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CAA मामले में नहीं हुई रिहाई तो महिलाओं ने काजी-ए-शहर से मांगा इस्तीफा

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Published : Jan 15, 2020, 1:26 PM IST

यूपी के रामपुर में सीएए और एनआरसी पर 21 दिसंबर को रामपुर में हुए बवाल के बाद पुलिस ने कुछ लोगों को घरों से उठा लिया था. इसी के चलते बुधवार को बेकसूरों की रिहाई और एफआईआर से नाम वापस लिए जाने को लेकर महिलाओं ने जामा मस्जिद पर धरना प्रदर्शन किया.

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महिलाओं ने जामा मस्जिद में किया धरना प्रदर्शन.

रामपुर: नागरिकता संशोधन कानून को लेकर 21 दिसंबर को रामपुर में मुस्लिम उलेमाओं के विरोध प्रदर्शन के बाद पुलिस ने 100 से ज्यादा नामजद और 1000 से ज्यादा अज्ञात के खिलाफ विभिन्न धाराओं में FIR दर्ज की थी. बेकसूरों की रिहाई और एफआईआर से नाम वापस लिए जाने को लेकर महिलाओं ने जामा मस्जिद पर धरना-प्रदर्शन किया.

पुलिस ने 30 से ज्यादा लोगों को भेजा था जेल
21 दिसंबर को रामपुर में मुस्लिम उलेमाओं के आह्वान पर NRC और CAA के विरोध प्रदर्शन के बाद पुलिस ने 100 से ज्यादा नामजद और 1000 से ज्यादा अज्ञात के खिलाफ विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज किया था. 30 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा था. इस उपद्रव में एक युवक की मौत हो गयी थी. उसके बावजूद पुलिस ने मृतक फैज के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया था.

महिलाओं ने जामा मस्जिद में किया धरना प्रदर्शन.

महिलाओं ने काजी-ए-शहर से की इस्तीफे की मांग
पुलिस कार्यवाही में बेकसूर लोगों को गिरफ्तार करने और एफआईआर दर्ज करने का आरोप भी है. इसको लेकर कई बार धार्मिक गुरुओं ने पुलिस प्रशासन से बेकसूरों को रिहा करने और एफआईआर से नाम हटाने की अपील की थी. पुलिस प्रशासन के आला अधिकारियों ने छोड़ने को कहा था, लेकिन अभी तक अमल में न आने पर पीड़ित परिवारों ने जामा मस्जिद में उलेमाओं के खिलाफ प्रदर्शन शुरू किया और शहर काजी और अन्य उलेमाओं से इस्तीफे की मांग की है. इसके साथ ही कहा कि अभी तक बेकसूरों को नहीं छोड़ा गया है. जब तक बेकसूरों को छोड़ा नहीं जाता,यह प्रदर्शन करते रहेंगे.

इसे भी पढ़ें- अलीगढ़: एएमयू छात्र-छात्राओं ने निकाला मार्च, केंद्र सरकार के विरोध में लगाए नारे

पुलिस ने कई बेगुनाहों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है
मजार हाफिज साहब के सज्जादा नशीं फरहत अहमद जमाली ने कहा बुधवार को जामा मस्जिद में काफी तादाद में महिलाएं जमा हुईं और अपने गम और गुस्से का इजहार किया. मामला 21 दिसंबर का है, जो सीएए और एनआरसी को लेकर उलेमाओं के कहने पर लोग ईदगाह में जमा हुए थे. कुछ लोग पहुंच गए थे और कुछ लोगों को पुलिस ने रोक लिया और उनके साथ पथराव और लाठीचार्ज किया. इस मामले में पुलिस ने कई बेगुनाहों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है और कई लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. उन्हीं की रिहाई के लिए यहां आज औरतें जमा हुईं.

पुलिस की गोली से मरने का आरोप है, यह कहां का इंसाफ है
फरद अहमद जमाली ने पुलिस प्रशासन पर झूठे वादे करने का आरोप लगाते हुए कहा कि शहर मुफ्ती और शहर काजी जैसे बुज़ुर्ग लोगों ने कई बार डीएम और एसपी से मिलने और वायदा करने के बाद अभी तक किसी को नहीं छोड़ा है. सीएए और एनआरसी प्रदर्शन के दौरान एक लड़के की मौत हुई थी. जिस पर पुलिस की गोली से मरने का आरोप है, उस पर उल्टा मुकदमा दर्ज किया गया है, यह कहां का इंसाफ है.

इसे भी पढ़ें- राज्यमंत्री ठाकुर रघुराज सिंह का विवादित बयान: एएमयू के छात्रों को बताया देशद्रोही

रामपुर: नागरिकता संशोधन कानून को लेकर 21 दिसंबर को रामपुर में मुस्लिम उलेमाओं के विरोध प्रदर्शन के बाद पुलिस ने 100 से ज्यादा नामजद और 1000 से ज्यादा अज्ञात के खिलाफ विभिन्न धाराओं में FIR दर्ज की थी. बेकसूरों की रिहाई और एफआईआर से नाम वापस लिए जाने को लेकर महिलाओं ने जामा मस्जिद पर धरना-प्रदर्शन किया.

पुलिस ने 30 से ज्यादा लोगों को भेजा था जेल
21 दिसंबर को रामपुर में मुस्लिम उलेमाओं के आह्वान पर NRC और CAA के विरोध प्रदर्शन के बाद पुलिस ने 100 से ज्यादा नामजद और 1000 से ज्यादा अज्ञात के खिलाफ विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज किया था. 30 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा था. इस उपद्रव में एक युवक की मौत हो गयी थी. उसके बावजूद पुलिस ने मृतक फैज के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया था.

महिलाओं ने जामा मस्जिद में किया धरना प्रदर्शन.

महिलाओं ने काजी-ए-शहर से की इस्तीफे की मांग
पुलिस कार्यवाही में बेकसूर लोगों को गिरफ्तार करने और एफआईआर दर्ज करने का आरोप भी है. इसको लेकर कई बार धार्मिक गुरुओं ने पुलिस प्रशासन से बेकसूरों को रिहा करने और एफआईआर से नाम हटाने की अपील की थी. पुलिस प्रशासन के आला अधिकारियों ने छोड़ने को कहा था, लेकिन अभी तक अमल में न आने पर पीड़ित परिवारों ने जामा मस्जिद में उलेमाओं के खिलाफ प्रदर्शन शुरू किया और शहर काजी और अन्य उलेमाओं से इस्तीफे की मांग की है. इसके साथ ही कहा कि अभी तक बेकसूरों को नहीं छोड़ा गया है. जब तक बेकसूरों को छोड़ा नहीं जाता,यह प्रदर्शन करते रहेंगे.

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पुलिस ने कई बेगुनाहों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है
मजार हाफिज साहब के सज्जादा नशीं फरहत अहमद जमाली ने कहा बुधवार को जामा मस्जिद में काफी तादाद में महिलाएं जमा हुईं और अपने गम और गुस्से का इजहार किया. मामला 21 दिसंबर का है, जो सीएए और एनआरसी को लेकर उलेमाओं के कहने पर लोग ईदगाह में जमा हुए थे. कुछ लोग पहुंच गए थे और कुछ लोगों को पुलिस ने रोक लिया और उनके साथ पथराव और लाठीचार्ज किया. इस मामले में पुलिस ने कई बेगुनाहों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है और कई लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. उन्हीं की रिहाई के लिए यहां आज औरतें जमा हुईं.

पुलिस की गोली से मरने का आरोप है, यह कहां का इंसाफ है
फरद अहमद जमाली ने पुलिस प्रशासन पर झूठे वादे करने का आरोप लगाते हुए कहा कि शहर मुफ्ती और शहर काजी जैसे बुज़ुर्ग लोगों ने कई बार डीएम और एसपी से मिलने और वायदा करने के बाद अभी तक किसी को नहीं छोड़ा है. सीएए और एनआरसी प्रदर्शन के दौरान एक लड़के की मौत हुई थी. जिस पर पुलिस की गोली से मरने का आरोप है, उस पर उल्टा मुकदमा दर्ज किया गया है, यह कहां का इंसाफ है.

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Intro:रेडी पैक स्टोरी
Rampur up
स्लग महिलाओ ने जामा मस्जिद में दिया धरना

एंकर 21 दिसंबर को रामपुर में हुए बवाल में बेकसूरों की रिहाई और एफआईआर से नाम वापस लिए जाने को लेकर महिलाओं ने जामा मस्जिद पर किया प्रदर्शन।

21 दिसंबर को रामपुर में मुस्लिम उलेमाओ के आह्वान पर NRC और CAA के विरोध प्रदर्शन के बाद पुलिस ने सौ से ज़्यादा नामज़द और एक हज़ार से ज़्यादा अज्ञात के खिलाफ विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज की थी।और तीस से ज़्यादा लोगो को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा।और इस उपद्रव में एक फ़ेज़ नामक युवक की मौत हो गयी थी उसके बावजूद पुलिस ने मृतक फेज़ के ख़िलाफ़ भी मुकद्दमा दर्ज किया था
जिस पर पुलिसया कार्यवाही में बेक़सूर लोगो को गिरफ्तार करने और एफआईआर दर्ज करने का आरोप भी है जिसको लेकर कई बार धार्मिक गुरुओं ने पुलिस प्रशासन से बेक़सूरो को रिहा करने और एफआईआर से नाम हटाने की अपील की थी जिस पर पुलिस प्रशासन के आला अधिकारियों ने छोड़ने को कहा था लेकिन अभी तक अमल में न आने पर पीड़ित परिवारों ने जामा मस्जिद में उलेमाओं के ख़िलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया और शहर क़ाज़ी और अन्य उलेमाओं से इस्तीफे की मांग की और कहा अभी तक बेकसूरों को नहीं छोड़ा गया यह प्रदर्शन करते रहेंगे जब तक छोड़ा नहीं जाता या वो अपने पदों से इस्तीफा दे।

Body:वहीं मज़ार हाफिज़ साहब के सज्जादा नशीं फरहत अहमद जमाली ने कहा आज जामा मस्जिद में कई महिला काफी तादाद में महिलाएं जमा हुई थी जिन्होंने अपने गम और गुस्से का इजहार किया मामला 31 दिसंबर का है जो सीए और एनआरसी को लेकर उलेमाओं के कहने पर लोग ईदगाह में जमा हुए थे कुछ लोग पहुंच गए थे और कुछ लोगों को हाथ दिखाना चौराहा पर पुलिस ने रोक लिया और उनके साथ पथराव और लाठीचार्ज किया इस मामले में पुलिस ने कई बेगुनाहों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है और कई को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया उन्हीं की रिहाई के लिए यहां आज औरतें जमा हुई थी वही फरद अहमद जमाली ने पुलिस प्रशासन पर झूठे वादे करने का आरोप लगाया कहा कि शहर मुफ़्ती और शहर क़ाज़ी जैसी बुज़ुर्ग लोगो ने कई बार डीएम और एसपी से मिलने के बाद भी और वायदा करने के बाद अभी तक किसी को नहीं छोड़ा और जो लड़का मरा है बलवे के दौरान जिस पर पुलिस की गोली से मरने का आरोप है उस पर भी उल्टा मुक़दमा दर्ज कर दिया यह कहाँ का इंसाफ है Conclusion:वही पीड़ित महिला मीना ने बताया आज हम जामा मस्जिद आए हैं कारी साहब से इंसाफ के लिए उनके बच्चे 25 दिन से जेल में बंद है और यह लोग ये कहते है उनके बच्चे आज आ जाएंगे कल आ जाएंगे कह रहे हैं लेकिन आज 25 दिन से उनके बच्चे घर वापस नहीं आए हैं जबकि उनका बच्चा बेगुनाह ह।

बाइट:फरहत अहमद जमाली,सज्जादा नशीं,मज़ार हाफिज साहब

बाइट:मीना पीड़ित परिवार की महिला

विसुअल
Reporter Azam khan
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