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UP Election 2022: इस विधानसभा सीट पर आज तक कभी नहीं खिला 'कमल', जानिए क्या रही वजह... - MLA Tanzin Fatima

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) को लेकर प्रदेश के साथ आजम खान के गढ़ रामपुर में भी सरगर्मियां तेज हो गई हैं. आइए जानते हैं कि रामपुर 37 नगर विधानसभा में चुनावी समीकरण क्या हैं?

रामपुर 37 नगर विधानसभा का चुनावी समीकरण.
रामपुर 37 नगर विधानसभा का चुनावी समीकरण.
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Published : Dec 10, 2021, 2:02 PM IST

रामपुरः यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) को लेकर पूरे प्रदेश के साथ जिले में भी सरगर्मियां तेज हो गई हैं. जिले की सभी विधानसभा सीटों पर संभावित उम्मीदवारों ने भी जोर आजमाइश शुरू कर दी है. जिले की रामपुर 37 नगर विधानसभा ऐसी है, जहां भाजपा 41 सालों में एक बार भी कमल का फूल नहीं खिला पाई. हालांकि इन 41 सालों में तीन बार भारतीय जनता पार्टी की उत्तर प्रदेश में सरकार बनी. 2017 में भाजपा की लहर में भी यहां कमल नही खिल सका और आजम खान का दबदबा बरकरार है. नगर विधानसभा से 9 बार विधायक रहे आजम खान की पत्नी तंजीन फातिमा मौजूदा विधायक हैं.

गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी की स्थापना 6 जुलाई 1980 में हुई. इससे पहले यह पार्टी जनसंघ के नाम से जानी जाती थी. यूपी में 24 जून 1991 को पहली बार उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार और कल्याण सिंह पहली बार सीएम बने. दूसरी बार 1997 में भाजपा की सरकार बनी. इन पांच सालों में तीन मुख्यमंत्री रहे. कल्याण सिंह के बाद राम प्रकाश गुप्ता और फिर राजनाथ सिंह सीएम रहे. तीसरी बार 2017 में भाजपा की पूर्ण बहुमत से सरकार बनी और योगी आदित्यनाथ मौजूदा सीएम हैं.

रामपुर 37 नगर विधानसभा का चुनावी समीकरण.


भाजपा नेता और पूर्व प्रत्याशी 37 नगर विधानसभा के प्रत्याशी भारत भूषण गुप्ता ने कहा कि यह सही है कि भारतीय जनता पार्टी एक बार भी यहां अपनी जीत दर्ज नहीं करा पाई है, जिसके बड़े कारण रहे हैं. कांग्रेस ने लंबे टाइम तक यहां पर शासन किया. प्रदेश में सपा और बसपा की सरकारी रही. यहां जातिवाद हावी होता था, 2014 में जब से केंद्र में मोदी की सरकार और 2017 में यूपी में योगी की सरकार बनने के बाद माहौल बदला है. भारतीय जनता पार्टी की सरकारों ने सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सब का प्रयास के साथ काम किये हैं. भारत भूषण गुप्ता ने कहा उपचुनाव में 2019 में वह और समाजवादी पार्टी की बीच सीधी टक्कर हुई थी. हालांकि वह चुनाव में हार गया लेकिन हार का ज्यादा अंतर नहीं था.

इसे भी पढ़ें-UP Election 2022: इस बार अटल बिहारी वाजपेई की विरासत संभालना भाजपा के लिए चुनौती, जानिए क्या है समीकरण

समाजवादी समर्थक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एडवोकेट अजीम इकबाल खान ने कहा कि इस विधानसभा सीट से कमल कभी नहीं खिलेगा. क्योंकि भाजपा के पदाधिकारियों की थानों और जिला प्रशासन में सुनवाई तक तो है नहीं, यह अवाम की क्या खिदमत करेंगे.

उन्होंने कहा कि भाजपा के पदाधिकारी आवाम की खिदमत करते तो कभी का कमल खिल गया होता. उन्होंने कहा कि आवाम का दिल जीत कर वोट मिलता है जो आजम खान ने विकास करके दिखाया है. भाजपा के लोग उस विकास की नकल भी नहीं कर पाएंगे. अजीम इकबाल ने कहा कि भाजपा की सरकार में कोई भी विकास कार्य नहीं कराया है. यहां जो विकास कार्य हुए हैं, वह आजम खान और अखिलेश यादव की देन है. अजीम इकबाल खान ने कहा कि कभी जिंदगी में भी यहां कमल नहीं खिलेगा.

रामपुरः यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) को लेकर पूरे प्रदेश के साथ जिले में भी सरगर्मियां तेज हो गई हैं. जिले की सभी विधानसभा सीटों पर संभावित उम्मीदवारों ने भी जोर आजमाइश शुरू कर दी है. जिले की रामपुर 37 नगर विधानसभा ऐसी है, जहां भाजपा 41 सालों में एक बार भी कमल का फूल नहीं खिला पाई. हालांकि इन 41 सालों में तीन बार भारतीय जनता पार्टी की उत्तर प्रदेश में सरकार बनी. 2017 में भाजपा की लहर में भी यहां कमल नही खिल सका और आजम खान का दबदबा बरकरार है. नगर विधानसभा से 9 बार विधायक रहे आजम खान की पत्नी तंजीन फातिमा मौजूदा विधायक हैं.

गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी की स्थापना 6 जुलाई 1980 में हुई. इससे पहले यह पार्टी जनसंघ के नाम से जानी जाती थी. यूपी में 24 जून 1991 को पहली बार उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार और कल्याण सिंह पहली बार सीएम बने. दूसरी बार 1997 में भाजपा की सरकार बनी. इन पांच सालों में तीन मुख्यमंत्री रहे. कल्याण सिंह के बाद राम प्रकाश गुप्ता और फिर राजनाथ सिंह सीएम रहे. तीसरी बार 2017 में भाजपा की पूर्ण बहुमत से सरकार बनी और योगी आदित्यनाथ मौजूदा सीएम हैं.

रामपुर 37 नगर विधानसभा का चुनावी समीकरण.


भाजपा नेता और पूर्व प्रत्याशी 37 नगर विधानसभा के प्रत्याशी भारत भूषण गुप्ता ने कहा कि यह सही है कि भारतीय जनता पार्टी एक बार भी यहां अपनी जीत दर्ज नहीं करा पाई है, जिसके बड़े कारण रहे हैं. कांग्रेस ने लंबे टाइम तक यहां पर शासन किया. प्रदेश में सपा और बसपा की सरकारी रही. यहां जातिवाद हावी होता था, 2014 में जब से केंद्र में मोदी की सरकार और 2017 में यूपी में योगी की सरकार बनने के बाद माहौल बदला है. भारतीय जनता पार्टी की सरकारों ने सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सब का प्रयास के साथ काम किये हैं. भारत भूषण गुप्ता ने कहा उपचुनाव में 2019 में वह और समाजवादी पार्टी की बीच सीधी टक्कर हुई थी. हालांकि वह चुनाव में हार गया लेकिन हार का ज्यादा अंतर नहीं था.

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समाजवादी समर्थक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एडवोकेट अजीम इकबाल खान ने कहा कि इस विधानसभा सीट से कमल कभी नहीं खिलेगा. क्योंकि भाजपा के पदाधिकारियों की थानों और जिला प्रशासन में सुनवाई तक तो है नहीं, यह अवाम की क्या खिदमत करेंगे.

उन्होंने कहा कि भाजपा के पदाधिकारी आवाम की खिदमत करते तो कभी का कमल खिल गया होता. उन्होंने कहा कि आवाम का दिल जीत कर वोट मिलता है जो आजम खान ने विकास करके दिखाया है. भाजपा के लोग उस विकास की नकल भी नहीं कर पाएंगे. अजीम इकबाल ने कहा कि भाजपा की सरकार में कोई भी विकास कार्य नहीं कराया है. यहां जो विकास कार्य हुए हैं, वह आजम खान और अखिलेश यादव की देन है. अजीम इकबाल खान ने कहा कि कभी जिंदगी में भी यहां कमल नहीं खिलेगा.

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