सहारनपुर : एक ओर जहां संक्रमण एवं अन्य बीमारियों को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट नजर आ रहा है, वहीं स्वाइन फ्लू की दस्तक के लिए पहले ही सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं. जिला अस्पताल में न सिर्फ स्वाइन फ्लू के मरीजों के लिए विशेष वार्ड बनाया गया है. बल्कि स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की टीम के साथ दवाइयां और वैक्सीन 24 घन्टे तैयार रखी गई हैं. हालांकि, जिले में अभी तक इस गंभीर बीमारी का कोई मरीज नहीं मिला है.
कई जनपदों से शिकायतें आना शुरू
जिला अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डॉ. एसके वार्ष्णेय ने बताया कि जिले में अभी तक एक भी मरीज स्वाइन फ्लू की चपेट में नहीं है. बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग पहले से ही स्वाइन फ्लू से लड़ने की सभी तैयारियां पूरी कर चुका है. जबकि उत्तर प्रदेश के कई जनपदों से स्वाइन फ्लू की शिकायतें आनी शुरू हो गईं हैं. जिसके चलते जिला अस्पताल में इस जानलेवा बीमारी के मरीजों के लिए न सिर्फ स्पेशल वार्ड बनाया गया है, बल्कि दवाइयां, इंजेक्शन और पहले लगने वाली वैक्सीन के साथ विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम को अलर्ट कर दिया गया है.
अस्पताल स्टाफ को लगाई जा रही वैक्सीन
सीएमएस वार्ष्णेय ने बताया कि स्वाइन फ्लू संक्रमण से होने वाली बीमारी है. यही वजह है कि खुद डॉक्टरों एवं अन्य स्टाफ को भी अपना बचाव करना पड़ता है. इससे बचने के लिए डॉक्टरों, स्टाफ और एबुलेंस चालको को वैक्सीन लगाई जा रही हैं. साथ ही दस्ताने, कैप, पीपी किट और मास्क की व्यवस्था की गई है. विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम स्पेशल वार्ड में स्वाइन फ्लू के मरीजों के इलाज के लिए 24 घन्टे तैयार हैं. यदि कहीं से स्वाइन फ्लू की अफवाह भी आती है तो मौके पर पहुंच के जांच पड़ताल के बाद लोगों को समझाया जाता है.
सहारनपुर में नहीं देखा गया असर
उन्होंने बताया कि स्वाइन फ्लू सहारनपुर में नहीं है अक्सर देखा गया है कि पर्यटन स्थलों पर घूमकर आए लोग, स्वाइन फ्लू की चपेट में आ जाते हैं. जिनका इलाज जिला अस्पताल के स्पेशल वार्ड में किया जाता है. ताकि इस बीमारी का संक्रमण फैलने से पहले मरीज को ठीक किया जाता है. इससे बचने के लिए सही जनाकारी और प्रिकॉशन लेना बहुत जरूरी है.
बुजुर्गों और बच्चों पर करता है जल्दी असर
डॉ. वार्ष्णेय ने बताया कि स्वाइन फ्लू बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर लोगों पर जल्दी असर करता है. क्योंकि इन बच्चों और बुजुर्गों की निरोधात्मक क्षमता कमजोर होती है. स्वाइन फ्लू होने पर मरीज को सामान्य बुखार की तरह बुखार ओर उल्टी दस्त होने लगते है. जिससे धीरे धीरे मरीज कमजोर होना शुरू हो जाता है. यदि समय पर सही इलाज ना मिल पाए, तो ऐसे में मरीज की जान को खतरा भी बन जाता है. कई बार समय पर सही इलाज नहीं मिलने पर मरीजों की जान भी चली जाती है.
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