लखनऊ : पीएचडी में जिस तरह शोधार्थी सिर्फ शोधकार्य करते हैं, ठीक उसी तर्ज पर अब पीजी की भी पढ़ाई होने जा रही है. इसके लिए बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय (बीबीएयू) की ओर से पीजी पाठ्यक्रम में बड़ा बदलाव किया गया है.
अब छात्रों को विकल्प दिया जाएगा कि क्या पढ़ना चाहते हैं. इसमें कोर्स वर्क, रिसर्च या दोनो का विकल्प भी छात्रों को दिया जाएगा. अगर कोई छात्र प्रवेश के बाद सिर्फ रिसर्च का विकल्प चुनता है, तो वह पूरे पाठ्यक्रम के दौरान सिर्फ रिसर्च करेगा. यह व्यवस्था लागू करने वाला बीबीएयू शहर का पहला विश्वविद्यालय है.
फोर इयर यूजी के लिए वन इयर पीजी में दाखिला ले सकेंगे : बीबीएयू की रजिस्ट्रार प्रो. यूवी किरण ने बताया कि अब दो साल पीजी व एक साल पीजी दोनों ही पाठ्यक्रम संचालित किये जाएंगे. इसमें थ्री इयर स्नातक करने वाले दो साल पीजी करेंगे. फोर इयर यूजी करने वाले वन इयर पीजी में दाखिला लेंगे.
इसके अलावा फाइव इयर के यूजी व पीजी के जो इंटीग्रेटेड प्रोग्राम संचालित हो रहे हैं, उसमें भी इसे लागू किया गया है. इसमें दोनो ही पाठ्यक्रमों में अब छात्रों को अपना विकल्प चुनने का अवसर दिया जाएगा कि वह पीजी की पढ़ाई किस रूप में करना चाहते हैं.
अगर कोई कोर्स वर्क या रिसर्च में से एक चुनता है, तो पीएचडी में जिस तरह कोर्स वर्क होता है, उसी तरह दो साल या एक साल छात्र वही पढ़ाई करेंगे. जबकि दोनों चुनने वालों को एक-एक सेमेस्टर में अलग-अलग पढ़ाया जाएगा.
बदल जाएगा विश्वविद्यालय में पढ़ाई का पैटर्न: नई शिक्षा नीति में दिये गए सुझावों के आधार पर इसे बनाया गया है. विवि में इस सत्र में जो भी प्रवेश होंगे उसमें इसी पैटर्न पर पढ़ाई करवाई जाएगी.
इस व्यवस्था के लागू होने के बाद अब बीबीएयू के पीजी पाठ्यक्रमों में पढ़ाई का पूरा पैटर्न बदलने जा रहा है. अब तक पीजी में एक ही सिलेबस होता है जो सभी छात्रों को समान रूप से पढ़ाया जाता है.
अब हर विभाग में पीजी पाठ्यक्रम में ही छात्रों को चार से पांच ग्रुप होंगे और उनके मुताबिक पढ़ाई करवानी होगी. एक तरह का पर्सनलाइज्ड एजुकेशन सिस्टम होगा जो छात्र के हिसाब से अलग-अलग होगा. वहीं वन इयर व टू इयर पीजी में छात्र अलग-अलग होंगे.