ETV Bharat / state

सहारनपुर शराब कांड: आज भी भटक रहे मृतक के परिजन, शराब से मौत की सूची में नहीं जुड़ा नाम

बाराबंकी में जहरीली शराब पीने से कई लोगों की मौत हो गई, वहीं सरकार ने मृतक के परिजनों को 2-2 लाख रुपये देने की बात कही है. इससे पहले भी सहारनपुर में जहरीली शराब कांड में मृतकों के परिजनों को यूपी सरकार ने मुआवजा देने की बात कही थी, लेकिन अभी तक पीड़ित परिजन सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं.

शराब पीड़ित परिवारों को नहीं मिला मुआवजा.
author img

By

Published : May 29, 2019, 3:04 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST

सहारनपुर: बाराबंकी में हुए जहरीली शराब कांड ने सहारनपुर में हुए शराब कांड की यादों को भी ताजा कर दिया है. बीते फरवरी माह में सहारनपुर के थाना देवबंद, नागल और गागलहेड़ी इलाकों के दर्जन भर से ज्यादा गांवों में जहरीली शराब ने ऐसा कहर बरपाया था कि 100 से ज्यादा लोग मौत के मुंह में समा गए थे. जबकि सैकड़ों लोग बीमार हो गए. हालांकि जिला प्रशासन ने जहरीली शराब से मौत का आंकड़ा 36 ही बताया. ऐसे में 70 से ज्यादा मृतकों के परिजन मुआवजे के लिए अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं.

पीड़ित परिजनों से बात करते ईटीवी भारत संवाददाता.

यह भी पढ़ें- बाराबंकी कांड के बाद हरकत में आई सहारनपुर पुलिस, कई होंगे बर्खास्त

जहरीली शराब से अपनों को खो चुके परिवारों का दर्द

  • ईटीवी भारत की टीम ने सहारनपुर के कोलकी गांव में पहुंचकर साढ़े तीन महीने पहले हुए इस शराब कांड का रियलिटी चेक किया तो चौंकाने वाली हकीकत सामने आई.
  • ईटीवी भारत की टीम ने शराब से प्रभावित परिवारों का दर्द साझा करते हुए जानने की कोशिश की तो उनका दर्द छलक उठा.
  • शराब पीकर अपनी आंखों की रोशनी गंवा चुके कई लोग आज चारपाई पर आ गए हैं, जबकि दर्जनों परिवारों के सामने आर्थिक संकट मंडरा रहा है.
  • खास बातचीत में ग्राम प्रधान रामगोपाल वालिया ने न सिर्फ जहरीली शराब के सेवन से हुई मौत के आंकड़ों से पर्दा उठाया बल्कि जिला प्रशासन पर भी गंभीर सवाल खड़े किए.
  • ग्राम प्रधान ने ईटीवी भारत को बताया कि केवल उनके गांव में 18 मौतें हुई थीं.
  • उमाही गांव में 14 लोग शराब की भेंट चढ़ गए. जबकि आसपास के दर्जनों गांवों में सैकड़ों मौतें हुई थीं. लेकिन जिला प्रशासन ने 36 लोगों को मुआवजा देकर पूरे घटनाक्रम पर लीपापोती करने का काम किया है.
  • हालांकि मृतकों के परिजन और ग्राम प्रधान ने अधिकारियों के चक्कर लगाकर मुआवजे की मांग की, लेकिन कहीं भी उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई.
  • इसी कड़ी में मृतकों के परिजन और शराब के सेवन से अपनी आंखों की रोशनी गंवा चुके लोगों ने भी जिला प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें अभी तक कोई मुआवजा नहीं मिला है.
  • इसके लिए भी पीड़ित और उनके परिजन अधिकारियों के चक्कर काटकर थक चुके हैं.
  • वहीं गांव की महिलाओं ने बताया कि इतने बड़े शराब कांड के बाद भी गांव के लोग सबक लेने को तैयार नहीं हैं और चोरी चुपके अभी भी शराब पी रहे हैं.
  • कमलेश नाम की महिला ने बताया कि उनके घर में दो लोगों की शराब पीने से मौत हुई थी, लेकिन प्रशासन की ओर से मुआवजे के नाम पर उन्हें फूटी कौड़ी भी नहीं मिली है.

सहारनपुर: बाराबंकी में हुए जहरीली शराब कांड ने सहारनपुर में हुए शराब कांड की यादों को भी ताजा कर दिया है. बीते फरवरी माह में सहारनपुर के थाना देवबंद, नागल और गागलहेड़ी इलाकों के दर्जन भर से ज्यादा गांवों में जहरीली शराब ने ऐसा कहर बरपाया था कि 100 से ज्यादा लोग मौत के मुंह में समा गए थे. जबकि सैकड़ों लोग बीमार हो गए. हालांकि जिला प्रशासन ने जहरीली शराब से मौत का आंकड़ा 36 ही बताया. ऐसे में 70 से ज्यादा मृतकों के परिजन मुआवजे के लिए अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं.

पीड़ित परिजनों से बात करते ईटीवी भारत संवाददाता.

यह भी पढ़ें- बाराबंकी कांड के बाद हरकत में आई सहारनपुर पुलिस, कई होंगे बर्खास्त

जहरीली शराब से अपनों को खो चुके परिवारों का दर्द

  • ईटीवी भारत की टीम ने सहारनपुर के कोलकी गांव में पहुंचकर साढ़े तीन महीने पहले हुए इस शराब कांड का रियलिटी चेक किया तो चौंकाने वाली हकीकत सामने आई.
  • ईटीवी भारत की टीम ने शराब से प्रभावित परिवारों का दर्द साझा करते हुए जानने की कोशिश की तो उनका दर्द छलक उठा.
  • शराब पीकर अपनी आंखों की रोशनी गंवा चुके कई लोग आज चारपाई पर आ गए हैं, जबकि दर्जनों परिवारों के सामने आर्थिक संकट मंडरा रहा है.
  • खास बातचीत में ग्राम प्रधान रामगोपाल वालिया ने न सिर्फ जहरीली शराब के सेवन से हुई मौत के आंकड़ों से पर्दा उठाया बल्कि जिला प्रशासन पर भी गंभीर सवाल खड़े किए.
  • ग्राम प्रधान ने ईटीवी भारत को बताया कि केवल उनके गांव में 18 मौतें हुई थीं.
  • उमाही गांव में 14 लोग शराब की भेंट चढ़ गए. जबकि आसपास के दर्जनों गांवों में सैकड़ों मौतें हुई थीं. लेकिन जिला प्रशासन ने 36 लोगों को मुआवजा देकर पूरे घटनाक्रम पर लीपापोती करने का काम किया है.
  • हालांकि मृतकों के परिजन और ग्राम प्रधान ने अधिकारियों के चक्कर लगाकर मुआवजे की मांग की, लेकिन कहीं भी उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई.
  • इसी कड़ी में मृतकों के परिजन और शराब के सेवन से अपनी आंखों की रोशनी गंवा चुके लोगों ने भी जिला प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें अभी तक कोई मुआवजा नहीं मिला है.
  • इसके लिए भी पीड़ित और उनके परिजन अधिकारियों के चक्कर काटकर थक चुके हैं.
  • वहीं गांव की महिलाओं ने बताया कि इतने बड़े शराब कांड के बाद भी गांव के लोग सबक लेने को तैयार नहीं हैं और चोरी चुपके अभी भी शराब पी रहे हैं.
  • कमलेश नाम की महिला ने बताया कि उनके घर में दो लोगों की शराब पीने से मौत हुई थी, लेकिन प्रशासन की ओर से मुआवजे के नाम पर उन्हें फूटी कौड़ी भी नहीं मिली है.
Intro:नोट : फाइल के शुरू में फ़ाइल विजूल्स है

सहारनपुर : उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में एक बार फिर जहरीली शराब ने अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया जहरीली शराब के सेवन से दर्जनभर से ज्यादा लोगों की मौत हो गई जबकि कई लोग बीमार हो गए। इस घटना ने सहारनपुर में हुए शराब कांड की यादों को भी ताजा कर दिया। 8 फरवरी से सहारनपुर के थाना देवबंद, नागल और गागलहेड़ी इलाको के दर्जन भर से ज्यादा गांवों में जहरीली शराब ने ऐसा कहर बरपाया था कि 100 से ज्यादा लोग अकाल ही मौत के मुंह में समा गए थे जबकि सेकड़ो लोग बीमार हो गए। हालांकि जिला प्रशासन ने 36 लोगों की मौत होना बता कर मुआवजा देने की बात करता रहा। बावजूद इसके 70 से ज्यादा मृतकों के परिजन मुआवजे के लिए अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं। ईटीवी की टीम ने शराब से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए ग़ांव कोलकी के ग्रामीणों के बीच पहुंच कर शराब पीड़ित परिवारों से बातचीत कर उनका दर्द साझा किया।









Body:VO 1 - उत्तर प्रदेश में जहरीली शराब का कहर थमने का नाम नही ले रहा है। सहारनपुर एवं कुशीनगर के बाद अब बाराबंकी में मौत के जाम ने दर्जनों जिंदगियों को घटक लिया है। मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ ने लापवाही करने वाले अधिकारियों को निलंबित करने के साथ पीड़ित परिजनों को मुआवजे का मरहम लगाने का काम भी किया है। सीएम योगी ने मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपये आर्थिक मदद देने की घोषणा की है। लेकिन यह मदद कितने लोगों को पहुंचती है यह तो वक्त बताएगा लेकिन बाराबंकी में हुए शराब कांड ने सहारनपुर के शराब पीड़ित परिवारों के जख्मो को फिर से ताजा कर दिया है। अब थी साढ़े तीन महीने पहले 8 फरवरी को थाना नागल देवबंद और गागलहेड़ी इलाको के दर्जनभर से ज्यादा गांवों में जहरीली शराब ने ऐसा कहर बरपाया था। जिसमें 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी जबकि सैकड़ों लोग बीमार हो गए थे जिनमें से आधा दर्जन से ज्यादा लोगों की आंखों की रोशनी चली गई। थाना गागलहेड़ी इलाके के गांव कोलकी की बात करें तो सबसे ज्यादा मौतें कोलकी गांव में हुई जहां जहरीली शराब के सेवन से 18 लोगों की मौत हुई थी। जबकि उमाही कोटा गांव में 14 लोगों ने जहरीली शराब के सेवन से अपनी जान गवाई। वहीं सकतपुर , शरबतपुर, मायाहेडी, बालूपुर, सलेमपुर, ताजपुर, माली, समेत दो दर्जन गांवो में जहरीली शराब 100 से ज्यादा लोगो की जिंदगी पी गई। लेकिन जिला अधिकारी आलोक कुमार पांडे ने मौतों के आंकड़े पर महज 36 मौतों पर ही विराम लगा दिया था। ईटीवी की टीम ने ग़ांव कोलकी में पहुंचकर साढ़े तीन महीने पहले हुए इस शराब कांड का रियलिटी चेक किया तो हकीकत चौकाने वाली सामने आई। ईटीवी की टीम ने शराब प्रभावित परिवारों का दर्द साझा करते हुए जानने की कोशिश की तो उनका दर्द छलक उठा। शराब पीकर अपनी आंखों की रोशनी गंवा चुके कई लोग आज चारपाई पर आ गए। जबकि दर्जनों परिवारों के सामने आर्थिक संकट मंडरा रहा है। जहरीली शराब के सेवन से घर मे कमाने वाले शख्स की मौत हो या फिर उनकी आंखों की रोशनी चली गई। खास बातचीत में ग्राम प्रधान रामगोपाल वालिया ने ना सिर्फ जहरीली शराब के सेवन से हुई मौतों के आंकड़ों से पर्दा उठाया बल्कि जिला प्रशासन पर भी गंभीर सवाल खड़े किए हैं। ग्राम प्रधान ने ईटीवी को बताया कि उनके गांव में अट्ठारह मौतें हुई थी उमाही ग़ांव में 14 लोग शराब की भेंट चढ़ गए। जबकि आसपास के दर्जनों गांवों में सेकड़ो मौते हुई थी। लेकिन जिला प्रशासन ने 36 लोगों को मुआवजा देकर पूरे घटनाक्रम पर लीपापोती करने का काम किया है। हालांकि मृतकों के परिजन और ग्राम प्रधान ने अधिकारियों के चक्कर लगा कर मुआवजे की मांग की लेकिन किसी ने भी उनकी कोईसुनवाई नहीं की। इसी कड़ी में मृतकों के परिजनों और शराब के सेवन से अपनी आंखों की रोशनी गवा चुके लोगों ने भी जिला प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा की उन्हें अभी तक कोई मुआवजा नहीं मिला है इसके लिए भी अधिकारियों के चक्कर काटकर थक चुके हैं। वहीं गांव की महिलाओं ने बताया कि इतने बड़े शराब कांड के बाद भी गांव के लोग सबक लेने को तैयार नहीं है और चोरी चुपके अभी भी शराब पी रहे हैं। कमलेश नाम की महिला ने बताया कि उनके घर मे दो लोगो की शराब पीने से मौत हुई थी लेकिन प्रशासन की ओर से मुआवजे के नाम पर उन्हें फूटी कोड़ी भी नही मिली है। तीन महीने पहले जहरीली शराब से अपनो को खो चुके इन परिवारों का दर्द और पूरी कहानी इन्ही की जुबानी।


Conclusion:रोशन लाल सैनी
सहारनपुर
9121293042
9759845153
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.