सुलतानपुर: 'कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता, बस एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों' इन पंक्तियों को 13 साल के मेधावी मृगेंद्र ने चरितार्थ कर दिखाया है. अभी तक पांच विश्व रिकॉर्ड और रामचरितमानस के चरित्रों पर पांच पुस्तकें लिखने वाले इस किशोर को लंदन विश्वविद्यालय ने पीएचडी का आमंत्रण दिया है. दाखिले की औपचारिकताएं निभाई जा रही हैं. इस आमंत्रण से विश्व पटल पर मृगेंद्र ने सुल्तानपुर का परचम लहराया है.
लंदन विश्वविद्यालय से पीएचडी का आमंत्रण पत्र
कूरेभार ब्लॉक क्षेत्र का निवासी मृगेंद्र राज इस समय सातवीं का छात्र है. पिता राजेश पाण्डेय अयोध्या में कार्यरत हैं. मृगेंद्र वहीं पर शिक्षा-दीक्षा ग्रहण कर रहा है. सुलतानपुर के मूल निवासी मृगेंद्र राज अब तक कई उपलब्धियां हासिल कर चुका है. इस बार लंदन विश्वविद्यालय ने उन्हें पीएचडी करने के लिए आमंत्रित किया है.
विश्व रिकॉर्ड मृगेंद्र के नाम
13 वर्षीय किशोर ने अब तक अपने नाम यंगेस्ट पोएट ऑफ द वर्ल्ड, यंगेस्ट मल्टी डाइमेंशनल राइटर ऑफ द वर्ल्ड, यंगेस्ट प्रोलिफिक राइटर ऑफ द वर्ल्ड, यंगेस्ट टू आर्थर मोस्ट बायोग्राफी ऑफ द वर्ल्ड, मोस्ट कैरेक्टर ऑफ द रिलीजियस बुक ऑर्थर्ड बाय एन इंडिविजुअल इन द वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम किया है.
मेरी हसरत है कि तिरंगा लहराए मृगेंद्र
मृगेंद्र के पिता राजेश पाण्डेय कहते हैं कि 6 साल की उम्र से 13 साल के बीच पांच विश्व रिकॉर्ड अमेरिका में हासिल कर चुका है. मेरी हसरत है कि जब-जब वह कुछ अच्छा काम करें तो विश्व पटल पर भारतीय तिरंगा लहराए.
मेरी अब तक डेढ़ सौ पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, जिसमें पहली पुस्तक उद्भव है. यह एक काव्य संग्रह है. उस पर एक वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बन चुका है यंगेस्ट पोएट ऑफ द वर्ल्ड रिकॉर्ड है. नदी प्रदूषण और उपन्यास के अलावा शख्सियतों की बायोग्राफी पर मैंने पुस्तकें लिखी हैं. इसके अलावा हाल ही में मैंने रामायण के 51 पात्रों पर पुस्तकें लिखी हैं, जिस पर सबसे अधिक पात्र पर पुस्तक लिखने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बना है.
-मृगेंद्र राज