रामपुर: जिले में एक बार फिर राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है. सपा के कद्दावर नेता आजम खान के लोकसभा में पहुंच जाने के बाद जिले की एक विधानसभा सीट खाली हो गई है, जिस पर उपचुनाव में सभी राजनीतिक पार्टियों के दावेदार अपनी दावेदारी कर रहे हैं. आजम खान के विधायक बेटे अब्दुल्लाह आजम ने उपचुनाव की बागडोर संभाली है. उपचुनाव के सपा उम्मीदवार के तौर पर अपनी मां ताजीन फातिमा के लिए मोर्चा संभाला है.
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सरकार ने भाजपा को वोट न देने की सजा के तौर पर जेलों में डाला
सपा कार्यालय दारुल आवाम पर अपने कार्यकर्ताओं के साथ मीटिंग करते हुए अपने संबोधन में अब्दुल्ला आजम ने सरकार को आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि इस बार यह बात साबित हो गई है कि लोकसभा चुनाव में हार जाने के बाद किस तरीके से सरकार ने आप से भाजपा को वोट न देने की सजा के तौर पर जेलों में डाला है.
यह सब आपकी मोहब्बत और आपकी दुआएं थी, जो लोग साथ नहीं भी थे. जो डर गए उनकी दुआओं का असर था कि जो महीने लग गए 26 एफआईआर करने में उस मालिक का हुकुम हुआ और हाईकोर्ट ने एक झटके में उन 26 एफआईआर पर रोक लगा दी. मैंने पहले भी कहा था कि अदालत पर भरोसा है और आज भी कहता हूं. जब सरकारें, पुलिस प्रशासन, इंसाफ नहीं करेगा तो अदालत में और अदालत नहीं करेगी, तो फिर वो करेगा. जब वो करेगा तो किसी के बस की बात नहीं होगी.
-अब्दुल्ला आजम खान, विधायक