टमी पर एक साथ छत्र योग, श्रीवत्स योग और सौभाग्यसुंदरी योग बना है.
  • मंदिर में भगवान जगन्नाथ की रसोई, वृंदावन और मथुरा जैसी झांकियां बनायी गई हैं.

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  • इन झांकियों को देखकर ऐसा लगता है कि मानो पूरा वृंदावन यहीं पर आ गया हो.
  • इन झांकियों को देखने के लिए श्रद्धालुओं की लंबी-लंबी लाइनें लगनी शुरू हो गई है.
  • मंदिर में आए सभी श्रद्धालुओं में काफी उत्साह देखा जा रहा है

श्रद्धालुओं का कहना है कि जन्माष्टमी का त्योहार उनके लिए एक विशेष महत्व रखता है, जिसमें हिंदू धर्म के लोग व्रत रखकर कृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव मनाते हैं. वहीं रात के 12 बजे इस व्रत को तोड़ा जाता है क्योंकि इस समय भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था.


Intro:सहारनपुर में जन्माष्टमी पर श्रद्धालुओं में दिखा उत्साह, दुल्हन की तरह सजाएं गए मंदिर,सहारनपुर में हर साल की तरह इस साल भी 2 दिन मनाई जाएगी जन्माष्टमी।


Body:देश भर में जहां जन्माष्टमी का त्यौहार बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है वही सहारनपुर में भी जन्माष्टमी की धूम देखने को मिल रही है जिसमे शहर के मंदिरों को दुल्हन की तरह सजाया गया है वहीं मंदिरों में लड्डू गोपाल को पालकी में बैठाया गया है वही पालकी में बैठे लड्डू गोपाल को श्रद्धालु बड़े ही भक्ति भाव से झूला झूला रहे हैं।

आपको बता दे कि हर साल की भाती इस साल भी सहारनपुर में जन्माष्टमी का त्यौहार शुक्रवार और शनिवार दो दिन मनाया जाएगा। वही शुक्रवार और शनिवार को श्री कृष्ण जन्माष्टमी होने से लगभग 14 वर्षों बाद एक साथ छत्र योग,श्रीवत्स योग और सौभाग्यसुंदरी योग बना है ।
जन्माष्टमी के उत्सव पर मंदिर में भगवान जगन्नाथ रसोई, वृंदावन,मथुरा जैसे झांकियां बनाई गई है जिनको देखकर ऐसा लगता है कि मानो पूरा वृंदावन यहीं पर आ गया हो जिसको देखने के लिए श्रद्धालुओं की लंबी-लंबी लाइनें लगनी शुरू हो गई है।



Conclusion:वही मंदिर में आए सभी श्रद्धालुओं में काफी उत्साह देखा जा रहा है जिसमें श्रद्धालुओं का कहना है कि जन्माष्टमी का त्यौहार उनके लिए एक विशेष महत्व रखता है, जिसमें हिंदू धर्म के लोग व्रत रखकर कृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव मनाते हैं वही रात के 12 बजे इस व्रत को तोड़ा जाता है क्योंकि रात को 12 बजे भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था।

बाइट : श्रद्धालु
बाइट : अभिषेक दत्तात्रेय (पंडित)

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Last Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST
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