ETV Bharat / state

रामपुर: डूडा की ओर से महिलाओं को मिला स्कूल ड्रेस सिलाई का काम

author img

By

Published : Jul 4, 2020, 10:33 AM IST

उत्तर प्रदेश के रामपुर में डूडा ने स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को रोजगार देने की एक पहल की है. महिलाओं को प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों के ड्रेस की सिलाई का काम सौंपा है.

employment for women
महिलाओं को प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों के ड्रेस की सिलाई का काम सौंपा है.

रामपुर: जिले में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए और रोजगार देने के लिए, केंद्र सरकार ने पहल की है. केंद्र सरकार ने आत्मनिर्भर भारत के तहत जिला अधिकारी के दिशा-निर्देशन में जिला नगरीय विकास अभिकरण की ओर से गठित राष्ट्रीय अधिवेशन के समूह के सदस्यों को स्कूल ड्रेस सिलाई काम सौंपा है. इस सिलाई के काम से कई महिलाओं के परिवार का पालन-पोषण चल रहा है.

डूडा ने स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को रोजगार देने की एक पहल की है.
जिले में शनिवार को जिला नगरीय विकास अभिकरण को पहली बार प्राथमिक विद्यालय के बच्चों की ड्रेस सिलाई की जिम्मेदारी मिली है. इससे पहले यह काम अन्य स्वयं सेवी संस्थाओं की ओर से कराया जाता था. इस साल पहली बार यह काम डूडा विभाग को मिला है. डूडा विभाग ने स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से प्राथमिक विद्यालय के बच्चों की यूनिफॉर्म सिलाई का काम करा रहा है. इससे उन महिलाओं को रोजगार मिल सकेगा और वह अपने परिवार का पालन-पोषण कर सकेंगी. साथ ही वे आत्मनिर्भर बन सकेंगी.

इस बारे में मुनीष राज स्वरूप परियोजना अधिकारी डूडा ने बताया कि जनपद में पहली बार प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों की ड्रेस सिलाई का कार्य डूडा की स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की ओर से कराया जा रहा है. ऐसा प्रयास किया जा रहा है कि आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत लोगों को सीधा रोजगार दिया जा सके. उन्होंने बताया कि इस समय उनका एक ट्रेनिंग सेंटर है, जिसमें 75 महिलाएं काम कर रही हैं, जो प्रतिदिन 700 से 800 ड्रेस बनाती हैं. इसमें लड़के और लड़कियां दोनों के ड्रेस शामिल हैं. इसमें कपड़ा बीएसए के माध्यम से उपलब्ध कराया जाता है और सिलाई का कार्य डूडा की स्वयं सहायता महिलाओं की ओर से किया जाता है.

रामपुर: जिले में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए और रोजगार देने के लिए, केंद्र सरकार ने पहल की है. केंद्र सरकार ने आत्मनिर्भर भारत के तहत जिला अधिकारी के दिशा-निर्देशन में जिला नगरीय विकास अभिकरण की ओर से गठित राष्ट्रीय अधिवेशन के समूह के सदस्यों को स्कूल ड्रेस सिलाई काम सौंपा है. इस सिलाई के काम से कई महिलाओं के परिवार का पालन-पोषण चल रहा है.

डूडा ने स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को रोजगार देने की एक पहल की है.
जिले में शनिवार को जिला नगरीय विकास अभिकरण को पहली बार प्राथमिक विद्यालय के बच्चों की ड्रेस सिलाई की जिम्मेदारी मिली है. इससे पहले यह काम अन्य स्वयं सेवी संस्थाओं की ओर से कराया जाता था. इस साल पहली बार यह काम डूडा विभाग को मिला है. डूडा विभाग ने स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से प्राथमिक विद्यालय के बच्चों की यूनिफॉर्म सिलाई का काम करा रहा है. इससे उन महिलाओं को रोजगार मिल सकेगा और वह अपने परिवार का पालन-पोषण कर सकेंगी. साथ ही वे आत्मनिर्भर बन सकेंगी.

इस बारे में मुनीष राज स्वरूप परियोजना अधिकारी डूडा ने बताया कि जनपद में पहली बार प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों की ड्रेस सिलाई का कार्य डूडा की स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की ओर से कराया जा रहा है. ऐसा प्रयास किया जा रहा है कि आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत लोगों को सीधा रोजगार दिया जा सके. उन्होंने बताया कि इस समय उनका एक ट्रेनिंग सेंटर है, जिसमें 75 महिलाएं काम कर रही हैं, जो प्रतिदिन 700 से 800 ड्रेस बनाती हैं. इसमें लड़के और लड़कियां दोनों के ड्रेस शामिल हैं. इसमें कपड़ा बीएसए के माध्यम से उपलब्ध कराया जाता है और सिलाई का कार्य डूडा की स्वयं सहायता महिलाओं की ओर से किया जाता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.