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सहारनपुर: स्वाइन फ्लू को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट - saharanpur news in hindi

संक्रमण एवं बीमारियों को स्वास्थय विभाग अलर्ट मोड पर है. वहीं स्वाइन फ्लू की दस्तक के लिए पहले ही सभी तैयारियां स्वास्थ्य विभाग ने कर रखी है. जिला अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डॉ. एसके वार्ष्णेय ने बताया कि जिले में अभी तक एक भी मरीज स्वाइन फ्लू की चपेट में नहीं है.

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जानकारी देते जिला अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डॉ. एसके वार्ष्णेय.
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Published : Feb 4, 2020, 10:50 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST

सहारनपुर : एक ओर जहां संक्रमण एवं अन्य बीमारियों को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट नजर आ रहा है, वहीं स्वाइन फ्लू की दस्तक के लिए पहले ही सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं. जिला अस्पताल में न सिर्फ स्वाइन फ्लू के मरीजों के लिए विशेष वार्ड बनाया गया है. बल्कि स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की टीम के साथ दवाइयां और वैक्सीन 24 घन्टे तैयार रखी गई हैं. हालांकि, जिले में अभी तक इस गंभीर बीमारी का कोई मरीज नहीं मिला है.

जानकारी देते जिला अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डॉ. एसके वार्ष्णेय.
स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की मानें तो स्वाइन फ्लू की बीमारी विभिन्न पर्यटन स्थलों पर घूमकर आने वाले लोगों में ज्यादातर पाई जाती है. खासकर स्वाइन फ्लू बच्चों ओर बुजुर्गों के अलावा उन लोगों को अपनी चपेट में लेता है जिनकी निरोगात्मक शक्ति कमजोर होती है.

कई जनपदों से शिकायतें आना शुरू
जिला अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डॉ. एसके वार्ष्णेय ने बताया कि जिले में अभी तक एक भी मरीज स्वाइन फ्लू की चपेट में नहीं है. बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग पहले से ही स्वाइन फ्लू से लड़ने की सभी तैयारियां पूरी कर चुका है. जबकि उत्तर प्रदेश के कई जनपदों से स्वाइन फ्लू की शिकायतें आनी शुरू हो गईं हैं. जिसके चलते जिला अस्पताल में इस जानलेवा बीमारी के मरीजों के लिए न सिर्फ स्पेशल वार्ड बनाया गया है, बल्कि दवाइयां, इंजेक्शन और पहले लगने वाली वैक्सीन के साथ विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम को अलर्ट कर दिया गया है.

अस्पताल स्टाफ को लगाई जा रही वैक्सीन
सीएमएस वार्ष्णेय ने बताया कि स्वाइन फ्लू संक्रमण से होने वाली बीमारी है. यही वजह है कि खुद डॉक्टरों एवं अन्य स्टाफ को भी अपना बचाव करना पड़ता है. इससे बचने के लिए डॉक्टरों, स्टाफ और एबुलेंस चालको को वैक्सीन लगाई जा रही हैं. साथ ही दस्ताने, कैप, पीपी किट और मास्क की व्यवस्था की गई है. विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम स्पेशल वार्ड में स्वाइन फ्लू के मरीजों के इलाज के लिए 24 घन्टे तैयार हैं. यदि कहीं से स्वाइन फ्लू की अफवाह भी आती है तो मौके पर पहुंच के जांच पड़ताल के बाद लोगों को समझाया जाता है.

सहारनपुर में नहीं देखा गया असर
उन्होंने बताया कि स्वाइन फ्लू सहारनपुर में नहीं है अक्सर देखा गया है कि पर्यटन स्थलों पर घूमकर आए लोग, स्वाइन फ्लू की चपेट में आ जाते हैं. जिनका इलाज जिला अस्पताल के स्पेशल वार्ड में किया जाता है. ताकि इस बीमारी का संक्रमण फैलने से पहले मरीज को ठीक किया जाता है. इससे बचने के लिए सही जनाकारी और प्रिकॉशन लेना बहुत जरूरी है.

बुजुर्गों और बच्चों पर करता है जल्दी असर
डॉ. वार्ष्णेय ने बताया कि स्वाइन फ्लू बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर लोगों पर जल्दी असर करता है. क्योंकि इन बच्चों और बुजुर्गों की निरोधात्मक क्षमता कमजोर होती है. स्वाइन फ्लू होने पर मरीज को सामान्य बुखार की तरह बुखार ओर उल्टी दस्त होने लगते है. जिससे धीरे धीरे मरीज कमजोर होना शुरू हो जाता है. यदि समय पर सही इलाज ना मिल पाए, तो ऐसे में मरीज की जान को खतरा भी बन जाता है. कई बार समय पर सही इलाज नहीं मिलने पर मरीजों की जान भी चली जाती है.

इसे भी पढ़ें:- वाराणसी: चीन से लौटा यात्री कोरोना वायरस के डर से पहुंचा अस्पताल, पुणे भेजे जा सकते हैं नमूने



सहारनपुर : एक ओर जहां संक्रमण एवं अन्य बीमारियों को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट नजर आ रहा है, वहीं स्वाइन फ्लू की दस्तक के लिए पहले ही सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं. जिला अस्पताल में न सिर्फ स्वाइन फ्लू के मरीजों के लिए विशेष वार्ड बनाया गया है. बल्कि स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की टीम के साथ दवाइयां और वैक्सीन 24 घन्टे तैयार रखी गई हैं. हालांकि, जिले में अभी तक इस गंभीर बीमारी का कोई मरीज नहीं मिला है.

जानकारी देते जिला अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डॉ. एसके वार्ष्णेय.
स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की मानें तो स्वाइन फ्लू की बीमारी विभिन्न पर्यटन स्थलों पर घूमकर आने वाले लोगों में ज्यादातर पाई जाती है. खासकर स्वाइन फ्लू बच्चों ओर बुजुर्गों के अलावा उन लोगों को अपनी चपेट में लेता है जिनकी निरोगात्मक शक्ति कमजोर होती है.

कई जनपदों से शिकायतें आना शुरू
जिला अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डॉ. एसके वार्ष्णेय ने बताया कि जिले में अभी तक एक भी मरीज स्वाइन फ्लू की चपेट में नहीं है. बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग पहले से ही स्वाइन फ्लू से लड़ने की सभी तैयारियां पूरी कर चुका है. जबकि उत्तर प्रदेश के कई जनपदों से स्वाइन फ्लू की शिकायतें आनी शुरू हो गईं हैं. जिसके चलते जिला अस्पताल में इस जानलेवा बीमारी के मरीजों के लिए न सिर्फ स्पेशल वार्ड बनाया गया है, बल्कि दवाइयां, इंजेक्शन और पहले लगने वाली वैक्सीन के साथ विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम को अलर्ट कर दिया गया है.

अस्पताल स्टाफ को लगाई जा रही वैक्सीन
सीएमएस वार्ष्णेय ने बताया कि स्वाइन फ्लू संक्रमण से होने वाली बीमारी है. यही वजह है कि खुद डॉक्टरों एवं अन्य स्टाफ को भी अपना बचाव करना पड़ता है. इससे बचने के लिए डॉक्टरों, स्टाफ और एबुलेंस चालको को वैक्सीन लगाई जा रही हैं. साथ ही दस्ताने, कैप, पीपी किट और मास्क की व्यवस्था की गई है. विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम स्पेशल वार्ड में स्वाइन फ्लू के मरीजों के इलाज के लिए 24 घन्टे तैयार हैं. यदि कहीं से स्वाइन फ्लू की अफवाह भी आती है तो मौके पर पहुंच के जांच पड़ताल के बाद लोगों को समझाया जाता है.

सहारनपुर में नहीं देखा गया असर
उन्होंने बताया कि स्वाइन फ्लू सहारनपुर में नहीं है अक्सर देखा गया है कि पर्यटन स्थलों पर घूमकर आए लोग, स्वाइन फ्लू की चपेट में आ जाते हैं. जिनका इलाज जिला अस्पताल के स्पेशल वार्ड में किया जाता है. ताकि इस बीमारी का संक्रमण फैलने से पहले मरीज को ठीक किया जाता है. इससे बचने के लिए सही जनाकारी और प्रिकॉशन लेना बहुत जरूरी है.

बुजुर्गों और बच्चों पर करता है जल्दी असर
डॉ. वार्ष्णेय ने बताया कि स्वाइन फ्लू बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर लोगों पर जल्दी असर करता है. क्योंकि इन बच्चों और बुजुर्गों की निरोधात्मक क्षमता कमजोर होती है. स्वाइन फ्लू होने पर मरीज को सामान्य बुखार की तरह बुखार ओर उल्टी दस्त होने लगते है. जिससे धीरे धीरे मरीज कमजोर होना शुरू हो जाता है. यदि समय पर सही इलाज ना मिल पाए, तो ऐसे में मरीज की जान को खतरा भी बन जाता है. कई बार समय पर सही इलाज नहीं मिलने पर मरीजों की जान भी चली जाती है.

इसे भी पढ़ें:- वाराणसी: चीन से लौटा यात्री कोरोना वायरस के डर से पहुंचा अस्पताल, पुणे भेजे जा सकते हैं नमूने



Intro:सहारनपुर : एक ओर जहां संक्रमण एवं अन्य बीमारियो को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट नजर आ रहा है वहीं स्वाइन फ्लू की दस्तकनसे पहले ही सभी तैयारियां पूरी कर ली है। सहारनपुर के जिला अस्पताल में न सिर्फ स्वाइन फ्लू के मरीजो के लिए विशेष वार्ड बनाया गया है बल्कि स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की टीम के साथ दवाइयां और वैक्सीन 24 घन्टे तैयार रखी गई है। हालांकि जिले में अभी तक इस गभीर बीमारी का कोई मरीज पॉजिटिव नही मिला है। स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की माने तो स्वाइन फ्लू की बीमारी विभिन्न पर्यटन स्थलों पर घूमकर आने वाले लोगो मे ज्यादातर पाई जाती है। खास कर स्वाइन फ्लू बच्चो ओर बुजुर्गों के अलावा उन लोगो को अपनी झपेट में लेता है जिनकी निरोगात्मक शक्ति कमजोर होती है।



Body:VO 1 - आपको बता दें कि ठंड और शीतलहर के साथ कई शहरों में स्वाइन ने दस्तक दे दी है। स्वाइन फ्लू को देखते हुए सहारनपुर का स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट हो गया है। जिला अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डॉ एसके वार्ष्णेय ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि जिले में अभी तक एक भी मरीज स्वाइन फ्लू की चपेट में नहीं है। बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग पहले से ही स्वाइन फ्लू से लड़ने की सभी तैयारियां पुरी कर चुका है। जबकि उत्तर प्रदेश के कई जनपदों से स्वाइन फ्लू की शिकायतें आनी शुरू हो गई है। जिसके चलते जिला अस्पताल में इस जानलेवा बीमारी के मरीजो के लिए न सिर्फ स्पेशल वार्ड बनाया गया है बल्कि दवाइयां, इंजेक्शन और पहले लगने वाली वैक्सीन के साथ विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम को अलर्ट कर दिया गया है। सीएमएस वार्ष्णेय ने बताया कि स्वाइन फ्लू संक्रमण से होने वाली बीमारी है। यही वजह है कि खुद डॉक्टरों एवं अन्य स्टाफ को भी अपना बचाव करना पड़ता है। इससे बचने के लिए डॉक्टरों, स्टाफ और एबुलेंस चालको को वैक्सीन लगाई जा रही हैं। साथ ही दस्ताने, कैप, पीपी किट और मास्क की व्यवस्था की गई है। विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम स्पेशल वार्ड में स्वाइन फ्लू के मरीजो के इलाज के लिए 24 घन्टे तैयार हैं। यदि कहीं से स्वाइन फ्लू की अफवाह भी आती है तो मौके पर पहुंच के जांच पड़ताल के बाद लोगो को समझाया जाता है।

उन्होंने बताया कि स्वाइन फ्लू सहारनपुर में नही है लेकिन दिल्ली, मसूरी, लखनऊ, देहरादून समेत पर्यटन स्थलों पर घूमने वाले लोग अक्सर इसके शिकार हो जाते है। अक्सर देखा गया है कि पर्यटन स्थलों पर घूमकर आये लोग स्वाइन फ्लू की झपेट में आ जाते है। जिनका इलाज सहारनपुर जिला अस्पताल के स्पेशल वार्ड में किया जाता है। ताकि इस बीमारी का संक्रमण फैलने से पहले मरीज को ठीक किया जाता है। इससे बचने के लिए सही जनाकारी और प्रुकोशन लेना बहुत जरूरी है।
डॉ वार्ष्णेय ने बताया कि स्वाइन फ्लू बच्चो, बुजुर्गों और कमजोर लोगो पर जल्दी असर करता है। क्योंकि इन बच्चो और बुजुर्गों की निरोधात्मक क्षमता कमजोर होती है। स्वाइन फ्लू होने पर मरीज को सामान्य बुखार की तरह बुखार ओर उल्टी दस्त होने लगते है। जिससे धीरे धीरे मरीज कमजोर होना शुरू हो जाता है। यदि समय पर सही इलाज ना मिल पाए तो ऐसे में मरीज की जान को खतरा भी बन जाता है। कई बार समय पर सही इलाज नही मिलने पर मरीजो की जान भी चली जाती है।

बाईट - डॉ एसके वार्ष्णेय ( सीएमएस )


Conclusion:रोशन लाल सैनी
सहारनपुर
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Last Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST
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