रामपुरः जिले के कोतवाली शाहाबाद क्षेत्र के एक गांव से धर्म परिवर्तन का एक सनसनीखेज मामला सामने आया था. यहां दोस्त की अचानक हुई मौत के बाद एक युवक ने उसके पूरे परिवार का धर्म परिवर्तन करा दिया था. साथ ही विधवा महिला से मृतक के दोस्त ने शादी कर ली थी. यही नहीं उसने महिला के दोनों बच्चों का खतना भी करा दिया था. बुधवार को इस मामले में यूपी बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डॉ. विशेष गुप्ता ने जांच की. उन्होंने कहा कि बच्चों के साथ कुरुरता हुई है. खतना क्रूरता का एक उदाहरण है.
रामपुर पहुंचे यूपी बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डॉ. विशेष गुप्ता ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि जिला प्रशासन के साथ गांव में पहुंच कर मामले की जांच की गई है. गांव में पहुंचकर जब पूछताछ की गई तो किसी को मामले की जानकारी नहीं होने की बात कही. वहां किसी को नहीं पता है कि निकाह हुआ है. इसमें पुलिस ने कार्रवाई कर दी है. 5 लोगों को नामजद किया गया है.
उन्होंने कहा कि क्योंकि बच्चों के साथ क्रूरता हुई है और किशोर न्याय अधिनियम के तहत आरोपियों पर कार्रवाई की जाएगी. डॉ. विशेष गुप्ता ने कहा कि बच्चों की रक्षा, सुरक्षा और महिला के पुनर्वासन के हर व्यवस्था की जाएगी. अभी फिलहाल नवाबगंज गुरुद्वारे में सुरक्षित हैं.
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क्या था मामला
रामपुर शाहाबाद के बैरूआ गांव के महफूज उत्तराखंड में ट्रक चालक था. उसके साथ उत्तराखंड के बाजपुर निवासी हरकेश भी ट्रक चालाता था. एक सड़क दुर्घटना में 8 मई को हरकेश की मौत हो गई थी. हरकेश की मौत के बाद उसकी पत्नी हरजिंदर कौर अपने दो के साथ कालाढूंगी जाकर रहने लगी. हरकेश की मौत के बाद महफूज ने सहारा देने के लिए उसकी पत्नी हरजिंदर कौर और बच्चों को अपने साथ गांव ले आया. आरोप है कि पांच दिन पूर्व आरोपी महफूज ने विधवा हरजिंदर कौर का नाम बदलकर गुलिस्ता रख दिया, और बेटों का भी नाम बदलकर धर्म परिवर्तन करा दिया.
बच्चों में संक्रमण फैला तो मामले का हुआ खुलासा
महफूज ने धर्म परिवर्तन करवाने के लिए नाई बुलाकर दोनों बच्चों का जबरन खतना करवा दिया. इसके बाद बच्चों में संक्रमण फैला और उनकी हालत बिगड़ी तो उन्हें अस्पताल ले जाने की बजाय महफूज और उसके परिवार वालों ने बच्चों के साथ उनकी मां हरजिंदर को कमरे में कैद कर दिया. इनकी सुगबुगाहट हुई तो आसपास का हिन्दू समुदाय आक्रोशित हो गया.
मामला बढ़ते देख पुलिस हरकत में आई तो महफूज के परिजनों को गिरफ्तार किया गया, लेकिन वह भाग गया. बुधवार को मामले की जांच करने पहुंचे बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष विशेष गुप्ता ने बताया कि बच्चों की हालत काफी बिगड़ चुकी है. उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. साथ ही प्रदेश में ऐसे कितने मामले हुए हैं, इसका पता लगाने के लिए आयोग की टीम पुलिस के साथ मिलकर छानबीन कर रही है. इसके शिकार बच्चों को संरक्षण देने के लिए आयोग डेटा तैयार करके इसकी रिपोर्ट सरकार को भेजेगा.