सहारनपुर: जिले के बिहारीगढ़ थाना क्षेत्र में एक महीने के अंदर फिर से मंगलवार की सुबह एक पटाखा फैक्ट्री में धमाका हो गया. धमाके के बाद जिला प्रशासन हरकत में आ गया है. प्रशासन ने पटाखा फैक्ट्रियों के मानकों की जांच के साथ सुरक्षा व्यवस्था के इंतजामों की जांच शुरू कर दी है.
सिटी मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में दिल्ली रोड पर पटाखा फैक्ट्री में छापेमारी और मानकों की जांच पड़ताल की गई. सिटी मजिस्ट्रेट ने पटाखा फैक्ट्री में मिली खामियों को लेकर नाराजगी जताते हुए सुधार करने के निर्देश दिए हैं. सिटी मजिस्ट्रेट की छापेमारी की खबर से पटाखा कारोबारियों में हड़कंप मचा हुआ है, लेकिन हैरत की बात ये है कि बड़े हादसों के बाद भी पटाखा कारोबारी प्रतिबंधित पटाखे बनाकर अपनी जेबें भर रहे हैं. वहीं दो वक्त की रोटी कमाने आए कारीगरों के जीवन से भी खिलवाड़ कर रहे हैं.
दरअसल, सहारनपुर में बड़े पैमाने पर पटाखे बनाये जा रहे हैं. एनजीटी के आदेशों के बाद ग्रीन पटाखों की आड़ में प्रतिबंधित पटाखों का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है. यही वजह है कि मई माह के भीतर तीन पटाखा फैक्ट्रियों में धमाके हो चुके हैं. 8 मई को थाना सरसावा इलाके के बलवंतपुर में धमाकों के बाद पटाखा फैक्ट्री का नामों निशान मिट गया और हादसे में 5 लोगों की जान चली गई. वहीं, 26 अप्रैल को थाना गागलहेड़ी इलाके की पटाखा फैक्ट्री में धमाका हो गया था. वहीं, 24 मई यानी मंगलवार की सुबह थाना बिहारीगढ़ इलाके के सतपुरा में चल रही पटाखा फैक्ट्री में धमाका हो गया. इस धमाके में 2 कारीगर गंभीर रूप से घायल हो गए. पुलिस और फोरेंसिक टीम हादसे के कारणों की जांच कर रही है.
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एक महीने के भीतर लगातार तीन पटाखा फैक्टियों में धमाकों के बाद जिला प्रशासन हरकत में आया है. जिसके चलते प्रशासन ने पटाखा फैक्ट्रियों के खिलाफ अभियान छेड़ दिया है. मंगलवार को जिलाधिकारी के निर्देश पर सिटी मजिस्ट्रेट विवेक चतुर्वेदी ने पुलिस बल के साथ सुभाष पटाखा फैक्ट्री की जांच की.
जिलाधिकारी के आदेश पर पटाखा फैक्ट्रियों में अब जांच की जा रही है कि आखिरकार किस तरह के मैट्रियल का इस्तेमाल पटाखा फैक्ट्री में किया जा रहा है. साथ ही वहां पर अग्निशमन के यंत्र भी पूरे हैं या नहीं, इसकी भी जांच की जा रही है. जिलाधिकारी अखिलेश सिंह के आदेशानुसार सिटी मजिस्ट्रेट ने सहारनपुर नगर स्थित सुभाष पटाखा फैक्ट्री में जांच की गई. साथ ही वहां पटाखों में इस्तेमाल किए जा रहे मटेरियल के सैंपल भी लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं.
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