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रामपुर: तीन जांच एजेंसियां कर रही हैं आजम खां से जुड़े मामलों की जांच

उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले में सपा नेता आजम खां के खिलाफ 80 से ज्यादा मुकदमें दर्ज हैं. इन मामलों की जांच के लिए तीन एजेंसियां लगी हुई हैं.

आजम खां
आजम खां
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Published : Oct 18, 2020, 4:00 PM IST

रामपुर: यूपी की सियासत में सपा नेता व सांसद मोहम्मद आजम खां का नाम चर्चा में रहता है. हालांकि मौजूदा समय में समाजवादी पार्टी के इस नेता के सितारे गर्दिश में हैं. इस वक्त सांसद आजम खान अपनी विधायक पत्नी तंजीम फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम खां के साथ सीतापुर जेल में बंद हैं. आपको बता दें आजम खां पर 80 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं.

आजम खां ने कभी यह सोचा भी नहीं होगा कि उनके ऊपर मुर्गी चोरी, बकरी चोरी और भैंस चोरी के मुकदमे दर्ज होंगे. सांसद आजम खां पर 80 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हुए हैं. इनमें कई जांच एजेंसियां इन मामलों की जांच कर रही हैं. मनी लॉन्ड्रिंग वाले आय से अधिक संपत्ति वाले मामले की जांच ईडी कर रही है. वहीं आजम खां से जुड़े मामलों की जांच के लिए एसआईटी की टीम भी गठित की गई थी. वहीं स्थानीय पुलिस भी आजम खां से जुड़े मामलों की जांच कर रही है.

आजम खां से जुड़े मामलों की चल रही है जांच.

आजम खां पर अवैध कब्जे का आरोप

सपा सरकार में आजम खां कई विभागों के मंत्री थे. उस दौरान उन्होंने कई विकास कार्य कराए. आजम खान ने जौहर यूनिवर्सिटी बनाई, जिसमें कुछ किसानों की जमीन कब्जा कर ली गई थी. इसमें आलियागंज गांव के 28 किसानों ने थाना अजीम नगर में आजम खां के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया था.प्रशासन द्वारा इसकी दीवार तोड़ कर अतिक्रमण हटाया गया था. इसके अलावा आजम खां की पत्नी के नाम एक हमसफर रिसोर्ट होटल था, जिसमें उन्होंने नहर विभाग की कुछ जमीन कब्जा करने का आरोप है. वहीं हमसफर रिसोर्ट होटल का नक्शा भी आरडीए से पास नहीं था, जिस पर आरडीए ने उनको नोटिस भी भेजा था.

जमीन कब्जा कर बनाया स्कूल

बरहाल इसके अलावा भी कई ऐसी कार्रवाई हैं, जो आजम खान के खिलाफ चल रही हैं. एक चर्चित मामला है यतीमखाना बस्ती का, जहां पर 30 से 40 सालों से कई परिवार रह रहे थे. वहां पर घोसी बिरादरी के लोग थे, जो भैंस पाल कर अपने परिवार का पालन पोषण करते थे. यह जगह उनको नवाब साहब ने एलॉट की थी. वह सालों से यहां रह रहे थे और वह इसका किराया दे रहे थे. इसके बाद सत्ता में रहते आजम खां ने भारी पुलिस बल के साथ यहां के कई परिवारों को उस जगह से हटाया था. उस पूरी जगह को बुल्डोजर जेसीबी से धराशाई कर दिया था. वहां पर उन्होंने अपना रामपुर पब्लिक स्कूल का निर्माण कराया था.

आजम ने तुड़वाया लालपुर का पुल

इसके अलावा लालपुर का पुल था जो तहसील टांडा को जोड़ता था. उस पुल से रोजाना के कई हजार लोगों का गुजरना होता था. लगभग कई सौ गांवों को जोड़ने का वह एक इकलौता पुल था, जो कोसी नदी पर बना हुआ था. आजम खां ने पुल को तुड़वाया और नए पुल का निर्माण कराया. लेकिन निर्माण अधूरा रह गया जो वह अभी तक पूरा नहीं हो पाया है. चाहे सत्ता पक्ष के लोग हों या विपक्ष के लोग सभी लोग उस पुल के लिए विरोध प्रदर्शन भी करते हैं, लेकिन अभी भी पुल बनकर तैयार नहीं हुआ है.

अभी कुछ दिन पहले ही डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य भी आए थे, उन्होंने इस पुल के निर्माण के लिए दिसंबर 2021 की तारीख दी है. इस पुल के टूट जाने से आस-पास के दुकानदारों का कारोबार भी न के बराबर ही रह गया है. लोग रामपुर से अगर टांडा जाते हैं, तो पहले 22 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती थी. अब पुल टूटने से उनको 50 किलोमीटर की दूरी तय करके तहसील टांडा पहुंचना पड़ता है. वहीं एक सरकारी यूनानी अस्प्ताल था, जिसके 70% हिस्से पर उन्होंने अपना कब्जा कर रामपुर पब्लिक स्कूल बनाया. थोड़ा सा हिस्सा एक दो कमरे छोड़कर उसमें यूनानी अस्पताल रह गया था. उस मामले की भी जांच चल रही है.

आजम के करीबियों पर हुई ताबड़तोड़ कार्रवाई

मौजूदा हालात में आजम खां पर दर्ज मामलों में ज्यादातर में आजम खां को जमानत मिल गई है. अब इस वक्त चंद मामले ही ऐसे रह गए हैं, जिनमें जमानत मिलनी बाकी है. आजम खां के बेहद करीबी ज्यादातर सभी लोगों को पुलिस ने अरेस्ट कर जेल भेज दिया है. चंद लोग ही बचे हैं, जो अभी पुलिस की पकड़ से दूर हैं. इसमें पूर्व चेयरमैन अजहर अहमद खान का नाम भी शामिल है, जो आजम खान के बेहद करीबी थे और अभी तक वह पुलिस की पकड़ से दूर हैं. बहरहाल रामपुर की सियासत आजम खां के इर्द-गिर्द ही घूमती है. भले ही आजम खां सीतापुर जेल में हों, लेकिन उनके नाम के चर्चे आज भी लोगों की जबान पर है. बरहाल उनके समर्थकों का कहना है कि आजम खां जल्द ही बाहर आ सकते हैं.

उनके सरकारी वकील अजय तिवारी ने बताया कि आजम खां से जुड़े मामलों की 3 जांच एजेंसियां जांच कर रही है. पहला ईडी है, जो आय से अधिक संपत्ति मामले में और मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रही है. दूसरा एसआईटी की टीम गठित की थी, वह जांच कर रही है. तीसरा स्थानीय पुलिस जांच कर रही है. बरहाल अभी और कोई भी जांच कमेटी आजम खां की गठित नहीं की है.

रामपुर: यूपी की सियासत में सपा नेता व सांसद मोहम्मद आजम खां का नाम चर्चा में रहता है. हालांकि मौजूदा समय में समाजवादी पार्टी के इस नेता के सितारे गर्दिश में हैं. इस वक्त सांसद आजम खान अपनी विधायक पत्नी तंजीम फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम खां के साथ सीतापुर जेल में बंद हैं. आपको बता दें आजम खां पर 80 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं.

आजम खां ने कभी यह सोचा भी नहीं होगा कि उनके ऊपर मुर्गी चोरी, बकरी चोरी और भैंस चोरी के मुकदमे दर्ज होंगे. सांसद आजम खां पर 80 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हुए हैं. इनमें कई जांच एजेंसियां इन मामलों की जांच कर रही हैं. मनी लॉन्ड्रिंग वाले आय से अधिक संपत्ति वाले मामले की जांच ईडी कर रही है. वहीं आजम खां से जुड़े मामलों की जांच के लिए एसआईटी की टीम भी गठित की गई थी. वहीं स्थानीय पुलिस भी आजम खां से जुड़े मामलों की जांच कर रही है.

आजम खां से जुड़े मामलों की चल रही है जांच.

आजम खां पर अवैध कब्जे का आरोप

सपा सरकार में आजम खां कई विभागों के मंत्री थे. उस दौरान उन्होंने कई विकास कार्य कराए. आजम खान ने जौहर यूनिवर्सिटी बनाई, जिसमें कुछ किसानों की जमीन कब्जा कर ली गई थी. इसमें आलियागंज गांव के 28 किसानों ने थाना अजीम नगर में आजम खां के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया था.प्रशासन द्वारा इसकी दीवार तोड़ कर अतिक्रमण हटाया गया था. इसके अलावा आजम खां की पत्नी के नाम एक हमसफर रिसोर्ट होटल था, जिसमें उन्होंने नहर विभाग की कुछ जमीन कब्जा करने का आरोप है. वहीं हमसफर रिसोर्ट होटल का नक्शा भी आरडीए से पास नहीं था, जिस पर आरडीए ने उनको नोटिस भी भेजा था.

जमीन कब्जा कर बनाया स्कूल

बरहाल इसके अलावा भी कई ऐसी कार्रवाई हैं, जो आजम खान के खिलाफ चल रही हैं. एक चर्चित मामला है यतीमखाना बस्ती का, जहां पर 30 से 40 सालों से कई परिवार रह रहे थे. वहां पर घोसी बिरादरी के लोग थे, जो भैंस पाल कर अपने परिवार का पालन पोषण करते थे. यह जगह उनको नवाब साहब ने एलॉट की थी. वह सालों से यहां रह रहे थे और वह इसका किराया दे रहे थे. इसके बाद सत्ता में रहते आजम खां ने भारी पुलिस बल के साथ यहां के कई परिवारों को उस जगह से हटाया था. उस पूरी जगह को बुल्डोजर जेसीबी से धराशाई कर दिया था. वहां पर उन्होंने अपना रामपुर पब्लिक स्कूल का निर्माण कराया था.

आजम ने तुड़वाया लालपुर का पुल

इसके अलावा लालपुर का पुल था जो तहसील टांडा को जोड़ता था. उस पुल से रोजाना के कई हजार लोगों का गुजरना होता था. लगभग कई सौ गांवों को जोड़ने का वह एक इकलौता पुल था, जो कोसी नदी पर बना हुआ था. आजम खां ने पुल को तुड़वाया और नए पुल का निर्माण कराया. लेकिन निर्माण अधूरा रह गया जो वह अभी तक पूरा नहीं हो पाया है. चाहे सत्ता पक्ष के लोग हों या विपक्ष के लोग सभी लोग उस पुल के लिए विरोध प्रदर्शन भी करते हैं, लेकिन अभी भी पुल बनकर तैयार नहीं हुआ है.

अभी कुछ दिन पहले ही डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य भी आए थे, उन्होंने इस पुल के निर्माण के लिए दिसंबर 2021 की तारीख दी है. इस पुल के टूट जाने से आस-पास के दुकानदारों का कारोबार भी न के बराबर ही रह गया है. लोग रामपुर से अगर टांडा जाते हैं, तो पहले 22 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती थी. अब पुल टूटने से उनको 50 किलोमीटर की दूरी तय करके तहसील टांडा पहुंचना पड़ता है. वहीं एक सरकारी यूनानी अस्प्ताल था, जिसके 70% हिस्से पर उन्होंने अपना कब्जा कर रामपुर पब्लिक स्कूल बनाया. थोड़ा सा हिस्सा एक दो कमरे छोड़कर उसमें यूनानी अस्पताल रह गया था. उस मामले की भी जांच चल रही है.

आजम के करीबियों पर हुई ताबड़तोड़ कार्रवाई

मौजूदा हालात में आजम खां पर दर्ज मामलों में ज्यादातर में आजम खां को जमानत मिल गई है. अब इस वक्त चंद मामले ही ऐसे रह गए हैं, जिनमें जमानत मिलनी बाकी है. आजम खां के बेहद करीबी ज्यादातर सभी लोगों को पुलिस ने अरेस्ट कर जेल भेज दिया है. चंद लोग ही बचे हैं, जो अभी पुलिस की पकड़ से दूर हैं. इसमें पूर्व चेयरमैन अजहर अहमद खान का नाम भी शामिल है, जो आजम खान के बेहद करीबी थे और अभी तक वह पुलिस की पकड़ से दूर हैं. बहरहाल रामपुर की सियासत आजम खां के इर्द-गिर्द ही घूमती है. भले ही आजम खां सीतापुर जेल में हों, लेकिन उनके नाम के चर्चे आज भी लोगों की जबान पर है. बरहाल उनके समर्थकों का कहना है कि आजम खां जल्द ही बाहर आ सकते हैं.

उनके सरकारी वकील अजय तिवारी ने बताया कि आजम खां से जुड़े मामलों की 3 जांच एजेंसियां जांच कर रही है. पहला ईडी है, जो आय से अधिक संपत्ति मामले में और मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रही है. दूसरा एसआईटी की टीम गठित की थी, वह जांच कर रही है. तीसरा स्थानीय पुलिस जांच कर रही है. बरहाल अभी और कोई भी जांच कमेटी आजम खां की गठित नहीं की है.

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